यूरोप में जो मंकी पॉक्स तेजी से फ़ैल रहा है, क्या उसके पीछे रेव पार्टी और समलैंगिक सम्बन्ध हैं? ऐसा मनाना है विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डॉ डेविड हेनीमैन का! डॉ डेविड जो कि पूर्व इमं विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन विभाग के भी प्रमुख रह चुके हैं, उन्होंने यूरोप में फ़ैल रही इस बीमारी को लेकर कहा कि इस बीमारी का प्रसार दो रेव पार्टियों के कारन हुआ, जिसमें समलैंगिक पुरुषों के बीच यौन सम्बन्ध स्थापित किए गए थे।
हालांकि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, परन्तु विशेषज्ञों के अनुसार जो अधिक मामले आए हैं, वह समलैंगिकों के मध्य यौन संबंधों के कारण आए हैं। और यही कारण है कि विशेषज्ञों ने एलजीबीटीक्यू समुदाय को चेतावनी दी है कि उनके इस बीमारी में आने के खतरे अधिक हैं।
एचआईवी/एड्स प्रेवेंशन के सीडीसीविभाग के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जॉन ब्रुक्स का कहना है कि कुछ समूहों में इस बीमारी के फैलने के खतरे बहुत है, मगर किसी भी कारण से यह नहीं कहा जा सकता है कि यह बीमारी केवल गे और बायसेक्सुअल समुदाय के लिए ही हानिकारक है। उन्होंने कहा कि किसी को भी यह बीमारी हो सकती है, परन्तु यह भी सच है कि जितने लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, उनमें से अधिकतर गे और बायसेक्सुअल हैं।”
यूरोप में तेजी से फ़ैल रहा है मंकीपॉक्स!
यूरोप में यह बीमारी बहुत ही तेजी से फ़ैल रही है। और वहां पर लोग पीड़ित होते जा रहे हैं। ऐसे में जब विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका व्यक्त की कि अधिकाँश मामले समलैंगिकों के मध्य सम्बन्धों के कारण सामने आए हैं, तो ऐसे में समलैंगिक एक्टिविस्ट इस सर्वे से नाराज से हैं। और सोशल मीडिया पर इस बात का विरोध कर रहे हैं कि उनके समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
जहां एक ओर लोग इन पार्टियों का विरोध कर रहे हैं तो वहीं गे एक्टिविस्ट इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि रेव पार्टी से भी कुछ गलत हो रहा है? उनका कहना है कि उन्हें भेदभाव का शिकार बनाया जा रहा है?
लोग कह रहे हैं कि ऐसा जनता को गुमराह करने के लिए कहा जा रहा है, यह सब गलत है।
वहीं विश्वस्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ का कहना है कि यह हालांकि सेक्स से फैलने वाली बीमारी नहीं है मगर यह सेक्स के दौरान तब फैल सकती है जब किसी साथी के कहीं कटा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार एंडी सील ने सोमवार को लोगों को चेताया भी है कि कई बीमारियों के आसपास कई कलंक और भेदभाव जुड़े होते हैं, और विश्व स्वास्थ्य संगठन के नाते हमें जो देखना है वह है कि हमें हर समुदायों में मिलकर काम करना है और हमें यह भी देखना है कि संदेश गलत न जाए। हालांकि यह जानते हुए भी कि कुछ ऐसे आदमियों में यह बीमारी पाई गयी है जिन्होनें आदमियों के साथ सम्बन्ध बनाए, मगर फिर भी यह समलैंगिक बीमारी नहीं है!
यह बहुत ही अजीब वक्तव्य है विश्व स्वास्थ्य संगठन का जिसमें एक ओर तो यह कहा जा रहा है कि समलैंगिक आदमियों को ही यह बीमारी अधिक हो रही है, परन्तु यह समलैंगिक बीमारी नहीं है!
खैर, इन्हीं विरोधाभासी वक्तव्यों के चलते ही गे समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि पहले से ही भेदभाव झेल रहे उनके समुदाय के साथ और भी अधिक भेदभाव आरम्भ हो जाएगा।
यह वायरस शरीर से निकलने वाले द्रव्यों, त्वचा और सांस की बूंदों के माध्यम से फैलता है। स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 30 मामलों की पुष्टि हुई है और अब वहां के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इसका सम्बन्ध हाल ही में हुई गे प्राइड परेड से तो नहीं हैं, जिसमें कुल 80,000 लोगों ने भाग लिया था।
देखना होगा कि यदि वास्तव में इस बीमारी के फैलने के पीछे गे और बाईसेक्सुअल लोग हैं, तो ऐसे में आजादी का नारा लगाने वाली ब्रिगेड का दृष्टिकोण क्या होगा?