spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22.1 C
Sringeri
Thursday, April 25, 2024

बांग्लादेश में नहीं थम रहा अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर कट्टरपंथी मुस्लिमों का अत्याचार

 

बांग्लादेश में एक बार फिर से हिन्दुओं पर हिंसा के नए समाचार सामने आए हैं, यह समाचार 17 मार्च को इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले से इतर हैं।  यह छिटपुट घटनाएं बार बार यह प्रमाणित करती हैं कि कहीं न कहीं हिन्दुओं के प्रति घृणा अपने चरम पर है।

पिछले महीने 6 फरवरी को सरस्वती पूजा के दिन धारदार हथियारों सहित मुस्लिम कट्टरपंथियों ने अबनी दास के आवास पर धावा बोल दिया, साथ ही आवास पर बने माँ सरस्वती पंडाल को भी क्षति पहुंचाई। माँ सरस्वती की प्रतिमा को भी ध्वस्त किया गया।

जब हिन्दुओं ने इस भीड़ को रोकने का प्रयास किया तो उन्हें ही धारदार हथियारों से निशाना बनाया गया। इस अकस्मात हमले में 7 हिन्दू गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें निकटतम चिकत्सालय में भर्ती कराया गया था।

परन्तु उसके बाद अगले ही महीने अर्थात मार्च में भी ऐसी घटना हुई, जिसने एक बार पुन: हिन्दुओं की स्थिति की विकटता को बताया। 9 मार्च बुधवार को एक हिन्दू व्यक्ति को 100 लोगों की भीड़ के सामने मोहम्मद हारून मौला और मोहम्मद माटी मियाँ ने घेर कर मारा। नारद सूत्रधार नामक इस व्यक्ति की इतनी बुरी तरह से पिटाई की गयी, कि उसके शरीर की कई हड्डियां टूट गयी हैं।

हालांकि यह कथित सजा उसे केवल इसलिए दी गई क्योंकि उस पर हमला करने वाले लोगों को इस बात का संदेह था कि उसने “चोरी” की है। इस चोरी के आरोप में उसे लोगों के सामने इतना मारा गया।

नारद सूत्रधार के साथ हुई इस जघन्य घटना का आंशिक वीडियो भी फेसबुक पर उपलब्ध है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे एक डरा हुआ और भयभीत नारद एक कुर्सी पर बैठे वृद्ध मुस्लिम के सामने बैठा है और उसके हाथ पीछे की ओर बंधे हैं। वह आदमी उसके कान मरोड़कर नारद से सवाल करता है, और सबसे हैरान करने वाली और चिंता वाली बात यही है कि छोटे बच्चे और वहां मौजूद भीड़ हंस रही है। यह भी कोई नहीं पूछ रहा कि आखिर क्यों अफवाह पर ही उसे मारा जा रहा है? और क्यों पुलिस नहीं बुलाई जा रही है?

बाद में एक पड़ोसी के साथ नारद स्थानीय अस्पताल गया जहां उसका इलाज चल रहा है। हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने इस घटना की दबे स्वर में आलोचना अवश्य की, परन्तु वह तब तक बेकार है जब तक जनता में से कोई इस घटना को लेकर पुलिस में नहीं जाता! चूंकि नारद का अस्पताल में उपचार चल रहा है, इसलिए वह भी इस हिंसा को लेकर पुलिस से संपर्क नहीं कर पाया है।

कुछ हिन्दू संगठन अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं!

यह सत्य है कि निराशा का अन्धेरा है, परन्तु हर अँधेरे में भी  प्रकाश की हल्की सी किरण विचार का आँचल थामे रहने के लिए पर्याप्त होती है। हर समय कट्टरपंथियों से घिरे रहने के उपरांत भी कुछ हिंदू संघ अभी भी अपने मौलिक मानवाधिकारों के लिए खड़े हैं और बांग्लादेश में हिंदू धर्म के स्वर्णिम इतिहास का प्रचार करने का साहस दिखा रहे हैं। तरुण सनातनी संघ कुछ इन्हीं साहसी संस्थाओं में से एक है। उन्होंने बच्चों और किशोरों के बीच भगवत गीता की प्रतियां वितरित करने और उन्हें “सात्विक पूजा पद्धति” में सम्मिलित करने का पदभार उठाया है।

वर्ष 2018 से यह संघ हिन्दू धर्म के प्रति समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। विशेषतः दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा एवं अन्य हिन्दू धार्मिक अवसरों पर यह संघ अधिक सक्रिय रूप से कार्य करता है। इन धार्मिक अवसरों पर हिंदू धर्म के विषय में प्रचार के लिए यह संघ सभी हिन्दुओं को पैम्फलेट के रूप में निमंत्रण भेजता है ताकि कम उम्र से ही हिंदुओं में धार्मिक एवं सांस्कृतिक लोकाचार को विकसित किया जा सके। तरुण सनातनी संघ को उनकी बहादुरी और अपने धर्म एवं संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता के लिए पहचाना जाता है।

मूल लेख का हिन्दी रूपांतरण: शान्तनू मिश्रा

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.