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Saturday, April 27, 2024

श्रीराम जन्मभूमि: एक ऐतिहासिक दरबार

जय श्री राम!!!!

श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन, हरण भव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन, कंजमुख कर, कंजपद कंजारुणम्।||

प्रिय सभी सम्माननीय व्यक्तिगतियों और साथी नागरिकों, आप सभी को नमस्कार। श्री नरेंद्र मोदी जी,

आपके नेतृत्व में हुआ श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में हम सभी के लिए एक सपना साकार हो गया है। इस अद्भुत क्षण के लिए, हम सभी आपके समर्पण और संघर्ष के लिए आभारी हैं। आज हम सभी मिलकर एक ऐतिहासिक क्षण की उत्कृष्टता में भागीदार हो रहे हैं – श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर के उद्घाटन का। यह घड़ी न केवल भारतीय समाज के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ा दिन है, जिसे हम सभी अधिकारिकता और समर्पण के साथ स्वीकार कर रहे हैं।

श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण संपन्न होने के साथ, हम सभी भारतीय गर्वित हैं कि हमारे प्रधानमंत्री ने इस सविशेष क्षण को साकार करने के लिए इतने समर्पितता और संघर्ष के साथ काम किया है। यह न केवल एक धार्मिक स्थल की पुनर्निर्माण योजना है, बल्कि यह एक समृद्धि और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण का प्रतीक है जो हम सभी को एक साथ जोड़ने का कारगर उदाहरण है। आपने न केवल राष्ट्र की सुरक्षा और विकास में अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है, बल्कि धार्मिक साथियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण में सहयोग किया है। आपकी सकारात्मक दृष्टिकोण ने हमें सांस्कृतिक एकता और सभी धर्मों के प्रति समर्पण में प्रेरित किया है।

श्रीराम, जिन्हें हम भगवान मानते हैं, वे आदर्श मानवता के प्रती अपनी अद्वितीय शिक्षाएं और मौद्रिक चरित्र के लिए प्रसिद्ध हैं। “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए” जैसे श्लोक ने हमें उनके श्रेष्ठता की ओर प्रवृत्त किया है। इसे ध्यान में रखते हुए, हम समझते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हम अपने संस्कृति, धार्मिकता, और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

महान राजाओं, संतों, निहंगों, संगठनों, और विधि विशेषज्ञों ने मिलकर मंदिर के निर्माण के लिए सतत प्रयास किया है। श्री अशोक सिंहल, श्री मोरोपंत पिंगले, दाऊदयाल खन्ना, बी.आर. मणि, के.के. मो जैसे तपस्वियों ने अपने बलिदान से इस क्षण को समृद्धि और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण की दिशा में प्रगट किया है।मंदिर के निर्माण में जुटे सभी संत, तपस्वियों, और साधुओं के योगदान के लिए हम आभारी हैं। उनकी सद्गुणवत्ता और आत्मसमर्पण ने हमें एक उदाहरण प्रदान किया है कि किस प्रकार से साधना और सेवा के माध्यम से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

आपकी अगुआई में इस भूमि पर निर्माण हुआ मंदिर हमारे लिए एक गर्व का स्रोत बना है। यह साबित करता है कि हम समृद्धि, सांस्कृतिक समृद्धि, और एकता की दिशा में साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं। आपके नेतृत्व में यह संभावना हुई है कि हम अपने ऐतिहासिक और धार्मिक समृद्धि को एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंचा सकते हैं। हम आपके साथ हैं और आपके द्वारा प्रेरित होकर हम भविष्य में भी एक सशक्त, समृद्धि और समर्पित भारत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए समर्थ हैं।

आज के दिन, हम समझ रहे हैं कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने न केवल एक सामरिक योजना का नेतृत्व किया है, बल्कि धार्मिक स्थलों को पुनर्निर्माण करने का साहस दिखाया है। उनका संकल्प ने हमें एक समृद्धि और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक मार्ग प्रदान किया है, जो हम सभी को गर्वित होने पर मजबूर करता है।

श्रीराम जन्मभूमि का मंदिर निर्माण हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हम अपने समृद्धि, सांस्कृतिक समृद्धि, और विश्वास को मजबूती से महसूस कर रहे हैं। यह एकता का संदेश है, जो हम सभी को एक सशक्त राष्ट्र की दिशा में आगे बढ राष्ट्रहित में एक साथी बनकर हमने श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर को निर्माण किया है, जिससे हमारे समृद्धि और एकता के सिद्धांतों को मजबूती से अभिव्यक्त किया गया है। यह बल्कि सभी धर्मों के साथीता का परिचय है। इसका संदेश है कि हम सभी एक हैं और हमारा सामरिक और धार्मिक एकता में ही हमारी शक्ति है। “हम सभी एक हैं, श्रीराम के नाम में है सशक्त भारत का सपना।”

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का साहस और संकल्प इस क्षण को सच्ची देशभक्ति और धार्मिक आदर्शों की प्रती अपनी पूरी आस्था से साकार करने में साबित हुआ है। उनका संघर्ष ने हमें एक नए भविष्य की ओर एकत्र किया है, जहां हम सभी समृद्धि, सांस्कृतिक समृद्धि, और एकता के साथ विकसित होते हैं। इस निर्माण के प्रक्रिया में संलग्न सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, और समर्पित नागरिकों के साथ, हम एक नए भारत की ओर बढ़ रहे हैं जो समृद्धि, धरोहर, और एकता के आदान-प्रदान को महत्वपूर्ण मानता है|| श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण धार्मिकता को मजबूती से जोड़कर हमें अपने संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को अगली पीढ़ियों में सुरक्षित रखने का एक उत्कृष्ट तरीका प्रदान कर रहा है। इससे हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी अपने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का मान समझेंगी और उसे बचाएंगी।

श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण हमारे लिए एक नया आरंभ है, जो समृद्धि, सांस्कृतिक समृद्धि, और एकता की दिशा में हमें आगे बढ़ाने का संकेत है। हम सभी को यह ध्यान में रखना चाहिए कि इसमें हम सभी का साझा योगदान है, इस समर्थन और सामर्थ्य के साथ ही हम एक सशक्त, समृद्धि से भरपूर, और समर्पित

संभल की जनता एकमत से कहती है, “जय श्रीराम!” और प्रभु श्रीराम के अयोध्या में आगमन का हम स्वागत करते हैं। यह सुखद और ऐतिहासिक क्षण हम सभी के लिए एक शुभारंभ है। इस ऐतिहासिक पल के साथ, हम सभी को एकजुट होकर राष्ट्रहित में समर्थन का वादा करते हैं। जय श्रीराम! जय हिन्द!

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Akhil Bharatiya Panchayat Sangathan President, Sambhal, UP

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