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Sonali Mishra
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आजादी का अमृत महोत्सव: स्व-तंत्र और स्व-विमर्श की तलाश में भटकता हिन्दू
वर्ष 1947 में विभाजन के उपरान्त अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुआ भारत अपनी मुक्ति अर्थात आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हर...
वेटिकन घोटाला बनाम लाल सिंह चड्ढा के माध्यम से फिल्मों का घोटाला: पर्दे के जीवन और असली जीवन में कहानी एकदम अलग है
आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा पर बातें हो रही हैं, फिल्म का व्यापार अभी भी भारत में कम से कम उठ नहीं...
जिन मोदी भक्तों को सलमान रुश्दी ने कहा था “मोदी टोडीज” वही उनके लिए शोकाकुल हैं! यही हिंदुत्व है सलमान रुश्दी साहब!
सलमान रुश्दी इन दिनों जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। और भारत में हिंदू उनके जीवन के लिए प्रार्थना कर रहे...
लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका में हमला: पूरा विश्व अचम्भित और स्तब्ध!
सैटेनिक वर्सिस लिखने वाले सलमान रुश्दी पर अमेरका में जानलेवा हमला हुआ है और वह अभी जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे हैं।...
जिस “हर हर शंभू” गाने के लिए गायक एवं लेखक जीतू शर्मा ने बेच दी थी अपनी लोडर गाड़ी और लगा दिया सब कुछ,...
“हर हर शंभू” गाना गाकर ख्याति पाने वाली फ़रमानी नाज ने अपने चैनल से उस गाने को हटा दिया है। ऐसा इसलिए किया है...
लाल सिंह चड्ढा: खराब ओपनिंग और भारत विरोधी एजेंडा: एक बार फिर से असली चेहरा दिखाया आमिर खान ने!
आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा की ओपनिंग अत्यंत निराशाजनक रही है और साथ ही इसकी आलोचना भी हो रही है। और समीक्षाएं भी...
92 वर्षीय सरवन सिंह और उनके भतीजे मोहन सिंह उर्फ़ अफज़ल खालिक की कहानी ही बताती है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और भारत में...
जालंधर में बहौदिनपुर गाँव में रहने वाले 92 वर्षीय सरवन सिंह और उनके भतीजे मोहन सिंह उर्फ़ अफजल खालिक की कहानी और तस्वीर यह...
रक्षाबंधन पर आवश्यक है तोड़ना सेक्युलर इतिहास का मिथक: हुमायूं और कर्णावती की कहानी का मिथक
रक्षाबंधन क्या सारे हिन्दू त्यौहार आते ही सेक्युलर मीडिया और सेक्युलर लेखकों का यह कहना आरम्भ हो जाता है कि मुगलों ने यह त्यौहार...
लाल सिंह चड्ढा: एडवांस बुकिंग “नॉट आल इज वेल!” ऑस्टिन क्रोनिकल ने समीक्षा में बताया निराशाजनक फिल्म: अधेड़ आमिर खान को पतला और...
आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाल सिंह चड्ढा के विषय में जहाँ मीडिया भी खुलकर उसी प्रकार पक्ष में उतर आया है जैसे वह...
उर्दू क्या वास्तव में मजहबी भाषा बन गयी थी और है? प्रेमचंद द्वारा उर्दू भाषा में लेखन छोड़ने से उपजे कुछ प्रश्न!
भारत में और वह भी हिन्दी साहित्य में उर्दू को लेकर एक विशेष प्रेम है, प्रेम ही नहीं है, हिन्दी को लेकर हीनता बोध...