ऐसा कहा जाता है कि सोशल मीडिया बड़ा ही निर्मम होता है, यहाँ एक ही क्षण में झूठ फैलाये जा सकते हैं, छद्म जानकारी का प्रसार किया जा सकता है, वहीं सच्ची जानकारी को भी दबाया जा सकता है। ऐसा ही एक प्रकरण लखनऊ में देखने को मिला, जब सोमवार को एक विद्यालय का वीडियो सोशल मीडिया पर छाया रहा।
यह वीडियो इस विद्यालय के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के समय एक नाटक मंचन पर फिल्माया गया था। इस वीडियो में एक छोटी लड़की भारत माता के रूप में दिख रही है, उसने अपने सिर पर एक मुकुट भी लगा रखा है। उसके आस पास कुछ लड़के हैं जो अपनी वेशभूषा से मुस्लिम लग रहे हैं, सब नाटक का मंचन करते हुए आगे बढ़ते हैं। तभी एकाएक भारत माता के सिर पर लगे मुकुट को उतार कर एक सफ़ेद कपडा या हिजाब बाँध दिया जाता है। उसके बाद भारत माता को घुटने पर बैठा कर नमाज अदा कराई जाती है।
इस वीडियो को किसी ने सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया। यह बताया गया कि भारत माता को हिजाब पहना कर नमाज़ करने पर विवश किया जा रहा है। जैसी आशा थी, इस वीडियो से धार्मिक विवाद उत्पन्न हो गया और लोगों ने आक्रामक प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी। कोई भी व्यक्ति भारत माता का ऐसा अपमान सहन नहीं कर सकता, और इसे कारण इस वीडियो का चहुंओर विरोध होना शुरू हो गया।
पुलिस ने जांच कर बताई वीडियो की सच्चाई
प्रभारी निरीक्षक बाजार खाला विनोद कुमार यादव ने बताया कि मालवीय नगर के विद्या शिशु मंदिर विद्यालय में 15 अगस्त पर बच्चों द्वारा भारत के चार सपूत नाटक का मंचन किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार उनकी जांच में पता लगा है कि इसमें बच्चों द्वारा झगड़ा-फसाद ना करने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया था। किसी व्यक्ति ने इस वीडियो के कुछ भाग में कांट छांट कर इसे सोशल मीडिया पर फैला दिया और बिना बात के धार्मिक उन्माद उत्पन्न करने का प्रयास किया है।
पुलिस डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा के अनुसार उन्होंने इस वीडियो का संज्ञान लिया, क्योंकि उनके पास सोशल मीडिया और अन्य स्त्रोतों से कई तरह की शिकायतें आ रही थी। पुलिस की साइबर सेल ने इस वीडियो की जांच की और फिर स्कूल प्रबंधन से बात करके पूरे कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग भी देखि गयी, उसके पश्चात यह समझ आया कि आधे-अधूरे वीडियो को ट्वीट करके आपसी वैमनस्य फैलाने का काम किया गया है। ट्वीट करने वाले की जल्दी ही पहचान कर उस पर उचित कार्रवाई की जायेगी।
वीडियो फैलाने वालों के विरुद्ध आईटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है
एसएचओ विनोद कुमार यादव ने बताया कि इस विषय में आईटी एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया जाएगा। साइबर सेल की सहायता से वीडियो के स्त्रोत का पता लगाया जाएगा। हालांकि विद्यालय ने अभी तक इस विषय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करवाई है, लेकिन आशा है वह जल्दी ही होगा। इसी बीच पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दोषियों पर विधिक कार्यवाही करने की तैयारी कर ली है।
Bharat Mata is a Goddess worshipped by Crores of Bhartiyas. Every patriot in India worships “Bharat Mata photo with Saffron Flag”. You cannot alter that Model. You cannot make a such a “Play”/ “Drama” / “Joke” out of it. Such plays should be banned by Police.