spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
21.1 C
Sringeri
Tuesday, October 15, 2024

हिंदी पट्टी के इस्लाम परस्त फेमिनिज्म में खोता हिन्दू स्त्रियों का इतिहास- सरमा पाणी संवाद (ऋग्वेद)

हिंदी साहित्य में पिछले कई समय से कामकाजी स्त्री और घरेलू स्त्री को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। वैसे तो यह विवाद काफी पुराना और लंबा है, क्योंकि वाम पोषित कट्टर पिछड़ा हुआ फेमिनिज्म, हिन्दू स्त्रियों द्वारा की गयी उपलब्धियों को स्वीकारने से इंकार कर देता है। वह वेदों में ऋषिकाओं को नकारने के साथ ही झांसी की रानी, जीजाबाई, उनकी बहू ताराबाई, और यहाँ तक कि स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लेने वाली ननी बाला देवी जैसी स्त्रियों को भी नकार देती हैं और अपनी पहचान बनाने के लिए पश्चिम का विमर्श उठा लाती हैं, वह विमर्श जो अब वहां के भी प्रबुद्ध जगत से खोता जा रहा है।

दरअसल यह जो औरतें हैं (स्त्री कहकर स्त्री शब्द का अपमान नहीं करना चाहती हूँ), अध्ययन के प्रति उनकी अनिच्छा समझी जा सकती है क्योंकि उनके मन में भय है कि यदि उन्होंने अध्ययन किया और कुछ ऐसा निकला जो उस सिद्धांत से अलग है, या विपरीत है, जो उनके दिमाग में अभी तक भरा गया है, या जो जहर उन्होंने आने वाली पीढ़ी में दिया है, तो क्या होगा? वह जिसे मिथ्या ठहरा रही थीं, वह सत्य है और जिसे सत्य मान रही थीं, वह मिथ्या है, तो क्या होगा? वह सत्य का सामना करने से डरती हैं। वह यह मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं कि स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने वाली स्त्रियाँ थीं। गांधी जी ने जब स्त्रियों से स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेने का आह्वान किया था, उससे न जाने कितना पहले से स्त्रियाँ अंग्रेजों को भगाने के लिए हर संभव आन्दोलन में भाग ही नहीं ले रही थीं बल्कि ननी बाला देवी ने तो जीवन समर्पित किया ही, जेल से छूटने के बाद गुमनाम मृत्यु को भी गले लगाया।

वेदों में एक संवाद है सरमा-पाणि संवाद! आज उसे पढ़ते हैं, और यह तथ्य कि स्त्री दूत का कार्य भी करती थीं, शायद यह पश्चिम की गुलाम और इस्लाम की प्रेमी फेमिनिस्ट नहीं समझ पाएंगी:

“हे पाणी, तुमने इंद्र की गौओं को चुराकर जो पाप किया है, तुम उनकी क्षमा मांग लो, और गौ धन देवताओं को वापस कर दो!” देवताओं की दूत सरमा ने पाणियों के सम्मुख कहा! पाणी देव लोक की गौ चुराकर ले आए थे। और उन्होंने अज्ञात स्थान पर रख दिया था। इंद्र को नहीं पता था कि देवलोक का गौधन कहाँ है, बस इतना पता था कि पाणी चुरा कर ले गए थे।

ऋग्वेद के दसवें मंडल का 108वां सूक्त अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना बनकर सामने खड़ा है। यह स्वयं में महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इसमें सरमा – पाणी संवाद है। सरमा नामक स्त्री देवताओं की दूत बनकर गौ का हरण करने वाले पाणियों के पास इंद्र का सन्देश लेकर गयी थी।

पाणियों को एक स्त्री को दूत के रूप में पाकर आश्चर्य होता है। पाणियों को ही क्यों, यदि आज कहा जाए कि उस समय भी स्त्रियों को दूत के रूप में भेजने की परम्परा थी, या कहें धारणा थी तो अचरज होना स्वाभाविक है।

इन मन्त्रों को पढ़ने से कुछ तथ्य स्पष्ट होते हैं, कि सरमा को दूत के उत्तरदायित्वों का पूरा ज्ञान था, उसके साथ ही उसे अपने राजा के प्रति उत्तरदायित्वों का ज्ञान था। यह सूक्त इस कारण भी महत्वपूर्ण हैं कि वह दो राज्यों के मध्य जो सम्बन्ध हैं उनके विषय में भी बात करती है। सरमा को बोध है कि जब वह एक दूत के रूप में आई है तो उसे किसी भी लोभ या मोह में नहीं पड़ना है।

