spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.6 C
Sringeri
Wednesday, May 8, 2024

जब अपने ही बेटे को अंधा करा दिया था जहाँगीर ने

जहांगीर के बारे में वामपंथी इतिहासकार पागलपने की हद तक पागल हैं और वह हर क्रूर घटना को बहुत सामान्य बताने के लिए तत्पर हो जाते हैं। उन सभी घटनाओं को रजिस्टर ही नहीं करती हैं, जो हैरान करने वाली हैं। जैसे जहाँगीर द्वारा अपने ही बेटे को अंधा किया जाना। वैसे तो मुगलों का जो इतिहास है वह अपनों की हत्या पर ही बना हुआ इतिहास है, पर जहांगीर ने अपने बेटे को ही अंधा करवा दिया था और इतना ही नहीं, खुसरो का साथ देने वाले लोगों की निर्मम हत्या कराई थी।

यदि बेटे ने विद्रोह किया, तो साथ देने वालों की खाल में भूसा क्यों भरना? या साथ देने वालों को क्यों मारना और अपने बेटे को अंधा कराकर जिंदा छोड़ देना? क्या यही न्याय था? नहीं, पर उसकी क्रूरता इससे कहीं बढ़कर थी।

वह अपनी आत्मकथा में स्वयं स्वीकारता है कि वह कितनी शराब पीता था, और कहा जाता है कि उसकी अय्याशियों के कारण उसके पिता अकबर के साथ उसके सम्बन्ध मधुर नहीं थे। कहा जाता है कि अकबर का स्वाभाविक स्नेह अपने पोते खुसरो की ओर हो गया था। जहांगीर की आत्मकथा के अनुसार खुसरो अपनी युवावस्था के धोखे में बहक गया था, और उसे कई लोगों ने भड़का दिया था। इसलिए उसने अपने अब्बा के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।  नूरजहाँ, इम्प्रेस ऑफ मुगल इंडिया में इलिसन बैंक्स फाइंडली कई लेखकों और यात्रियों के हवाले से जहाँगीर की क्रूरता की कहानी लिखते हैं और लिखते हैं कि फादर फेर्नो गुर्रेरियो कहते हैं कि “जहाँगीर अपने बेटे को लाहौर से आगरा तक एक हाथी की पीठ पर पिंजरे में बंद करके ले गया था, और रास्ते में वह वहां पर रुका, जहाँ पता इन दोनों के बीच युद्ध हुआ था और उसने उसे कुछ जड़ी बूटियों, के जूस को आँख में डालकर उसे अंधा कर दिया।”

1611 में फिंच के हवाले से वह दो कहानियां बताते हैं कि एक तो जहाँगीर खुसरो को काबुल ले गया, जहाँ पर वह युद्ध हुआ था, और फिर उसने पिघले सीसे से अपने बेटे को अंधा कर दिया और दूसरी यह कि जहाँगीर ने रूमाल से ही अपने बेटे को अंधा कर दिया।

वर्ष 1613 में हॉकिन्स भी रिपोर्ट करते हैं कि खुसरो को बादशाह के महल में कैदी बनाया था और उसे फिर उसके पिता के आदेश के अनुसार अंधा कर दिया गया था।

1622 के आसपास टेरी का कहना है कि अंधा करने की घटना 1606 के विद्रोह के तुरंत बाद हुई थी और कहा कि खुसरो को जेल में डाला गया, और फिर उसकी आँखों पर कुछ चिपका दिया गया और फिर तीन साल बाद उसे हटाया गया, मगर पूरी तरह से नहीं।

तो वहीं जहाँगीर के ही समकालीन साथी द्वरा इन्तिखाब-ए-जहाँगीर-शाही में, लिखा है कि खुसरो को उसकी आँखों में वायर डालकर अंधा किया गया, और उससे इतना दर्द हुआ था, जो असहनीय था।

जहाँगीर की आत्मकथा में यद्यपि खुसरो को अंधा किये जाने के आदेश पर साफ़ नहीं कहा है, मगर THE TUZUK-I-JAHANGlRl OR MEMOIKS OF JAHANGIR में पृष्ठ 174 में एक प्रकरण है जिसमें लिखा है कि एक व्यक्ति ने यह दावा किया कि वही खुसरो है और उसने अपने आँखों के आसपास वह घाव दिखाए, और जिसके दाग अभी तक थे।

इतना ही नहीं, उसने सिखों के गुरु श्री अर्जुन देव को केवल इसीलिए मरवा दिया था कि एक तो वह हिन्दू थे (हिन्दू कहकर ही THE TUZUK-I-JAHANGlRl OR MEMOIKS OF JAHANGIR में संबोधित किया है) और उनके हिन्दू के साथ साथ मुस्लिम भी भक्त थे, और वह उन्हें गुरु कहते थे। उसे बहुत गुस्सा आया कि लोग अर्जुन देव को घेरकर खड़े रहते हैं और वह कहता है कि मुझसे कई बार कहा गया कि मैं इस काम को रोकूँ या उसे इस्लाम में लाऊँ।

फिर अंत में जब खुसरो वहां से गुजरा और इन लोगों ने उसका इंतज़ार किया। खुसरो ने उसे सलाम किया और खुसरो के माथे पर तिलक लगाया। जहाँगीर ने लिखा कि जब उसे यह पता चली तो वह हिन्दुओं की चालाकी समझ गया। और फिर उसने अर्जुन देव को बुलाया और उनका घर, सत्संग का स्थान और बच्चों को मुर्तजा खान के हवाले कर दिया और अर्जुन देव की हत्या कर दी।

मगर फिर भी इतिहासकारों ने लिखा कि जहांगीर इतना दयालु था कि उसने अपने बेटे को मारा नहीं था, बस अंधा किया था और बाद में उसे भी ठीक करने का प्रयास किया।

वामपंथी इतिहासकारों के साथ साथ फिल्मों और टीवी सीरियल निर्माताओं ने भी ऐसे खूनखराबे को अपनी रूमानी कहानियों के पीछे छिपाया है और यही कारण है कि हमारी लडकियां उनके झांसों में आ जाती हैं और फिर किसी दिन किसी सूटकेस आदि में मिलती हैं।


क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगा? हम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है. हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें .

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.