पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों का हिन्दुओं पर कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब उन्होंने निशाना बनाया है पाकिस्तान में हिन्दुओं के सबसे प्राचीन और सबसे बड़े मंदिर हिंगलाज माता मंदिर को। यह मंदिर पूरे विश्व के हिन्दुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है क्योंकि यह शक्ति पीठ है।
हिंगलाज माता मंदिर हिन्दुओं की 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है, जहाँ पर माता सती का शीश गिरा था।
पाकिस्तान में 22 महीनों में हिन्दू मंदिरों पर 11 हमले हो चुके हैं
मीडिया के अनुसार हमलावरों ने मंदिर में रखी मूतियों के साथ सारा सामान बर्बाद कर दिया है। इस मंदिर पर हमले के बाद पाकिस्तान हिन्दू प्रबंधन के अध्यक्ष कृशेन शर्मा ने कहा कि अब इस्लामी आतंकवादियों को किसी का भी डर नहीं है और वह खुलकर हमला कर रहे हैं।
हिन्दुओं ने इस हमले के विरोध में प्रदर्शन किया और रैली निकाली। पाकिस्तान पर बार बार अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों पर होते हुए हमलों को रोक नहीं रहा है।
हालांकि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान भी यह आश्वासन दे चुके हैं कि वह अल्पसंख्यकों की सहायता करेंगे और हमले बंद कराएँगे, परन्तु अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है क्योंकि बार बार हिन्दुओं के मंदिरों पर हमले हो रहे हैं।
हिंगलाज माता मंदिर का हिन्दुओं के लिए कितना महत्व है वह इस बात से जाना जा सकता है कि बलूचिस्तान में स्थित मंदिर को एक बांग्ला फिल्म में फिल्माया गया था, अर्थात यह हिन्दुओं की एकता एवं शक्ति का प्रतीक है, और इस्लामी कट्टरपंथी इसी चेतना और शक्ति को नष्ट करना चाहते हैं:
माता हिंगलाज का मंदिर आज से नहीं बल्कि हजारों वर्षों से वहां पर है। इस हमले की बात आने पर लोगों का दुःख सोशल मीडिया पर फूट पड़ा है, क्योंकि वह मंदिर साधारण मंदिर नहीं है बल्कि शक्तिपीठ है। एक यूजर ने लिखा कि हजारों वर्षों से स्थित इस मंदिर को इस्लाम के पैगम्बर के अनुयाइयों द्वारा तोडा जा रहा है, और अब वह यह ठान चुके हैं कि सनातन के अंतिम निशान को भी मिटा दिया जाए
सबसे हैरानी की बात यह है कि करतारपुर में एक मॉडल के फैशन शूट करने के कारण भावना आहत होने पर भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ अपना विरोध व्यक्त किया था, परन्तु हिन्दुओं की इस शक्तिपीठ को बर्बाद किए जाने पर भारत सरकार की ओर से एक भी विरोध का वक्तव्य नहीं आया है क्योंकि वह मात्र एक मंदिर ही नहीं है बल्कि वह हजारों वर्षों से सनातन को सम्हाले हुए शक्ति का प्रतीक है
पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक हिन्दुओं के मंदिरों पर हमलों पर चुप है सरकारें
पाकिस्तान हो या बांग्लादेश, दोनों ही स्थानों पर हिन्दुओं के मंदिरों पर बार बार हमले हो रहे हैं, परन्तु यह अत्यंत क्षोभ का विषय है कि इन मुद्दों पर आवाज उठाना तो दूर, सहज बात ही नहीं होती है। दुर्गापूजा के दौरान हमने देखा था कि कैसे बांग्लादेश में दुर्गापूजा के पंडाल तोड़े गए थे और हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा जारी रही थी।
उसके बाद भी हिंसा के मामले आते रहे थे। पाकिस्तान में तो माता हिंगलाज के मंदिर सहित 22 महीनों में 11 बार हमले हो चुके हैं। फिर भी हर ओर सन्नाटा है और हिन्दुओं के मंदिरों के ध्वंस पर तो जैसे सारे विमर्श ही ध्वस्त हो जाते हैं, हर ओर चुप्पी की एक चादर बिछ जाती है, जिसे तोडना सम्भव होता ही नहीं है।
हर टूटता हुआ मंदिर हमें उस पीड़ा और उस दौर के विषय में बताता है, जिससे होकर हमारे पूर्वज गुजरे होंगे। बार बार अपने मंदिर टूटने की पीड़ा और उस पर जो विचारधारा हमारे मंदिर तोडती है, उसे ही सभ्य और संस्कृति का मसीहा बताकर न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत में भी बौद्धिक वर्ग और इतिहासकार द्वारा महान बताने का कुचक्र रचा जाता है।
पाकिस्तान में हिन्दुओं की जनसँख्या वाले शहर कराची में हाल ही में दिसंबर 2021 में दुर्गा मंदिर पर हमला हुआ था।
पाकिस्तान से ही एक पत्रकार ने इस सम्बन्ध में ट्वीट करते हुए कहा था कि जब हमलावरों को छोड़ दिया जाएगा तो यही होगा। उन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के नोटिसों और सरकार के इस दावे के बाद कि हिन्दू मंदिरों की रक्षा की जाएगी, यह हिन्दू मंदिरों पर 22 महीनो में नौवां सबसे बड़ा हमला है।
पाकिस्तान में हिन्दुओं के प्राचीन मंदिर भी अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं और माता हिंगलाज मंदिर पर हमला अत्यंत क्षोभ, दुःख एवं आक्रोश से भरने वाला है और भारत का हिन्दू समुदाय दुखी है
और इस बात से और भी अधिक दुखी है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में टूटते हुए मंदिरों के बीच हिन्दुओं को ही असिष्णु होने का तमगा दिया जाता है
Given the opportunity, the Jihadist will spare no temple anywhere on the earth. This attack on Hindu temples happens in Muslim countries because the Muslim Govts. take a very soft stance on these criminals. Of course, they denounce such crimes verbally as an eyewash practically doing nothing! Ridiculously, they preach communal harmony!