हैदराबाद से एक ऐसी घटना सामने आ रही है, जो प्यार के अधिकार की वकालत करने वालों की चुप्पी पर कई प्रश्न उठा रही है! समाचार आया है कि एक हिन्दू युवक नागराजू ने अशरीन से प्यार किया, जीने मरने की कसमें खाईं और इस वर्ष विवाह भी कर लिया। परन्तु यह उसके जीवन पर भारी पड़ा और उसकी हत्या हो गयी:
परन्तु अशरीन के परिवार वालों को नागराजू की यह हरकत खल गयी थी क्योंकि उन्होंने ही इस शादी का सबसे ज्यादा विरोध किया था। नागराजू के परिजनों का कहना है कि नागराजू हिन्दू था, और उसकी पत्नी मुस्लिम, इसलिए उसके परिजनों ने उनके बेटे की जान ले ली।
इस सम्बन्ध में लोग इसे “हॉनर किलिंग” का नाम दे रहे हैं, बल्कि यह हॉनर किलिंग न होकर घृणा अपराध है, क्योंकि नागराजू की हत्या उसके धर्म के कारण ही हुई है। शहजाद जय हिन्द ने ट्वीट करते हुए लिखा कि
मजे की बात यह है कि जब मामला हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के का होता है तो प्यार की आजादी की बात करने वाले लोग आ जाते हैं, और यह कहते हैं कि प्यार करने का अधिकार और आजादी होनी चाहिए, परन्तु जब दिल्ली में अंकित सक्सेना या फिर अब नागराजू की हत्या मात्र इस कारण हो जाती है कि उन्होंने मुस्लिम लड़की से प्यार करने का दुस्साहस किया, तो यह लोग इसे हॉनर किलिंग कहते हुए उस घृणा को छिपाने का प्रयास करते हैं, जो कट्टर मुस्लिम समुदाय को हिन्दुओं से है।
इतना ही नहीं वह उस घृणा को भी छिपाने का घृणित कार्य करते हैं जो मुस्लिम समुदाय को दलित हिन्दू समाज से है।
दिल्ली में भी खुशी के सुमित के साथ शादी करने पर सराय काले खान की हरिजन बस्ती पर हमला कर दिया था
पाठकों को दिल्ली का वह मामला स्मरण होगा जिसमें मुस्लिम से हिन्दू बनी खुशी (शीना) ने वाल्मीकि सुमित से शादी कर ली थी और जब खुशी ने यह कहा कि वह तो हिन्दू परिवार में ही रहेगी तो मुस्लिमों ने उस कॉलोनी में हिन्दू परिवारों पर हमला किया था और वाल्मीकि परिवार की स्त्रियों ने कहा था कि उन पर जातिगत टिप्पणियाँ की गईं, और उन्हें चूड़ा आदि कहकर संबोधित किया गया।
यही नहीं खुशी के अब्बू ने तो क्विंट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार यह तक कहा था कि ““वह हमारे समाज का नहीं है कि हम दोनों की शादी करा पाएं। अगर वो हमारे समाज का भी नहीं होता, पर इस समाज का नहीं होता और दूसरे समाज का होता तो मैं हंसी खुशी कर देता। लेकिन इस समाज का है वो तो मैंने तो अपनी बेटी के सामने हाथ जोड़ लिए। हम मुस्लिम हैं और वह वाल्मीकि। अगर वह मुस्लिम नहीं भी होता तो भी कोई बात नहीं होती, पर वह वाल्मीकि नहीं होता तो मैं खुशी खुशी शादी कर देता।”
दिल्ली की इस घटना का उल्लेख इसलिए यहाँ किया है क्योंकि लल्लनटॉप के अनुसार नागराजू दलित था।
हालांकि हैदराबाद में हुई इस जघन्य ह्त्या पर भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार को घेरा है और तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजा सिंह ने इस हत्याकांड में शामिल सभी लोगों को हिरासत में लिए जाने की बात की है। उन्होंने कहा कि “क्या यह हत्या परिवारवालों ने की या फिर किसी मजहबी समूह ने परिवार को सलाह दी है? क्या किसी ने उन्हें आर्थिक मदद का वादा किया? इस हत्या में पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए!”
फिर भी दिन रात इस्लामोफोबिया का राग गाने वाले पत्रकारों का इस ह्त्या पर कुछ न कहना बहुत कुछ प्रश्न तो उठाता ही है। इस मामले में जिन्हें हिरासत में लिया है, उनमें लड़की सैय्यद अशरीन का भाई सम्मिलित है!