झारखंड में अंकिता की मृत्यु के बाद भी हिन्दू लड़कियों पर हमले के मामले थम नहीं रहे हैं, बल्कि और तेजी से बढ़ते आ रहे हैं। एक बहुत ही दिल को झकझोरने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग लड़की को पहले तो नाम बदलकर अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर जब लड़की के सामने सच आया तो लड़की को बहुत ही खौफनाक तरीके से मारने की योजना बनाई।
उसने लड़की को कुँए में धक्का दे दिया और उस पर पत्थर भी मारे, मगर यह लड़की का सौभाग्य था कि वह बच गयी और किसी प्रकार अपने घर पहुँची! परन्तु इतनी बड़ी घटना पर भी लोग मौन है! वह सभी एक्टिविस्ट जो मेंढक की तरह चिल्लाते हैं, वह मौन हैं, क्योंकि काम रब्बानी अंसारी ने किया है।
एक सन्नाटा है, एक चुप्पी है! किसी तक भी उस लड़की पर पड़े पत्थरों की आवाज या पीड़ा नहीं पहुँच पा रही है, और पहुंचेगी भी क्यों? क्योंकि नैतिक रूप से स्वयं को श्रेष्ठ मानने वाले लोग यह कहेंगे कि लड़कियों की गलती है, क्यों दोस्ती की? आखिर क्या जरूरत थी दोस्ती करने की?
परन्तु वही वर्ग इस बात पर ध्यान क्यों नहीं देता है कि क्या लडकियां हिन्दू लड़कों से भी बातें करना बंद कर दें? इस घटना में रब्बानी अंसारी अपने असली नाम से उस लड़की से नहीं मिला। वह उससे साजन उरांव बनकर मिला था। और यह बात सभी को पता है कि वनवासी समाज में खुलापन अधिक होता है क्योंकि वहां पर निश्छलता है! भारत में हिन्दुओं में लड़कियों को कैद में रखने की परम्परा रही ही नहीं है। संवाद का दौर रहा है, तभी लडकियां अपने जीवन का निर्णय लेने के लिए सोच पाती थीं।
परन्तु एक कबीलाई सोच है, वह नहीं चाहती कि कोई खुली आवाज इस दुनिया में रहे! वह नहीं चाहती है कि कोई भी लड़की उस दुनिया में सड़कों पर घूमे, खुले आसमान को ताके और यहाँ तक कि दुनिया को अपनी नजर से देखे! वह काले लबादे में कैद कर देना चाहती है, हर लड़की को! अफगानिस्तान में जहाँ लड़कियों को आसमान नसीब ही नहीं होता है! ईरान में जहाँ पर यह धमकियां दी जा रही हैं, कि हिजाब नहीं पहना तो आदमी तुम्हारा बलात्कार कर देंगे?
अफगानिस्तान में एक वरिष्ठ हक्कानी अधिकारी की बीवी का वीडियो वायरल हो रहा है, जो यह कह रही है कि वह उसे पीटता है, हर रत उसके साथ बलात्कार करता है, और यह उस औरत के आख़िरी शब्द हो सकते हैं, वह उसे मार डालेगा ।
इतना ही नहीं वहां पर आम लडकियां भी सुरक्षित नहीं है, माँ की आँखों के सामने तालिबान ने उसकी दो बेटियों का बलात्कार किया था
क्या यही वह सोच है, जो किसी भी रब्बानी अंसारी को एक नाबालिग पर ऐसा अत्याचार करने के लिए उकसाती है? और जब असलियत जानकर वह लड़की विरोध करती है, तो उसे कुँए में धकेल कर उस पर पत्थर मारे जाते हैं कि वह मर जाए?
यह किस हद तक राक्षसी मानसिकता है?
इस लड़की का भाग्य अच्छा था कि वह बच गयी। झारखंड के लोहरदगा जिले में रहने वाली नाबालिग बच्ची रब्बानी अंसारी की हवस का भी शिकार हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार 17 साल की लड़की के पास 6 महीने पहले एक अनजान नंबर से कॉल आया और उसने अपना नाम साजन उरांव बताया। उसके बाद वह उसे लगातार कॉल करने लगा। दोस्ती की बात करने लगा। लड़की भी उसके झांसे में आ गयी।
*यहाँ पर यह बात ध्यान देने वाली है कि रब्बानी ने अपना नाम साजन उरांव अर्थात वहीं का स्थानीय बताया था। अर्थात नाम बदलकर दोस्ती के जाल में फंसाया था। जैसे अंकिता को उसके मरने के बाद “तस्वीरों” के माध्यम से बदनाम करने का कुप्रयास किया गया, एवं यह प्रमाणित करने का कुचक्र रचा गया कि वह तो शाहरुख़ से प्यार करती थी और प्यार में झगड़ा होने पर उसने जला दिया!
