कथित रूप से हिंदूवादी कवि जो, मुख्यतया फिल्मों में ही लिखते हैं, और जिनपर कविता चोरी का भी आरोप लगा था, जिसके उत्तर में उन्होंने बहुत ही बेकार तर्क दिया था, और जिन्होनें अभी विक्रम वेधा फिल्म आने से पहले यह तक अपील की थी कि “हम राष्ट्रवादियों” को हर फिल्म का बहिष्कार नहीं करना चाहिए,। अब वही मनोज मुन्तशिर एक नए दावे के साथ सामने आए हैं, और यह दावा है कि “फिल्म आदिपुरुष में, सभी लोग सनातनी हैं एवं प्रभु श्री राम में श्रद्धा रखते हैं, विश्वास रखते हैं!”
हालांकि इससे पहले उन्होंने सैफ अली खान के उस वक्तव्य का बचाव भी किया था, जिसमें सैफ अली खान ने कहा था कि “आदिपुरुष में रावण को ह्यूमेन दिखाया गया है!” उन्होंने कहा था कि अब तक रावण को केवल बुरा ही दिखाया जाता था, मगर इसमें रावण के कई शेड्स दिखाए जाएंगे:
मनोज मुन्तशिर को ऐसा लगता है कि जैसे वह बॉलीवुड में हिन्दुओं के खेवनहार बन गए हैं। वह जो कहेंगे लोग उनकी बात मानेंगे, वह जो कहेंगे, आम हिन्दू उसे मानेगा! वह जो कहेंगे आम हिन्दू उसके पीछे आँखें मूंदकर चल देगा! मनोज मुन्तशिर पहले ही हिन्दुओं को उन आम लोगों का रोजगार खाने वाला बता चुके हैं, जिनका रोजगार बड़ी बड़ी सिनेमा चेन पहले ही खा चुकी हैं, जिन लोगों को मल्टीप्लेक्स वालों ने पहले ही बेरोजगार कर दिया है, उनके काम के बहाने मनोज मुन्तशिर उन हिन्दुओं को अपराधी घोषित कर चुके हैं, जो हिन्दू उनके साथ तब भी खड़ा रहा, जब उनकी कविता साफ अनुवाद की गयी दिख रही थी।
मनोज मुन्तशिर उसी बॉलीवुड उद्योग का हिस्सा हैं, और कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि वह बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं। मनोज मुन्तशिर के गाने “तेरी मिट्टी में मिल जावां” को जब सम्मान नहीं मिला था, तो निश्छल हिन्दू समाज की भावनाएं मनोज मुन्तशिर के साथ जुड़ गयी थीं और उन्होंने मनोज मुन्तशिर की इस अनदेखी और उपेक्षा को स्वयं के साथ हुई उपेक्षा के रूप में ले लिया था। और जब उन्होंने इतिहास को लेकर कहा था, तो हिन्दुओं को लगा था कि मनोज मुन्तशिर के बहाने कोई उनका पक्ष रखने वाला तो फिल्म उद्योग में है।
फिर उनपर चोरी का आरोप लगा। उस चोरी के आरोप में दम होते हुए भी इसलिए दम नहीं था क्योंकि बड़े बड़े कवि भी ऐसी हरकत करते पाए गए थे और उनकी चोरी पर प्रगतिशील खेमा चुप रहा था। हमने भी मनोज मुन्तशिर की बात करते हुए यह लिखा था कि यदि मनोज मुन्तशिर की बात हो रही है, तो फिर पाश आदि सभी की बात हो! खैर, संभवतया मनोज मुन्तशिर इस समर्थन को यह मान बैठे कि वह कुछ भी कहते और करते रहेंगे, और हिन्दू उनकी बात मान लेंगे!
