नमस्कार! आज हम सभी मिलकर एक ऐसे महान विचारक, आध्यात्मिक गुरु और युवाओं के प्रेरणास्रोत को याद कर रहे हैं, जिनका नाम स्वामी विवेकानंद है। उनकी जयंती पर हम उनको कोटि-कोटि नमन करते हैं और ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के मौके पर सभी युवाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं भेजते हैं। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत पर जोर दिया, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए”। यह एक महत्वपूर्ण संदेश है जो हमें जीवन में सकारात्मक दिशा प्रदान करता है।
स्वामी विवेकानंद जी ने अपने शैली से जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका देने की मांग की और उन्होंने युवाओं को उत्साही बनाने के लिए अपने शिक्षाओं को साझा किया। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व भर में वेदांत और योग की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने में अपना सारा जीवन समर्पित किया। उन्होंने पश्चिम को वेदांत और योग की अद्वितीयता की ओर मोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सारे विश्व को हिन्दू धर्म के गुणों की दिशा में मुड़ने के लिए काम किया।
उन्होंने विविधता में समरसता की बात की और विश्व को धर्मों के प्रति समर्पित करने की आवश्यकता को समझाया। उनका भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम और भरोसा आज भी हमें हमारे रूढ़िवादी मूल्यों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता को स्मरण कराता है। शिकागो में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण ने उनकी विचारशीलता, ज्ञान और आत्मविश्वास को पूरे विश्व में प्रमोट किया। उन्होंने वहां भारतीय संस्कृति की ओर से आए विचारों का प्रस्तुतिकरण किया और अपनी बातें सुनाने वालों को आत्मनिर्भर और गर्वित होने की भावना दी।
उनका संदेश आज भी हमारे युवाओं के बीच एक ऊर्जावान समाज बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वामी विवेकानंद ने युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए प्रेरित किया। आज के युवा वर्ग को उनके महान आदर्शों से बहुत शिक्षा मिलती है, जिनसे वे अपने जीवन को सकारात्मक और सार्थक बना सकते हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवा पीढ़ी को सकारात्मक दृष्टिकोण और स्वयं में विश्वास बनाए रखने की बहुत महत्वपूर्णता दी।
उनके अनुसार, युवा शक्ति एक ऐसी ऊर्जा है जिससे समाज में परिवर्तन की ऊर्जा आती है। यदि हम समाज को सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए युवाओं की इस ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करें, तो हम अच्छे समाज की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं। स्वामी विवेकानंद का संदेश है कि हमें सिर्फ आत्मनिर्भर बनने के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की सेवा करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। युवा पीढ़ी को समाज में उपयोगी बनाने के लिए उन्हें नैतिक मूल्यों और समर्पण की भावना से युक्त करना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद के विचार ने हमें यह बताया है कि सच्चे योद्धा वह होते हैं जो समस्त मानवता के हित में अपने जीवन को समर्पित करते हैं। उनका संदेश यही है कि हमें सिर्फ अपने लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज के सहायता के लिए भी अपनी ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। इस प्रेरणादायक संदेश के साथ, हमें स्वामी विवेकानंद जी उनकी जयंती एवं ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ पर सभी युवाओं को उनके आदर्शों की अनुसरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
सम्भल के सभी नागरिकों से मेरी एक आग्रह है कि हम स्वामी विवेकानंद जी के उदाहरण को अपनाकर, समृद्धि और समरसता की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चलें। उनके विचारों को अपनाकर हम सभी एक बेहतर भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं। सम्भल लोकसभा के सभी नागरिकों से मेरी एक आग्रह है कि हम स्वामी विवेकानंद जी के उदाहरण को अपनाकर, समृद्धि और समरसता की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चलें। उनके विचारों को अपनाकर हम सभी एक बेहतर भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं। युवा शक्ति से मेरी अपील है कि वे स्वयं को उनके सपनों और लक्ष्यों के प्रति समर्पित करें, और समाज के साथ मिलकर उसे एक बेहतर स्थिति में ले जाएं।
इस संदेश के साथ, स्वामी विवेकानंद जी की जयंती एवं ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ पर सभी को शुभकामनाएं। आइए, हम सभी मिलकर उनके उदाहरण का पालन करते हुए एक समृद्धि और समरस समाज की दिशा में कदम से कदम मिलाकर बढ़ें।
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। स्वामी विवेकानंद का संदेश है – आत्मनिर्भर और समर्पित युवा, समृद्धि की दिशा में समाज के साथ मिलकर बदला जा सकता है।”
धन्यवाद।