दिल्ली सरकार अपना कथित शिक्षा मॉडल लेकर दिनों दिन नए दावे करती है, और बार बार हर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न उठाती रहती है। इस बार आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा कि
उन्हें केरल के अधिकारियों का स्वागत कालकाजी के स्कूल में करते हुए बहुत खुशी हुई और यह अरविन्द केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है जिसे हर राज्य के अधिकारी अपनाना चाहते हैं:
इस पर केरल के शिक्षा मंत्री ने यह कहते हुए ट्वीट किया कि केरल के शिक्षा विभाग से कोई भी दिल्ली मॉडल को सीखने के लिए नहीं गया है। बल्कि दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों को जरूर उचित सहायता प्रदान की गयी थी, जो केरल सरकार के मॉडल का अध्ययन करने के लिए आए हुए थे, और हम उन अधिकारियों के नाम जानना चाहते हैं, जिनका स्वागत आम आदमी पार्टी के सांसद ने किया ।
जहाँ एक ओर दिल्ली और केरल के नेताओं के बीच दिल्ली के शिक्षा के मॉडल को लेकर बहस छिड़ी हुई थी, तो वहीं कुछ दिन पहले एक बहुत ही महत्वपूर्ण समाचार दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर आया था, जिसमें यह रिपोर्ट थी कि दिल्ली के 824 स्कूल्स में प्रिंसिपल ही नहीं हैं। और इसी मामले को लेकर एनसीपीसीआर ने उत्तर माँगा था।
दरअसल मंगलवार 12 अप्रेल 2022 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार से इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण माँगा था कि आखिर इतने सारे स्कूल्स में हेड के पद पर क्यों कोई नहीं है? दिल्ली के प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा कि उसके प्रमुख की अगुवाई वाली टीम ने दिल्ली में कई स्कूलों का दौरा किया और पाया कि आधारभूत अवसंरचना तथा कई अन्य पहलुओं में खामियां हैं। एनसीपीसीआर के अनुसार, शिक्षा विभाग के तहत आने वाले 1,027 स्कूलों से सिर्फ 203 ऐसे स्कूल हैं जिनमें प्रधानाचार्य या कार्यवाहक प्रधानाचार्य हैं।
हालांकि इस विषय में सरकार का यह कहना है कि इन नियुक्तियों का अधिकार उसके पास नहीं है क्योंकि यह उपराज्यपाल के अधीन है,
वहीं दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर पिछले दिनों बहुत बवाल हुआ था जब भारतीय जनता पार्टी के कुछ सांसदों ने केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की पोल खोलने का दावा किया था। भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल का दौरा करते हुए कई प्रश्न उठाए थे जैसे “स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए न ही डेस्क है और न ही क्लासरूम की कोई व्यव्स्था है। सांसद रमेश बिधूड़ी ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार की स्कूलों में बच्चे डेस्क की जगह फर्श पर बैठे हैं, दिल्ली स्कूल की क्लास पोटा केबिन में चल रही है।
पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने भी सरकारी स्कूलों का दौरा किया था और कई स्कूलों का दौरा कर यह बताया था कि कैसे अरविन्द केजरीवाल केवल कुछ ही स्कूल्स को चमका कर उनकी ही छवियाँ बेच रहे हैं। उन्होंने एक वीडियो साझा किया था
और उसमें दिल्ली के स्कूलों की बुरी और बदहाल स्थिति को दिखाया था। और स्कूलों के स्टाफ से बात करते हुए दिखाया था कि स्कूलों में बिजली भी रोज जाती है।
उन्होंने लगातार कई वीडियो साझा किये थे जिसमे एक बिल्डिंग बहुत ही जर्जर स्थिति में थी,
उन्होंने ट्रेंड भी चलवाया था और लिखा था
दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal, जी के वर्ल्ड क्लास शिक्षा मॉडल का एक नमूना हस्तसाल राजकीय कन्या विद्यालय जिसमें न तो अध्यापक क्लास में होते है, न बच्चों के पीने का पानी व्यवस्था है और न ही शौचालय में साफ़ सफ़ाई।
#KejriwalKiShikshaKrantiExposed
परन्तु यहाँ पर केवल भारतीय जनता पार्टी कथित रूप से स्कूलों की पोल खोलने का दावा कर रही थी तो वहीं केरल के शिक्षामंत्री ने तो यह कह दिया कि आतिशी झूठ बोल रही हैं, केरल सरकार से कोई भी अधिकारी “दिल्ली मॉडल” समझने नहीं गया!
देखना होगा कि कथित सेक्युलर पार्टियों का यह शिक्षा मॉडल युद्ध क्या रूप लेता है?