हाल ही में धनुष, सारा अली खान और “राष्ट्रवादी” अक्षयकुमार की अतरंगी रे फिल्म डिज्नी-हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। यह फिल्म एक प्रेम कहानी है, जिसमें एक पहले से ही किसी और लड़की से प्यार करने वाले धनुष की जबरन शादी सारा अली खान के साथ उसके घरवालों द्वारा कर दी जाती है, क्योंकि वह बार बार भाग जाती है।
सारा अली खान के घर वाले बहुत निर्दयी दिखाए हैं, जैसे उनमें उसके प्रति एक घृणा जमी हुई है। वह सभी उससे छुटकारा पाना चाहते हैं। मगर क्यों छुटकारा पाना चाहते हैं, यह फिल्म के अंत में जाकर पता चलता है। इस फिल्म में हर तरफ से सेक्युलरिज्म का तड़का है, जिसमें हिन्दू भगवान के प्रति असम्मान भी सम्मिलित है। ऐसा लगता है जैसे यह सब नहीं होगा तो कोई कहानी बन ही नहीं सकती है। अतरंगी रे, में रिंकू उर्फ़ सोहा अली खान ने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई है, जो किसी सज्जाद अली से प्यार करती है।
मगर वह घरवालों को उसका नाम नहीं बताती है, मगर यहाँ जो सबसे ज्यादा जरूरी है ध्यान रखना, वह यह कि वह स्वयं को भगवान श्री राम के वंश का बताती है, अर्थात ठाकुर है! अब ठाकुर परिवार हो और “प्रेम के प्रति घृणा” न हो, यदि ऐसा नहीं दिखाएंगे तो बॉलीवुड को कब्ज नहीं हो जाएगा? ठाकुर परिवार के पुरुष और महिलाएं सभी प्यार से घृणा करने वाले होते ही हैं। इसलिए वह उसके भी प्यार से घृणा करते हैं और चूंकि बिहार है, तो जबरन ब्याह भी दिखाना जरूरी ही है। इसलिए वह इन दोनों को खराब दिखाते हुए रिंकू के प्रति घृणा का प्रदर्शन करते हैं।
परन्तु जब हम आगे बढ़ते हैं, अंत में जाते हैं, तब पता चलता है कि दर्शकों के मन में जो घृणा भरी गयी है, और रिंकू की जो मानसिक स्थिति दिखाई गयी गए है, वह इसलिए क्योंकि परिवार ने उसकी माँ अर्थात सोहा अली खान का ही डबल रोल, को सज्जाद अली खान से प्यार करने की सजा दी थी। पूरी फिल्म में वह जिस सज्जाद अली से प्यार करती रहती है, वह और कोई नहीं उसके अब्बाजान है, जिसे उसकी नानी के घरवालों ने सजा दी थी। और फिर वह सज्जाद अपनी ही बेटी रिंकू के सामने जलकर मर जाता है।
सब कुछ इस फिल्म में किया गया है, लव जिहाद को बढ़ाने के लिए! जैसे सज्जाद को मटकी तोड़ते हुए दिखाया गया है, रामायण बोलते हुए और जब वह रिंकू का काल्पनिक प्रेमी है उस समय उसे स्वयं को राम बोलते हुए दिखाया गया है। और इतना ही नहीं जिस विशु से अर्थात धनुष से रिंकू की शादी हुई है, उसे वह रावण कहता है। वह रिंकू से कहता है कि किस प्रकार “विशु” अर्थात उसका पति “रावण” की तरह इस ‘राम’ को सोने का हिरन मारने भेजना चाहता है!
जब बॉलीवुड का हिन्दू विरोध का हर मसाला हो और गाने में राधा न हो, ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि इरशाद कामिल ने गीत लिखे हैं और एआर रहमान ने संगीत दिया है। यह वही ए आर रहमान हैं, जिनकी मजहबी कट्टरता और भाषाई कट्टरता गाहे बगाहे सामने आती रहती है। उन्होंने इसी वर्ष एक कार्यक्रम में पत्रकार द्वारा हिंदी में प्रश्न पूछने पर कार्यक्रम छोड़ दिया था।
खैर, इस फिल्म में हिन्दुओं की आराध्य राधा रानी और कृष्ण के गाने के अपमान की एक और कड़ी आगे बढ़ी है। इस फिल्म में पृष्ठ भूमि में गाना चल रहा है “मुरली की धुन सुन राधिके” और फिल्म में “रघुवंशी” नायिका, जो रिंकू की माँ है, वह हवन करने के स्थान पर मुहर्रम की गतिविधि कर रही है।
इस फिल्म में सबसे अधिक आश्चर्य अक्षय कुमार की भूमिका को लेकर है। अक्षयकुमार जिन्हें एक बड़ा वर्ग राष्ट्रवादी या कहें हिन्दू मानता है, वह बार बार ऐसी भूमिकाएं करते हैं, जो पूरे के पूरे हिन्दू धर्म को कठघरे में खड़ी करती है। फिल्म के अंत में यह स्थापित होता है कि चूंकि वह एक मुस्लिम पिता की लड़की है, इसलिए परिवार उसके साथ यह अन्याय कर रहा है, परिवार उससे इसलिए घृणा कर रहा है!
इस फिल्म के अंत ने निकिता तोमर जैसी लड़कियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है, जिन्होनें इस्लामी कट्टरपंथ से लड़ते हुए जान दे दी थी, ऐसे कितने मामले सामने आते है, जिनमें हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़का हो और मुस्लिम लड़के को लड़की का परिवार सजा दे? शायद ही आते हों! हाँ, हिन्दू लडकियां जरूर सूटकेस में बंद मिलती हैं और वह भी मरी हुई। अभी रोहतक में जिस लड़की को साहिल ने गोली मारी थी, वह भी शादी के बाद विदा होते समय ही, उसकी कोई सूचना नहीं है कि वह जिंदा भी है या नहीं!
ऐसी फ़िल्में दिखाती हैं कि हमारा बॉलीवुड हिन्दुओं के प्रति कितना संवेदनहीन है!
और यह भी बहुत हैरानी की बात है कि हिन्दू विरोधी और लव जिहाद को प्रोत्साहन देने वाली फिल्मों को सेंसर तुरंत पास कर देता है, परन्तु जब उसका काउंटर कोई फिल्म करती है, तो उसकी रिलीज रोक देता है।
कुल मिलकर अतरंगी रे एक ऐसी फिल्म है, जो निकिता तोमर की हत्या से उपजा विमर्श कहीं पीछे धकेल देगी, जो कश्मीर में जो कुछ भी हिन्दुओं के साथ हुआ, उसे पीछे धकेल देगी और अंत में जो लडकियां इस लव जिहाद की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें ही कठघरे में खड़ी कर देगी!