जब वह पहले हिन्दुओं द्वारा किए गए बॉयकाट के चलते सिनेमा हॉल के बंद होने का रोना रो रहे थे, तब भी हमने लिखा था कि क्या वास्तव में इसी कारण सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं? क्या वास्तव में हिन्दू उत्तरदायी है? नहीं! उत्तरदायी तो वह हिन्दू विरोधी कंटेंट है, जिसके चलते लोग जाना ही नहीं चाहते हैं।
जैसे कश्मीर फाइल्स ने हिन्दुओं का नैरेटिव डिजिटल रूप से स्थापित कर दिया है, ऐसा क्या मनोज मुन्तशिर ने किया है? ऐसा कुछ भी कालजयी उन्होंने नहीं लिखा है, बल्कि वह तो बॉलीवुड के उन्हीं लोगों के साथ कार्य कर रहे हैं, जो पूरी तरह से हिन्दू विरोधी नैरेटिव बना रहे हैं।
खैर, बात अभी के उनके वीडियो की, फिर से सुनते हैं कि उन्होंने क्या कहा है?
जब मनोज मुन्तशिर कह रहे हैं कि इस फिल्म में जो भी है, उसकी प्रभु श्री राम में आस्था है, तो आइये सैफ अली खान का वह वीडियो देखते हैं, जिसमें वह प्रभु श्री राम के विषय में यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वह राम को नहीं मानते तो वह अपने बेटे का नाम राम कैसे रख सकते थे, और तैमूर कुछ हिंसक प्रवृत्ति का था, जो उस समय हो सकता था
अब मनोज मुन्तशिर बताएँगे कि क्या यह संभव है कि ऐसा हो? क्या तैमूर जैसे हिन्दुओं के कातिल को महान योद्धा बताने वाला सैफ अली खान, सनातनी मूल्यों में आस्था रखने वाला है? या फिर कौन है? क्या यह कहने वाला व्यक्ति कि एक मुस्लिम होने के नाते मैं अपने बेटे का नाम राम नहीं रख सकता, सनातनी हो सकता है? प्रभु श्री राम में आस्था रखने वाला हो सकता है?
शायद मनोज मुन्तशिर अब एक प्रमाणपत्र देने वाली फैक्ट्री बन गए हैं! तभी वह सैफ अली खान जैसे लोग, जो खुद को मुस्लिम फर्स्ट मानते हैं, और प्रभु श्री राम के प्रति असहजता अनुभव करते हैं, उन्हें सनातनी मूल्य वालों का प्रमाणपत्र दे सकते हैं! वह सब कर सकते है, वह उस कृति सेनन को सनातनी मूल्यों वाला बता सकते हैं, जो टुकड़े टुकड़े गैग का समर्थन करती है और जब उस गैंग का विरोध किया जाता है, वह राजनीतिक एजेंडा बन जाता है!
समस्या यह नहीं है कि सैफ अली खान या कृति सेनन जैसे लोग हिन्दू विरोधी विचार रखते हैं, समस्या मनोज मुन्तशिर जैसे प्रमाणपत्र देने वालों की फैक्ट्री से है, जो विक्रम वेधा की रिलीज से पहले यह प्रमाणपत्र देते हुए दिखाई दिए थे कि हिन्दुओं के बॉयकाट के चलते आम आदमी मारा जा रहा है, वह मूंगफली वाला और समोसा वाला मर रहा है, जो वहां पर आने वाले दर्शकों पर ही निर्भर है! परन्तु मनोज साहब, यह नहीं बता पाए कि आखिर हिन्दू अपने सांस्कृतिक अपमान को देखने के लिए पैसा खर्च क्यों करे?
क्या मनोज मुन्तशिर ने ऐसा कुछ भी कार्य किया है, जो कहा जाए कि हिन्दू नैरेटिव है? और यदि यह नहीं भी किया है तो क्या उन्होंने हिन्दू विरोधी कलाकारों का विरोध किया है? क्या वह खुलकर उस नैरेटिव के विरोध में आए जो हिन्दुओं को नष्ट कर रहा है?
मनोज मुन्तशिर खुद भी शिल्पा शेट्टी के साथ कई बार आ चुके हैं, जिनके पति राज कुंद्रा पर क्या आरोप हैं, यह सभी को पता ही है।
फिर भी मनोज मुन्तशिर अब जिस प्रकार से सनातनी होने का प्रमाणपत्र देने की फैक्ट्री बन रहे हैं, वह कितना उचित है, यह पाठक स्वयं निर्धारित करें!