हमने फिल्म शेरनी में देखा था कि कैसे मुस्लिम शिकारी को, जिसने नियमों को तोड़कर शेरनी अवनि को मारा था, उसे कलावा बांधे हुए हिन्दू दिखा दिया था। खैर वह तो फिल्म थी, परन्तु न्यूयॉर्क पोस्ट ने, जो पहले भी भारत और हिन्दुओं को बदनाम करने वाली फेक तस्वीरें लगा चुका है, अब मौलवी को ही हिन्दू के रूप में दिखा दिया है।
और वह मौलवी जिसकी पत्नी ने अपने पति का गुप्तांग इसलिए काट दिया था क्योंकि वह कहीं और तीसरी शादी करने जा रहा था।
Looking at the image used by @newyorkpost one would think the Maulavi had converted to Hinduism 🙄
What’s with the West’s obsession with photos of Hindu priests, rituals & funeral pyres? It’s bizarre pic.twitter.com/B5BQZ0UPJK
— Smita Barooah (@smitabarooah) June 29, 2021
ओह! शादी नहीं, वह निकाह करने जा रहा था। जी हाँ, एक मौलवी वकील अहमद, जिसकी उम्र 57 वर्ष थी, वह तीसरी बार निकाह करने जा रहा था। चूंकि शरिया के अनुसार वह चार निकाह कर सकता है, इसलिए वह तीसरा निकाह करने जा रहा था, जो उसकी दूसरी बीवी को पसंद नहीं आया। उत्तर प्रदेश में रहने वाले वकील अहमद पर उसकी दूसरी बीवी हजारा ने हमला किया और उसके गुप्तांग को ही रसोई के चाकू से काट दिया।
पर पश्चिम का मीडिया हिन्दुओं के प्रति इतनी गहरी घृणा से भरा हुआ है कि उसने उस मौलवी के स्थान पर एक हिन्दू पुजारी का चित्र प्रयोग किया। ऐसे पहली बार नहीं हुआ है, कि हिन्दुओं के लिए पश्चिमी मीडिया की नफरत सामने आई है, वह हमेशा ही हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए नई नई चालें चलता रहता है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान हमने देखा था कि कैसे पश्चिमी मीडिया का एक मात्र उद्देश्य भारत को बदनाम करना रह था और इसी वेबसाईट ने भारत की गैस लीक की तस्वीर को यह कहते हुए प्रसारित किया था कि लोग सड़कों पर मर रहे हैं।
Dear Western Media,
Yes, situation in India is bad due to 2nd wave of Covid but India is fighting back.
Please don't spread fake news or old photos to create more panic in our nation.
New York Post published old photo from Visakhapatnam gas leak incident & linked it with Covid pic.twitter.com/MqGEgb4YMf
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 27, 2021
यह बात पूर्णतया सत्य है कि चित्र एवं प्रतीकवाद अत्यंत शक्तिशाली उपकरण हैं। और इस वेबसाईट ने रुद्राक्ष पहने और दिया जलाए हुए हिन्दू पुजारी की तस्वीर लगाई है। बहुत ही कम लोग ऐसे हैं, जो पूरी खबर पढेंगे, सबसे पहले उनके मन में ऐसी कोई भी खबर पढ़कर हिन्दू पुजारी की ही छवि आएगी। खबर ही गलत बताई गयी है, क्योंकि इंडियन प्रीस्ट अर्थात भारतीय पुजारी के स्थान पर इस्लामी मौलवी लिखा जाना चाहिए था।
वैसे भी भारतीय मीडिया तो प्राय: ऐसी हरकतें करता रहा है, मौलवी या मुस्लिम तांत्रिक की खबर पर हमेशा ही हिन्दू पंडितों की तस्वीरें अधिकतर प्रयोग की जाती रही हैं। शायद यही कारण है कि पश्चिम मीडिया के भीतर यह दुस्साहस आया होगा!
न ही भारतीय मीडिया और न ही पश्चिमी हिन्दू फोबिक मीडिया अपनी ख़बरों में इस्लामी मौलवी का प्रयोग करेंगे. हालांकि बाद में शोर मचने पर इस वेबसाईट ने चित्र को बदल दिया। मगर फिर भी ट्विटर पर लोग नाराज़ हैं और बार बार #HinduphobicNYPost ट्रेंड करवा रहे हैं।
यद्यपि हिन्दू फोबिक पश्चिमी मीडिया से यह आशा नहीं है कि वह लोग हिन्दुओं की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करेंगे, फिर भी यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अब अगला कदम क्या होगा।
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