ब्रिटेन इस समय सांप्रदायिक और धार्मिक हिंसा से उबल रहा है, हिन्दुओं के प्रति नस्लीय हिंसा में एकाएक तेजी आ गयी है। बर्मिंघम क्षेत्र में ब्रिटेन के स्मेथविक में दुर्गा भवन मंदिर के बाहर एक हिंसक प्रदर्शन हुआ, जिससे हाल ही में लीसेस्टर जैसी हिंसा की आशंका पैदा हो गई। ऐसा माना जा रहा है कि इन घटनाओं के पीछे पाकिस्तानी दूतावास और आईएसआई द्वारा पोषित पाकिस्तानी हिंदू विरोधी समूहों का हाथ है।
यह देखा गया है कि जिहादी भीड़ ने मंदिर परिसर की ओर बोतलें फेंकीं, उन्होंने मंदिर के आगंतुकों और अधिकारियों के लिए हिंदू विरोधी धमकियां और गालियां भी दीं। इस्लामी भीड़ ने पटाखे भी फोड़े और उन्हें मंदिर के अंदर फेंक दिया, वहीं मंदिरों से भगवा ध्वज भी उतार दिए।
लीसेस्टरशायर पुलिस के अनुसार, रविवार को ईस्ट लीसेस्टर में एक झड़प शुरू हो गई, जब युवा मुस्लिमों के एक समूह ने अनियोजित विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
यह सब 28 अगस्त को शुरू हुआ जब लीसेस्टर में एक मुस्लिम रेस्तरां ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले एशिया कप मैच के अंतिम परिणाम से पहले भारतीय ध्वज का अपमान किया। इसके पश्चात भारत और पाकिस्तान के समूहों के बीच तनाव पैदा हो गया, और अब यह देशव्यापी हिन्दू-विरोधी हमलों में परिवर्तित हो गया है।
हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ब्रिटेन के विदेश सचिव से बात की है, और उन्ही अपनी चिंताओं से अवगत करवाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रिटिश सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है की ब्रिटेन में भारतीय समुदाय को उचित सुरक्षा दी जायेगी। यहाँ प्रश्न यह है कि क्या यह हमले किसी षड्यंत्र के रूप में किये गए, या यह स्वतः स्फूर्त कार्यवाही थी?
हमने देखा है, कैसे ब्रिटिश मीडिया और इस्लामिक तत्वों ने इस हिंसा के लिए हिन्दुओं को ही दोषी ठहरा दिया है। हमने देखा कि कैसे हिन्दुओं को क्रोधित और नस्लीय हिंसा में लिप्त वर्ग बता रहा है, वहीं जो दोषी मुस्लिम हैं, उनके साथ एक अघोषित सहानुभूति व्यक्त करने का ढोंग किया जा रहा है। यह एक अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र ही है, जिसमे एक घटना का दुरूपयोग कर के हिन्दुओं के प्रति असहिष्णुता का वातावरण बनाया जा अहा है, ताकि वह अलग थलग पड़ जाएँ और उनके समर्थन में कोई भी खड़ा ना हो।
हिंदुत्व पर आक्रमण और जिहादियों को आश्रय
ब्रिटेन में हिन्दुओं पर हो रहे हमले कोई एकाएक हुई घटना नहीं है, अगर आप पिछले कुछ वर्षों से हो रही घटनाओं को देखेंगे, तो पाएंगे कि यह एक नया प्रयास है हिंदुत्व को बदनाम करने का, और हिन्दुओं पर सामाजिक, मानसिक और आर्थिक दबाव डालने का। ब्रिटेन से कई वीडियो भी आये हैं, जिनमे 2 बातें देखने को मिली हैं, एक तो जिहादी तत्व अब खुल कर हिंदुत्व के बारे में उल-जुलूल वक्तव्य दे रहे हैं, और दूसरी बात यह है कि वह हर घटना के लिए भारत की सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।
