spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
27.5 C
Sringeri
Saturday, May 11, 2024

अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए बुर्के में रहने का फतवा तो वहीं कर्नाटक में मुस्लिम डिफेंस फ़ोर्स ने मुस्लिम लड़कियों को बुर्का उतारकर सेल्फी लेने पर अंजाम भुगतने के लिए कहा

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने औरतों के लिए सिर से लेकर अंगूठे तक बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया है। तालिबान प्रमुख एवं अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता ने आदेश जारी किया है कि औरतों को अब घर से बाहर निकलने के लिए सिर से लेकर अंगूठे तक खुद को ढककर रखना जरूरी है और कहा कि उन्हें “चादोरी (सिर से लेकर पैर के अंगूठे तक बुर्का” पहनना जरूरी है”

इस आदेश में कहा गया कि वह सभी औरतें जो न ही बहुत ज्यादा बूढ़ी हैं और न ही बहुत ज्यादा छोटी, उन्हें अपनी आँखों के अलावा पूरा शरीर ढककर चलना है, जिससे उन आदमियों से मिलना प्रतिबंधित किया जा सके जो महरम में नहीं हैं”

और साथ ही यह भी कहा गया कि बेहतर होगा कि औरतें घर पर ही टिकें!

और कामकाजी औरतों के लिए भी आदेश है कि अगर उन्होंने इस नियम का पालन नहीं किया तो उनकी नौकरी चली जाएगी!

नया तालिबान कहकर सत्ता में आया था तालिबान

पाठकों को स्मरण होगा कि बार बार नया तालिबान का नारा देकर तालिबान ने सत्ता प्राप्त की थी और यह कहा गया था कि वह पिछले कार्यकाल में बरती गयी कट्टरता के बजाय उदार चेहरे के साथ आ रहे हैं और वह आज के अनुसार ही कदम उठाएंगे। परन्तु जैसे जैसे समय बीतता गया, वैसे वैसे जिस वर्ग ने नया तालिबान का नारा लगाया था, वह वर्ग भी तालिबान की उन कट्टरताओं के पक्ष में खड़ा हो गया, जो उन्होंने लगातार अपने विरोधियों के साथ या फिर लड़कियों के साथ की।

मार्च में ही लड़कियों के स्कूल अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए थे, उसके बाद पार्क में औरतों के लिए दिन अलग और आदमियों के जाने के लिए दिन अलग बना दिए थे और उसके बाद अब सामने आए हैं कि औरतों को “चादरी” में रहना चाहिए।

इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर जहाँ अधिकाँश मुस्लिम इसके पक्ष में उतर आए हैं और यह कह रहे हैं कि यह किसी भी देश का आतंरिक मामला है इसलिए शेष लोगों को दूर रहना चाहिए तो वहीं कुछ मुस्लिम यह भी कह रहे हैं कि एक हॉल में बैठे लोगों ने यह तय कर लिया कि औरतों के साथ क्या करना है?

जहाँ कुछ अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने इस बात पर आपत्ति व्यक्त की कि ऐसा फतवा नहीं आना चाहिए था, तो वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का ध्यान अफगानिस्तान पर लगे हुए अनावश्यक प्रतिबंधों पर होना चाहिए,

कुछ यूजर्स ने कहा कि अफगान में मुस्लिम औरतें हैं, जो मुस्तफा कमाल की अनुयायी हैं, और अगर कुछ औरतों को हिजाब से समस्या है तो वह देश छोड़ दें, अगर यूरोप हिजाब पर प्रतिबंध लगा सकता है और फिर कोई भी उस बारे में बात नहीं करता, तो 99।9 प्रतिशत लोग अफगानिस्तान में मुस्लिम हों तो हम 0।1% लोगों के लिए नियम क्यों बदलें?

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि समझ नहीं आता कि लोगों को हिजाब या बुर्के से समस्या क्या है? यह तो हमेशा से ही अफगानिस्तान में था।

लोग कह रहे हैं कि हमारा मुल्क, हमारा मजहब, हमारी तहजीब, तो लोगों को समस्या क्या है?

भारत के यूजर्स ने कहा कि भारत में हिजाब के लिए आन्दोलन कनरे वाली लड़कियों को अफगानिस्तान में चले जाना चाहिए

भारत में लोगों को अभी तक याद है कि कैसे हिजाब के नाम पर दूसरा शाहीन बाग़ आन्दोलन करने का प्रयास किया गया था। और कैसे हिन्दुओं के प्रति घृणा फैलाई गयी थी। इसलिए यहाँ के यूजर्स ने कहा कि भारत में हिजाब के लिए आन्दोलन करने वाली लड़कियों को अफगानिस्तान चले जाना चाहिए,

अंशुल सक्सेना ने 1960-70 के अफगानिस्तान की तस्वीरें साझा कीं

कर्नाटक में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का उतारने वाली मुस्लिम औरतों के लिए धमकी जारी की गयी है

भारत में भी यह कट्टरपंथ न ही बहुत दूर है और न ही बहुत अनजान! कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक औरतों के लिए फतवे जारी होते रहते हैं। हाल ही में कर्नाटक में मुस्लिम अधिकारों का रक्षक होने का दावा करने वाले एक संगठन ने मुस्लिम औरतों को धमकी दी है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का न उतारें। और न ही सेल्फी लें

पुलिस इस सम्बन्ध में जांच कर रही है

जहां एक ओर हिजाब के नाम पर मुस्लिम औरतों की आजादी छीनी जा रही है, फिर चाहे वह अफगानिस्तान हो या फिर कर्नाटक, हिजाब के नाम पर मुस्लिम औरतों को अँधेरे में धकेलने वाली वामपंथी फेमिनिस्ट कार्यकर्ताएं अभी तक शांत हैं!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.