spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
28.9 C
Sringeri
Saturday, April 27, 2024

मुंबई के भेंडी बाजार से जिहादियों ने एक हिन्दू लड़की को घर छोड़ने पर विवश किया, क्या यह एक हिन्दू होने का दंड है?

भारत एक हिन्दू बहुल देश है, लेकिन यहाँ हिन्दू होना ही सबसे बड़ी विपदा है। आप अपने धर्म का पालन नहीं कर सकते, आप अपने अधिकारों के लिए लड़ नहीं सकते, आप पर कथित अल्पसंख्यक कभी भी हमला कर सकते हैं, आपकी हत्या भी कर सकते हैं। यह हम आपको उद्वेलित करने के लिए नहीं कह रहे, यह सब आप हमारे समाज में होता देख सकते हैं। पिछले ही दिनों मुंबई में ऐसा मामला देखने में आया है, जहां एक हिन्दू युवती को उसके घर से जबरन बाहर निकाल दिया गया है।

मुंबई की कृष्णा सारिका ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए यह वीडियो बनाया है, और इसमें कहा है कि उन्हें हिन्दू होने का दंड मिला है। वह एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहती हैं, और उनके पडोसी मुस्लिम उनका लम्बे समय से उत्पीड़न कर रहे हैं। उनके पडोसी मुस्लिम उनके दरवाजे पर बकरों की बलि देते हैं, तेज आवाज़ में संगीत बजाते हैं, और उनको किसी भी तरह का भजन और कीर्तन नहीं करने का दबाव डालते रहते हैं। हालांकि कृष्णा ने उनकी अवांछित मांगों को स्वीकार नहीं किया, और इसी कारण वो उनकी आँखों की किरकिरी बन गयी हैं।

कृष्णा सारिका मुंबई के भेंडी बाजार में रहती हैं, जो एक मुस्लिम बहुल इलाका है। वह बताती है कि मुसलमानों ने उसे अपने घर से निकाल देने की धमकी दी। बात यहीं तक नहीं रुकी, उनके पडोसी मुस्लिमों को स्थानीय कांग्रेस विधायक अमीन पटेल का समर्थन भी प्राप्त है। जिन्होंने अपने वोट-बैंक को संतुष्ट करने के लिए बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) पर दबाव दाल कर उनके घर को सील कर दिया और कृष्णा को उनके ही घर से जबरन निकाल दिया।

वह बताती हैं कि उनका परिवार इस घर में 1944 से कानूनी रूप से रह रहा है, और उनके पास इस घर के सभी कागज़ भी हैं, और यह उनके दादाजी ने खरीदा था। उन्होंने बताया कि इसी तरह से उत्पीड़न और दबाव डाल कर उनके कई पडोसी हिन्दुओं के घरों पर मुस्लिमों ने अवैध अधिकरण कर लिया है। उन्हें उनके हिन्दू होने का दंड मिल रहा है, उनके पीछे प्रशासन पड़ा हुआ है, क्योंकि वह जिहादी तत्वों की धमकियों के आगे नहीं झुकी और उनके विरुद्ध उच्च स्तर पर शिकायत भी की।

हिन्दुओं और प्रशासन के सहयोग से कृष्णा को वापस मिला उनका घर

कृष्णा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके पश्चात ढेरों हिन्दू संगठन उसके समर्थन के लिए उठ खड़े हुए। संभवतया महाराष्ट्र में सरकार बदलने का भी प्रभाव था कि प्रशासन ने उनकी सहायता करते हुए उन्हें उनके घर का अधिकार फिर से दिलवा दिया है।
इस कार्य में कई हिन्दू दलों ने सहयोग किया, इनके अतिरिक्त रमेश राजपूत, अधिवक्ता कमल राय, कौशिक म्हात्रे, सिद्द विद्या ने प्रयत्न किये। इसके अतिरिक्त बीएमसी के कई भाजपा कर्मचारियों ने आगे आ कर कृष्णा का समर्थन किया।

यह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रहने वाले हर हिन्दू की व्यथा है

कृष्णा सारिका के साथ जो हो रहा है, यह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रहने वाले हर हिन्दू की व्यथा है। ऐसे कई उदाहरण देखने में आये हैं, जहां जनसँख्या बढ़ने पर यह कथित शांतिप्रिय समुदाय के लोग उस क्षेत्र के हिन्दुओं पर अलग अलग तरह के दबाव डालते हैं, अपराध करते हैं, उनका शोषण करते हैं, जिससे हिंदू पलायन करने को विवश हो जाते हैं। ऐसी ही घटना हम उत्तरप्रदेश के कैराना में देख चुके हैं, जहां जिहादी तत्वों के आतंक से दुखी हो हिन्दुओं को पलायन करना पड़ा। ऐसे ही ढेरों उदाहरण पश्चिम बंगाल में देखने को मिले थे, जहां विधानसभा चुनाव के पश्चात हुई हिंसा से प्रताड़ित हो हजारों हिन्दुओं को अपने घर छोड़ कर भागना पड़ा।

पिछले ही दिनों अग्निपथ योजना का विरोध करने के नाम पर उत्तरप्रदेश के नूरपुर गाँव (टप्पल थाना के अंतर्गत) में सैंकड़ों हिन्दुओं पर जिहादियों ने हमला किया था, और उन्हें गाँव छोड़ने के लिए विवश कर दिया था। ऐसा ही पिछले वर्ष गुजरात के भरुच में हुआ था, जहां हिन्दुओं के आरती करने से क्रुद्ध हो पडोसी मुस्लिमों ने उन पर हमला किया और कई हिन्दुओं को अपने घर बार छोड़ कर भागना पड़ा।

यह होता है भूमि और जनसांख्यिकी जिहाद

यह एक सोचा समझा षड़यंत्र है, जिसे भूमि जिहाद या जनसांख्यिकी जिहाद भी कहा जाता है, इसके एकमात्र उद्देश्य होता है किसी भी क्षेत्र से हिन्दुओं का पलायन करवाना और मुस्लिमों की संख्या को बलपूर्वक बढ़ाना। मुंबई के अधिवक्ता कौशिक म्हात्रे ने मुस्लिम बहुल मालवणी में सुनियोजित और निष्पादित भूमि जिहाद की प्रक्रिया के बारे में बताया था। मानखुर्द निवासी करिश्मा भोसले और उनकी मां को उनके पडोसी मुस्लिमों ने धमकाया था, और उनके निवास के निकट स्थित मस्जिद में होने वाली दैनिक अज़ान के समय अपने घर में लाउडस्पीकर की आवाज़ को कम करने की धमकियां दी थी।

अब समय आ गया है कि हिन्दू इस तरह की जिहादी गतिविधियों को समझें, इनका विरोध करें, और प्रयास करें कि उनके क्षेत्र में इस तरह से किसी हिन्दू के साथ अत्याचार ना हो, और उन्हें पलायन न करना पड़े। यह सारा खेल एकता का है, जिहादी लोग अपने मजहब और उम्माह के कारण हर विषय पर एक हो जाते हैं, वहीं हिन्दू हमेशा बिखरा हुआ ही रहता है। हिन्दुओं को यह व्यवहार बदलना ही होगा, अन्यथा हमे भविष्य में बहुत बड़ी अनहोनी के लिए तैयार रहना होगा।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

1 COMMENT

  1. Disgusting to see we need to fight for our right to live. It is a typical camel behavior, putting in one leg in the tent and kick out the owner.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.