spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
21.8 C
Sringeri
Friday, March 29, 2024

मोहम्मद शमी की झूठी ट्रोलिंग पर शोर और इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही सोहा अली खान की असली ट्रोलिंग पर लिबरल गैंग की चुप्पी

देश में इन दिनों ट्रोलिंग को लेकर शोर है, और मोहम्मद शमी इन दिनों ऐसे व्यक्ति बने हुए हैं, जिनके विषय में कहा जा रहा है कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर ट्रोल किया गया। क्या वास्तव में ही मोहम्मद शमी को ट्रोल किया गया? भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में पाकिस्तान ने भारत को दस विकेट से पराजित किया गया। इस बात को लेकर पूरे देश में आतिशबाजी हुई थी और कश्मीर का जो वीडियो सामने आया था, उसने एक तरह से इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया था, जिसमें बार बार कहा जाता था कि कश्मीर में आम मुस्लिम तो भारत के साथ है, पर आतंकवादी पकिस्तान से आते हैं।

उस वीडियो में कश्मीरी विद्यार्थी पाकिस्तान की टीम की जीत का जश्न मनाते दिखाई दिए और साथ ही यह भी आरोप लगा कि वह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। दिल्ली में भी कई स्थानों पर ऐसा हुआ और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कई स्थानों पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। इसका परिणाम यह हुआ कि लोगों के मन में क्रोध भर गया। जब सोशल मीडिया पर इस विषय में आक्रोश फैला, तो अचानक से ही मोहम्मद शमी को ट्रोल करने वाले या भारतीय क्रिकेट टीम की हार के लिए मोहम्मद शमी को दोषी ठहराने वाले ट्वीट सामने आने लगे।

सबसे अधिक ट्रोलिंग हुई थी, विराट कोहली की! और जिस प्रकार से पूरी टीम की बॉडी लैंग्वेज ही पराजित सी लग रही थी, विराट कोहली के साथ पूरी टीम की ट्रोलिंग हुई और लोगों ने अपना गुस्सा व्यक्त किया। परन्तु अचानक से ही मोहम्मद शमी की ट्रोलिंग पर हिंदुवादियों को घसीट लिया गया और साथ ही वह मोहम्मद रिजवान धर्म और क्रिकेट को अलग करने की बात करने लगे, जिन्होनें मैदान में ही नमाज पढ़ी थी और उसे ही सबसे महान लम्हा क्रिकेटर वकार यूनुस ने बताया था।

यह कई तथ्यों से स्पष्ट हुआ कि मोहम्मद शमी की ट्रोलिंग फर्जी थी और शमी को कोसने के लिए पाकिस्तान के हैंडलों ने शुरुआत की थी। मोहम्मद शमी की इस फर्जी ट्रोलिंग में पाकिस्तान का हाथ सामने आया, न जाने कितने सोशल मीडिया एकाउंट्स थे, जो भारत के नहीं थे और जो बार बार शमी को कोस रहे थे। जी न्यूज़ की पड़ताल में यह सामने आया था कि यह सब पाकिस्तानी षड्यंत्र था। उसमें लिखा था कि फैजी ग्राम (Faizi Gram) नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट से मोहम्मद शमी की इंस्टा पोस्ट पर एक कमेंट किया गया, जिसमें लिखा था- ‘मेजर मोहम्मद शमी ISI एजेंट, और वह अकाउंट पाकिस्तान के किसी फैज़ रसूल सियाल का अकाउंट था।

ऐसे ही मोहम्मद कामरान, सुगर काका, समा टीवी के पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल के पत्रकार, नदीम खान आदि सहित कई ऐसे लोग थे जो पाकिस्तानी थे। यह कई तथ्यों से प्रमाणित हुआ कि यह झूठी और फर्जी ट्रोलिंग थी, परन्तु इसी फर्जी ट्रोलिंग के आधार पर ही एक बड़े वर्ग ने देश और विशेषकर हिन्दुओं को बदनाम किया। इस फर्जी ट्रोलिंग के चलते ही विराट कोहली ने स्वयं पर प्रश्न उठाने वालों को ही अपशब्द कहे। विराट कोहली को यहाँ पर यह स्मरण रखना चाहिए कि वह एक क्रिकेटर हैं और लोगों का जुड़ाव मात्र उनके क्रिकेट के कारण हैं। भारतीयों को क्रिकेट में हार या जीत से मतलब होता है, धर्म या जाति से नहीं।

