मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में पिछले दिनों में लव जिहाद का सबसे बड़ा मामला प्रकाश में आया है। हालांकि आरोपी इमरान को पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया है, फिर भी कई ऐसे प्रश्न है जो इस मामले से सामने आते हैं!
पीड़िता ने बताया कि इमरान ने निकाह के बाद पीड़िता का गैंगरेप करवाया था। इस मामले में डबरा प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार 25 अप्रैल को पुलिस प्रशासन ने इस मामले के मुख्य आरोपी इमरान के घर को तोड़ने की कार्रवाई की है। इस दौरान बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस बल भी तैनात रहा। परन्तु क्या इतना पर्याप्त है? या यही एकमात्र उदाहरण है?
क्या हुआ था?
हुआ यह था कि डबरा में मदरसे के पास रहने वाले इमरान खान ने खुद का नाम राजू जाटव बताते हुए एक हिंदू लड़की को प्रेम जाल में फंसा लिया , और बाद में उस युवती को बहला फुसलाकर उससे शादी कर ली,बाद में युवती को पता चला की जिसे वो राजू जाटव समझ रही थी, वो इमरान खान है।
इसके बाद से आरोपी ने युवती को तरह-तरह से मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी। उसका जबरन धर्मांतरण कराया और दो बार गर्भपात करवाया।
इतना ही नहीं इमरान ने अपने भाइयों,मौलवी और अन्य लोगों से युवती का दुष्कर्म कराया। पीड़ित युवती किसी प्रकार वहां से अपनी जान बचा कर पुलिस के पास गई।
इस मामले में डबरा थाना पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपी इमरान खान,उसकी मां सग्गो, मौलवी ओसामा,उसके दोनो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने इन सभी को न्यायलय में प्रस्तुत किया, जहां से आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
प्रशासन जब आरोपी का अवैध मकान तोड़ने के लिए पहुंचा तो पाया कि आरोपी का मकान गली के अन्दर था, जिसके कारण मशीन अन्दर नही जा सकती थी।
इसके बाद प्रशासनिक अमले ने इमरान खान के घर में लगे खिड़की दरवाजों को तोड़-तोड़कर बाहर निकाला और छत समेत दीवारों को तोड़ने की कार्रवाई की। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इमरान खान का मकान अवैध रूप से बना हुआ था।
इससे संबंधित एक नोटिस भी इमरान खान के परिवार को जारी किया गया है और विधिवत तरीके से इनके मकान को तोड़ने की कार्रवाई की गई है।
हिन्दू लड़कियों की इस पीड़ा पर हर आयोग शांत क्यों है?
इसके साथ यह भी एक प्रश्न उठता है कि आखिर हिन्दू लड़कियों की इस पीड़ा पर हर आयोग इतना शांत क्यों है? एक सुनियोजित तरीके से किए गए अपराध पर उन संगठनों की आवाज क्यों सामने नहीं आती जो कथित दलित राजनीति की बात करते हैं क्योंकि इस मामले में लड़की एससी पाई गयी है और आरोपी इमरान ने भी राजू जाटव नाम बताया था.
क्यों इन जातियों के नाम पर राजनीति करने वाले ठेकेदार सामने नहीं आते कि मुस्लिम उनकी जाति का दुरूपयोग करके उन्हें बदनाम कर रहे हैं?
ऐसे मामलों में कथित फेमिनिस्ट का मौन भी बहुत अखरता है! काश कि उन्हें यह पता होता कि जमीन पर वास्तविक समस्याएं क्या हैं?