तुनिषा शर्मा एक अति सुन्दर, अति प्रतिभाशाली हिन्दू लड़की थी। उसने अपने व्यवसाय में काम उम्र में बहुत ऊंचा स्तर प्राप्त किया था। घर में माँ की इकलौती संतान थी और प्यार की कोई कमी नहीं थी ।
परन्तु तुनिषा ने ये सब कुछ छोड़ कर आत्महत्या कर ली।
इस लेख में मैं प्रयत्न करूंगा समझने की कि तुनिषा के इस निर्णय का कारण आखिर क्या था।
शीजान का तुनिषा के साथ क्रूर खिलवाड़
शीजान तुनिषा से १० साल उम्र में बड़ा था । तुनिषा केवल २० साल की थी। अभी भी कुछ हद्द तक नासमझ थी । आजकल ऐसा पाया गया है कि लव जिहादी काम उम्र की लड़कियों को ज़्यादा शिकार बनाते है। कारण स्पष्ट है : कम उम्र होने से यह लड़कियां पूरी तरह से मानसिक और भावनात्मक रूप से परिपक्व नहीं होती हैं।
अतः इन्हे अपने ढोंग में फसाना उतना आसान होता है। अपने नकली प्रेम को प्रकट करो, गिफ्ट्स दो, घुमाओ फिराओ, और फ़िल्मी डायलॉग मार्के इनके भोले से मन पर काबू पा लो । ये है आजकल के लव जिहादियों का “फार्मूला”।
शीजान ने तुनिषा के साथ यही सब किया।
लव जिहाद का शिकार बनी हिन्दू लड़कियां एक और पहलु को अक्सर बयान करती हैं: कि जिहादी का परिवार हिन्दू लड़की को अपनों से दूर करने का विशेष प्रयास करता है। तुनिषा के साथ भी यह हुआ। तुनिषा की माँ वनिता कहती हैं कि कुछ महीने से शीजान का परिवार तुनिषा को एक तरह से घेरे हुए था। उसे बार बार घर बुलाते थे, दरगाह ले जाते, उसे अपने जश्नों में शामिल करते, वगैरह । इससे भी तुनिषा अपने हिन्दू समाज से दूर और मुस्लिम तौर-तरीकों के पास जाने लगी।
अब आता है सबसे बड़ा पहलु : धोखा !
शीजान का तुनिषा से शादी करने का कोई इरादा कभी था ही नहीं। उसकी पहले से एक गर्लफ्रेंड थी । इस बात को तुनिषा से छुपाया गया। तुनिषा को बड़े बड़े हसीं सपने दिखाए गए। बेचारी भोली तुनिषा इन सपनो में सच्चाई ढूंढती रही । आखिरकार उसे पता चला की शीजान उसके साथ महज़ खिलवाड़ कर रहा है जब उसे शीजान की गर्लफ्रेंड का पता चला । शीजान ने तब उसके साथ अपना रिश्ता तोड़ दिया, उसे थप्पड़ मारा , और कहा कि “जो करना है कर लो “।
इतना बड़ा धोखा ! इसने बड़ा फरेब ! एक २० साल की लड़की को इस तरह से इस्तेमाल करना और फिर फेंक देना!
तुनिषा ये सहन नहीं कर पायी। उम्र में सिर्फ २० साल की थी, उसमे शायद अभी उतनी क्षमता नहीं थी की वो ऐसे व्यव्हार को किसी तरह से नज़रअंदाज़ करके “move on with life” कर सकती । दुःख दर्द में उसने आत्महत्या कर ली ।
क्या इसमें तुनिषा का कोई दोष है ? मुझे लगता है की तुनिषा का उतना ही दोष है जितना की कोई भी शिकार का होता है जब वो शिकारी के हाथों मारा जाता है। शीजान एक शातिर फरेबी था, जैसा की हर एक लव जिहादी होता है । एक २० साल की लड़की जो भोली भाली थी, वो उसके झांसे में फस गयी । भला उसमे लड़की का क्या दोष ? उसका दोष सिर्फ इतना था की वो भोली थी, दिल की अच्छी और साफ़ थी। उसके साफ़ दिल ने कभी ऐसा सोचा न था की कोई उसके साथ इतना बड़ा फरेब कर सकता है । बस, उसका इतना ही दोष था।
तुनिषा अब नहीं रही। पर हिन्दू समाज पर वो एक उत्तरदायित्व छोड़ गयी है । हम सबको सतर्क रहना होगा । यदि आपके इर्द-गिर्द कोई तुनिषा जैसी भोली हिन्दू लड़की है जो की किसी लव जिहादी की चालों में फस गयी है तो उसे समझाइये। उससे आत्मीयता के साथ बात कीजिये । उसे हमारे और इस्लाम के बीच का फर्क समझाइये । इस्लाम में स्त्री को देवी नहीं बल्कि पुरुष से बहुत कम दर्जे का स्थान मिलता है । ये हमें हिन्दू बेटियों को समझाना होगा ।
Daily our hearts are crying for one Hindu girl or another. One day it is Tunisha, next it is Pujitha, next it is Ekta, next … Never-ending relay of Hindu girls all being killed (directly or indirectly) by Muslim men. Can anyone even name 3 cases of the other way round—of a Muslim woman being deceived then murdered by a Hindu man? Can anyone name 3 cases even of Hindu men faking Muslim name to become lovers of some Muslim woman? In India there are roughly 5 Hindu men for every Muslim man. If this phenomenon were independent of religion, we would see roughly 5x the number of Hindu men doing this vs Muslim men. Instead we don’t even see 5!! And Muslim, we are seeing daily more than 1. Meaning, per year running into thousands or so, accounting all the under-reporting. Statistically, this is a very very clear indictment: Muslim men are killing Hindu women; NOT THE OTHER WAY ROUND!!