पाणी उसे लोभ और मोह से घेरना चाहते हैं और गौ का लालच देकर उसे अपनी तरफ करने का प्रयास करते हैं, एवं सरमा को वह अपनी बहन कहते हैं। इस पर सरमा स्पष्ट करती हैं कि वह किसी भी भाईचारे या बहनापे को नहीं मानती है, उसकी निष्ठा अपने राज्य के प्रति है।

वह कहती है

नाहं वेद भ्रातृत्वं नो स्वसृत्वमिन्द्रो विदुरङ्गिरसश्च घोराः । गोकामा मे अच्छदयन्यदायमपात इत पणयो वरीयः ॥

Brotherhood, sisterhood, I know not either: the dread Angirases and Indra know them

     They seemed to long for kine when I departed Hence, into distance, be ye gone, O Panis

इसके अतिरिक्त वह यह भी कहकर पाणियों को चेतावनी देती है कि यदि उन्होंने गौ धन का मार्ग नहीं बताया तो ऋषि शीघ्र आएँगे और जो सोमरस से शक्ति प्राप्त होंगे, और वह गौ धन वापस लेकर जाएंगे।

एह गमन्नृषय: सोमशिता अयास्यो अङ्गिरसो नवग्वाः । त एतमूर्वं वि भजन्त गोनामथैतद्वच: पणयो वमन्नित् ॥

Rsis will come inspirited with Soma, Angirases unwearied, and Navagvas

     This stall of cattle will they part among them: then will the Panis wish these words unspoken

इस मन्त्र से भी कुछ बातें स्पष्ट होती हैं कि युद्ध करने के लिए ऋषि भी आ सकते हैं, और सोमरस का अर्थ मद्य नहीं था जैसा कुछ पुस्तकों में दिखाया जाता है। सोमरस एक औषधि युक्त पेय था जिसे शक्ति प्राप्त करने हेतु पिया जाता था, चूंकि वार्ता करने के लिए सरमा आई थी तो अब आगे के क़दमों के लिए अन्य आएँगे।

पाणियों को वेदों में यज्ञ करने वालों का विरोधी बताया गया है, एवं पाणी वह व्यक्ति है जो हर तरह के गलत कार्यों में संलग्न है, परन्तु उनसे वार्ता करने के लिए भी एक स्त्री को ही भेजा गया।

इससे पूर्व कि इसका विश्लेषण हो यह देखा जाना चाहिए कि एक स्त्री दूत बनकर अपने राजा का संदेशा लेकर जा सकती थी। उसे दूत के समस्त कर्तव्यों का ज्ञान था। एवं सबसे महत्वपूर्ण कि वह दुर्जनों के दरबार पहुंचकर भी सुरक्षा के प्रति निश्चिन्त है। इन सभी 11 मन्त्रों में एक बार भी वह स्वयं की सुरक्षा के प्रति प्रश्न नहीं उठाती है। उसे ज्ञात है कि सज्जनों एवं दुर्जनों दोनों के ही दरबारों में दूत का स्थान विशेष होता है, उसके साथ ही वह लालच को ठोकर मारती है। इसका अर्थ है कि उसे शास्त्र संबंधी ज्ञान है जिसमें अपनी मिट्टी के प्रति निष्ठा रखना सिखाया गया है।

जब पाणी उसे अपनी शक्ति का लोभ दिखाते हैं तो वह भी अपने देश के राजा तथा अन्य लोगों की शक्ति का बखान करती है।  पाणियों को चेतावनी देते हुए वह कहती है

असेन्या व: पणयो वचांस्यनिषव्यास्तन्व: सन्तु पापीः । अधृष्टो व एतवा अस्तु पन्था बृहस्पतिर्व उभया न मृळात् ॥

अर्थात हो सकता है कि तुम्हारी देह बाणों से घायल न हो पाती हो, ए पाणी, परन्तु मुझे विश्वास है कि यदि गौ धन को नहीं छोड़ा जाता है तो बृहस्पति तुम्हें अवश्य दंड देंगे।

Even if your wicked bodies, O ye Panis, were arrow-proof, your words are weak for wounding;

  And were the path to you as yet unmastered, Brhaspati in neither case will spare you

यह पूरा संवाद स्त्री रोजगार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जो यह स्पष्ट करता है कि स्त्रियों की नियुक्ति विभिन्न पदों पर होती थी एवं उन्हें उस पद के अनुकूल ज्ञान होता था।

यह विडंबना है कि हमारी लडकियां एक ऐसे फेमिनिज्म की ओर खींची जा रही हैं, जो पूरी तरह से हिन्दू विरोध पर टिका है, और हिन्दू इतिहास को मिथक मानता है!


क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगाहम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए  Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.