पिछले कुछ समय से पश्चिमी देशों में ‘डिस्मेंटल हिंदुत्व‘ के नाम से एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदुत्व को समाप्त करना है । अगर आप बर्मिंघम में एक हिंदू मंदिर पर हमला करने वाली जिहादी भीड़ का वीडियो देखेंगे, तो पाएंगे कि वह कह रहे हैं कि वह हिंदुत्व के विरोध में हैं, हिन्दुओं के नहीं। यह बड़ी ही घातक सोच है, जहां हिंदुत्व के नाम पर हिन्दुओं को समाज में अलग-थलग किया जा रहा है।
वहीं दुनिया में कहीं भी कोई पाकिस्तानी मुसलमान या जिहादी भीड़ कोई अवांछनीय कार्य या हिंसा करते हैं, तो मीडिया या सेक्युलर लिबरल गुट उसे “दक्षिण एशियाई” बोल देता है। यह प्रयास होता है जिहादी तत्वों को एक वृहद् पहचान में समाहित करने का, क्योंकि तब उन्हें मात्र मुस्लिम ना समझ कर एशियाई मूल का माना जाता है। जिससे लगता है कि वह व्यक्ति भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश या यहां तक कि नेपाल और श्रीलंका का भी हो सकता है। हमे आशा है आप समझ रहे होंगे इस खेल को, कैसे एक ख़ास पहचान को छुपा दिया जाता है।
हिंदुत्व पर हमला भारत और हिन्दुओं पर हमला है
पश्चिन देशों के विश्विद्यालयों की बौद्धिक क्षमता का उपयोग भारत की संस्कृति को हानि पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। यहाँ पर हमे यह समझना होगा कि हमारे विरोधियों ने हिंदुत्व और हिन्दू के बीच एक रेखा खींचने का प्रयास किया है, यह हिन्दुओं कि वृहद् सांस्कृतिक पहचान को बाँट कर उसे शनैः शनैः ख़त्म करने का प्रयास है। हर भारतीय को यह समझ लेना चाहिए कि यदि हिंदू धर्म को हानि पहुंचाई जाती है, तो भारत को भी हानि होनी ही है।
भारत की संस्कृति और इतिहास के मूल के सभ्यतागत निर्माण को परिभाषित करने वाला हिंदू धर्म ही है । हिंदुत्व से ही सह-विकसित हो कर अन्य धर्म पैदा हुए हैं, जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म। हिंदुत्व पर किसी भी प्रकार का हमला करना और कुछ नहीं बल्कि हिंदू धर्म और भारत राष्ट्र पर हमला करने जैसा ही है।
वैश्विक स्टार पर हिन्दुओं की रक्षा के लिए क्या किया जाए?
अब समय आ गया है कि हिन्दू समाज और भारतीय सरकार, इन विषयों पर नींद से जागे, और हिन्दू हितों की रक्षा के संगठित प्रयास करे। हमें छद्म सेकुलरिज्म और राजनीतिक शुद्धता को ताक पर रख वैश्विक स्तर पर यह सन्देश देना ही होगा कि अब हम हिन्दुओं और हिंदुत्व का और अपमान नहीं सहेंगे।
आज भारत सरकार ने कनाडा में भारतीय मूल के लोगों पर हिंसक हमलों पर एक सलाहकारी जारी की है । उसमे यहाँ साफ़ साफ़ लिखा है कि भारतीय सरकार भारतीय लोगों पर हो रहे हमलों से चिंतित है, और इन हमलों के दोषियों पर कोई कार्यवाही ना होने से कनाडा की सरकार से खिन्न भी है। ऐसे में भारतीय सरकार ने कनाडा में स्थति भारतीय मूल के लोगों, छात्रों आदि को अतिरिक्त सतर्कता रखने की सलाह दी है।
भारतीय सरकार ने एक तरह से कनाडा सरकार को भी यह दर्शा दिया है कि इस तरह की घटनाओं पर अब सरकार चुप नहीं रहेगी। हमें हिन्दुओं के विरुद्ध होने वाले हिंसा की घटनाओं पर मात्र निंदा कर के ही नहीं रुकना होगा, बल्कि उन देशों को भी ऐसे किसी घटना से होने वाले आर्थिक और सामरिक हानियों के बारे में कठोरता से बताना ही होगा।