अरविन्द केजरीवाल पर विपक्षी दलों ने रिमोट कण्ट्रोल से पंजाब को चलाने का आरोप लगाया है। वैसे अरविन्द केजरीवाल बार-बार पुलिस के न होने का रोना रोते रहते थे, और पूर्ण राज्य में सरकार की कामना करते थे। क्या वह अपने आलोचकों का मुंह पुलिस की सहायता से बंद कराना चाहते थे? यह प्रश्न इसलिए उठा कि पंजाब पुलिस के हाथ में आते ही केजरीवाल ने उन सभी नेताओं के खिलाफ कदम उठाना आरम्भ कर दिया है, जो उनका विरोध कर रहे थे।
वह भाजपा नेता तेजेंदर बग्गा को परेशान कर रहे हैं। और इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता परवेश साहिब सिंह ने ट्वीट करके कहा था कि
पंजाब पुलिस के डीएसपी रात के दो बजे @TajinderBagga के घर पहुंचे व उनकी माता जी, बहन को तंग किया। बग्गा जी इस दौरान वहां से निकल कर कहीं और गए व चार ठिकाने बदले। पुलिस इन सभी ठिकानों पर पहुंची। मतलब साफ है पुलिस हमारे नेताओं का फोन टैप कर रही है।ये सब केजरीवाल के कहने से हो रहा है
एक वीडियो में भी उन्होंने कहा था कि पंजाब में आप सरकार बनते ही गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को,ड्रग माफियाओं को 24 घंटे में जेल में डालेंगे, पिछले 24 दिनों में पंजाब में 24 मर्डर हो चुके है, लेकिन ये सुधारने के बजाए उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले बग्गा जी,नवीन जी को पकड़ने पुलिस भेज रही है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता नवीन जिंदल को पकड़ने के लिए भी पंजाब पुलिस आई थी, और वहीं पंजाब में सरकार के आने के बाद कई ऐसी वारदातें हो रही हैं, जो क़ानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़ा कर रही हैं, तो वहीं अरविन्द केजरीवाल का पूरा ध्यान जैसे अपने विरोधियों को चुप कराने पर है।
पिछले ही दिनों पंजाब में गैंगवार में एक कबड्डी खिलाड़ी की गोली मारकर सरेआम हत्या कर दी गई थी और इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था!
अभी शनिवार को ही पंजाब के गुरदासपुर में माता की मूर्ति के साथ बेअदबी की गयी है और आरोपी को मौके से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। हालांकि इस घटना को लेकर हिन्दू संगठनों में रोष है।
मीडिया के अनुसार यह घटना कस्बा दोरांगला की है। जब नवरात्र को लेकर स्थानीय लोगों ने लंगर आयोजित करके मूर्तियां स्थापित की थी। इसी बीच वहां पर एक व्यक्ति आया और उसने वहां पर माता रानी की मूर्तियों के साथ बेअदबी की और वहीं पर तैनात लोगों ने उसे पकड़ा और पुलिस के आने तक बाँध कर रखा।
स्थानीय लोगों की पुलिस से भी नाराजगी है क्योंकि उनके अनुसार पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। पुलिस पर ढीली कार्यवाही का आरोप लगाते हुए बेअदबी से भड़के हुए स्थानीय लोगों ने कसबे को बंद कराया और धरने पर बैठ गए। बाद में पूरी पुलिस टीम ने जगजीत सिंह निवासी दोरांगला के बयान के आधार पर कुलजीत सिंह निवासी नौशहरा थाना दोरांगला के खिलाफ बेअदबी करने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब अरविन्द केजरीवाल ने मुख्यमंत्री मान की अनुपस्थिति में पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक की
पंजाब में जब दिनों दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं तो उसी समय एक और समाचार ऐसा आया है जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल पर विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया है कि वह रिमोट से पंजाब सरकार चला रहे हैं। पंजाब पुलिस तो वह अपनी निजी दुश्मनी के लिए प्रयोग कर रहे हैं, इसका आरोप तो मात्र भाजपा लगा रही थी, परन्तु यह आरोप कि वह रिमोट से पंजाब चला रहे हैं, कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि किस अधिकार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की? क्या भगवंत सिंह मान को इस बैठक के विषय में पता था?
अगर हाँ तो केजरीवाल और उन्हे दोनों को ही पंजाब का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए
यह आरोप है कि पंजाब के राज्य विद्युत् निगम के शीर्ष अधिकारियों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री के बिना अरविन्द केजरीवाल ने बैठक की।
कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह सरकार दिल्ली से चल रही है। दो दिन पहले केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव, विद्युत् सचिव को दिल्ली बुलाया था और यह पूरी तरह से असंवैधानिक है
नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने किन कानूनों के अंतर्गत यह बैठक की है? क्या भगवंत मान ने उन्हें ही निर्णय लेने केलिए अधिकृत किया है या फिर वह एक प्रतीकात्मक मुख्यमंत्री हैं?
वहीं परगट सिंह ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह तो स्पष्ट करना ही होवा कि अरविन्द केजरीवाल किस हैसियत से पंजाब के मुख्य सचिव और दूसरे अधिकारियों को दिल्ली बुला रहे हैं? यह पंजाब के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा है!
इस कदम की विपक्षी आलोचना कर रहे हैं तो वहीं पंजाब में क़ानून व्यवस्था की समस्या होना एवं वहीं दूसरी ओर पंजाब पुलिस का भाजपा नेताओं पर ताबड़तोड़ एक्शन लेना और अब पंजाब के अधिकारियों को अरविन्द केजरीवाल द्वारा तलब करना, कहीं न कहीं उसी आशंका की पुष्टि करता है जो लोगों के दिल में पंजाब के चुनावों से पूर्व थी कि कहीं भगवंत मान रबर स्टैम्प मुख्यमंत्री तो नहीं बनकर रह जाएँगे? और कहीं दिल्ली से ही तो पंजाब सरकार नहीं संचालित होगी?