इतना ही नहीं मोहम्मद शमी की फर्जी ट्रोलिंग पर शोर मचाने वाले यह लोग तब एकदम शांत रहे थे जब मोहम्मद शमी की असली ट्रोलिंग हुई थी। वर्ष 2016 में मोहम्मद शमी ने अपनी पत्नी के साथ एक बहुत ही सुन्दर तस्वीर पोस्ट की थी, उसके बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जो उन्हें अपशब्द कहे थे, उसके विषय में वही लोग मौन रहे थे, जो आज मोहम्मद शमी की फर्जी ट्रोलिंग पर देश को बदनाम कर रहे हैं

मोहम्मद कैफ ने ट्वीट साझा किया था, और कहा था कि इस प्रकार का कट्टरपंथ अस्वीकार्य है।

यही नहीं, इन दिनों सारा अली खान की ट्रोलिंग की जा रही है। पर वह ट्रोलिंग उन लोगों द्वारा की जा रही है, जो स्वयं को लिबरल कहते हैं, अर्थात उदारवादी। वैसे तो सारा अली खान की ट्रोलिंग कई मौकों पर हुई है। हाँ, जब उन्होंने फिल्म केदारनाथ की थी, उस दौरान यह ट्रोलिंग शायद ही सुनी गयी थी। पर इन दिनों हो रही है। सारा अली खान ने गृह मंत्री अमित शाह को जन्मदिन पर बधाई दी थी, तो उन पर लिब्रल्स की ओर से शाब्दिक हिंसा हुई थी, वह हर सीमा से परे थी। यहाँ तक कि बड़े बड़े नाम भी सारा की आलोचना में शामिल थे।

इस देश में मुस्लिमों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में विख्यात आरफा खानम शेरवानी तक ने सारा अली खान को घेर लिया था और कहा था कि टाइगर पटौदी की पोती से ऐसी कायरता नहीं अपेक्षित है

हाल ही में सारा अली खान और श्री देवी की बेटी जाह्नवी कपूर केदारनाथ की यात्रा पर गयी थीं और सारा अली खान ने अपनी तस्वीरें साझा की थीं। उन्हें लेकर कट्टरपंथी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

उनसे कहा जा रहा है कि वह मुस्लिम होकर कैसे यह कर सकती हैं?

उनकी ट्रोलिंग की जा रही है, पर इस बात पर वह वर्ग मौन है, जो शमी की फेक ट्रोलिंग पर हिन्दुओं को दोषी ठहरा रहा था। क्या यह माना जाए कि यह वर्ग इस्लामी कट्टरपंथियों के आगे आत्मसमर्पण कर चुका है, इतना ही नहीं वह खुद भी इस्लाम परस्त हो चुका है, इस्लाम परस्त ही नहीं बल्कि कट्टरपंथी इस्लाम के तबके में पूर्णतया परिवर्तित हो चुका है, तभी वह सारा अली खान को कट्टरपंथियों द्वारा दी जा रही धमकियों तक से विरक्त हो चुका है और उसका पूरा उद्देश्य मात्र हिन्दू धर्म को बदनाम करना रह गया है?

लिबरल गैंग दिनों दिन अपनी प्राथमिकताओं में इस्लाम परस्त होना स्वीकार करता जा रहा है! और वह उन मुस्लिमों को कट्टरपंथी मुस्लिमों के सामने फेंक देता है, जो भारत से प्रेम करते हैं या नाम के लिए ही सही पर कुछ उदार स्वर रखते हैं। हालांकि अपना एजेंडा न बोलने पर वह अपने वरिष्ठ नसीरुद्दीन शाह की भी आलोचना कर सकते हैं!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.