क्या यही कहानी इस लडकी के साथ भी दोहराई जानी थी? यह मात्र जिज्ञासा है, क्योंकि कहीं न कहीं शाहरुख को बचाने वाला गैंग इसमें भी सक्रिय होता और साजन उरांव के रूप में जो निकटता थी, जिसका वीडियो भी उसने वायरल कर दिया था, वह गैंग कहता कि लड़की तो खुद प्यार करती थी “रब्बानी से”, यह प्यार में तकरार का मामला है!
प्यार में धोखा खाकर कोई भी पागल हो जाएगा, इस कारण उसने क़त्ल कर दिया होगा? जैसा अंकिता के मामले में हमने देखा कि अंकिता की मृत्यु एवं शाहरुख पर कसते शिकंजे के बीच अंकिता और शाहरुख की तस्वीरें वायरल हुईं। अब प्रश्न यह उठता है कि अंकिता तो चार पांच दिनों तक जूझती रही थी और शाहरुख को दोषी ठहराती रही थी, तो ऐसे में उन दिनों में वह तस्वीरें वायरल क्यों नहीं हुईं?
और इन तस्वीरों को वायरल करके यह भी दावा किया जाने लगा था कि अंकिता की हत्या उसके घरवालों ने ही तो नहीं की है? अंकिता ने मरते मरते जो बयान दिया था, उसे भी झुठलाने का षड्यंत्र रच दिया गया और मीडिया तक में आने लगा कि “मामले में आया नया मोड़!”
यह कैसा नया मोड़ हो सकता है? बिना जांच के क्या कोई तस्वीरों को सच ठहरा सकता है? नया मोड़ यह था कि किसी भी तरह इन तस्वीरों के माध्यम से शाहरुख को निकालकर अंकिता के परिवार को ही हॉनर किलिंग के केस में फंसा दिया जाए!
यह एक जाल है, बहुत बड़ा जाल! जिसमें अब नाबालिग लडकियां निशाना हैं। कभी अंकिता को फंसाया जाएगा, नहीं मानेगी तो उसे मार डाला जाएगा और कभी साजन उरांव बनकर फंसाया जाएगा, वीडियो वायरल किया जाएगा, मगर वह पल लड़की ने किसी रब्बानी के साथ नहीं बल्कि साजन उरांव के साथ बिताए थे, और रब्बानी का बचाव करने वाले लोग उन्हीं वीडियो और फोटों के माध्यम से उस लड़की और उसके घरवालों को दोषी ठहराएंगे!
जैसा अंकिता के मामले में करने का प्रयास किया गया!
इस मामले में लड़की द्वारा पूरा मामला बताए जाने पर आरोपी रब्बानी को हिरासत में ले लिया गया है। मीडिया के अनुसार
पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने खुद को अनुसूचित जनजाति (ST) बताया था। इसके बाद वह फोन पर बात करने लगा। उसने बताया था कि वह पेशे से सिंगर है। लड़की उसकी बातों में आ गयी और फिर उसे रांची बुलाकर फरवरी से जुलाई माह तक कई किराए के मकान में रख उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। इसी बीच लड़की को उसका असली नाम रबानी अंसारी और उसके शादीशुदा होने का भी पता चल गया। इसके बाद लड़की ने विरोध जताना शुरू कर दिया। इस बीच आरोपी लड़के ने उसके साथ अंतरंग वीडियो भी बना लिया था, जिसे उसने नाबालिग पर दबाव बनाने के लिए वायरल कर दिया।
विरोध करने पर लड़की को कुँए में धकेलकर पत्थर मारे, मगर लड़की किसी तरह बच गयी और वहां से भागकर किसी तरह लोहरदगा पहुँची और फिर लोहरदगा के डीएसपी परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि लोहरदगा महिला थाना कांड संख्या 26/ 2022 में भादवि की धारा 376, 427, 379, 417, 307 और सिक्स पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है
नजर लड़कियों पर है, नजर काफिरों की कोख पर है, नजर पीढ़ी मिटाने पर है! समय ऐसी बच्चियों के साथ खड़ा होने का है! समय अंकिता को न्याय दिलाने का है, समय कोख पर विमर्श का है!
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