साल के पहले दिन को माता वैष्णों देवी के दर्शन करने की अभिलाषा लिए भक्त माता के दरबार में उपस्थित हुए थे। परन्तु भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गयी और लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। इस दुर्घटना में 12 भक्तों की मृत्यु हो गयी है और कई लोग घायल हो गए हैं।
हर वर्ष माता रानी के दरबार में नए वर्ष पर माँ का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस प्रशासन ने डंडे मारे। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पुलिस ही जिम्मेदार है और पुलिस ने डंडे मारे और जिसके कारण भगदड़ मच गयी। एक महिला के अनुसार पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी डंडे मारे। जिसके कारण भगदड़ मच गयी और लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए।
एक और भक्त ने बताया कि कैसे पुलिस खुद ही महिलाओं पर डंडे बरसा रही थी। सभी लोग पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता की बातें कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि महिलाओं को सबसे ज्यादा मारा
हालांकि मुआवज़े की घोषणा हो गयी है, परन्तु व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व जिन पर है, क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है? जब यह ज्ञात होता है कि हर वर्ष ही नव वर्ष पर माता रानी के दर्शन के लिए भक्त आते हैं, तो इस प्रकार की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी? क्यों डिवाइडर हटा दिया गया?
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल दत्त के अनुसार माता वैष्णो भवन में जो भगदड़ की घटना हुई है, उसमें 12 भक्तों की मृत्यु हुई है, और सभी घायलों को नारायण अस्पताल में इलाज के लिए लाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री रखे हुए हैं नजर
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है और राज्यपाल मनोज सिन्हा, मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह एवं नित्यानंद राय जी से घटना की जानकारी देने और नजर रखने के लिए कहा है।
सोशल मीडिया पर भी लोग यह कह रहे हैं कि भीड़ को लेकर श्राइन बोर्ड को सावधानी बरतनी चाहिए थी।
एक और यूजर ने लिखा कि यह तो होना ही था। श्राइन बोर्ड सो रहा था। मेरे साथ भी दीपावली पर ऐसी ही भगदड़ की स्थिति बनी थी, मैं एक इंच भी हिल नहीं पा रहा था।
मंत्री जितेन्द्र सिंह माता वैष्णों देवी में हुई इस दुर्घटना के कारण कटरा रवाना हो गए हैं।
राहुल गांधी से लेकर राजनाथ सिंह सभी ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है एवं दुर्घटना में प्राण गंवाने वाले भक्तों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
एक यूजर ने अपना अनुभव बताया कि कैसे यह दुर्घटना हुई। उन्होंने लिखा कि
12 बजते ही भक्तों की भीड़ वापस नीचे जाने लगी क्योंकि दर्शनो के लिए भवन में जाना नामुमकिन थाI इस तरह नीचे से आने वाली भीड़ और उपर से जाने वाली भीड़ एक साथ इकट्ठी हो गयीI दोनों तरफ से धक्का मुक्की होने के कारण लोग कुचले गए और घायल हो गएI
यह भगदड़ रात 12 बजे से 12:30 तक हुई थीI इस भगदड़ के समय मैं वही मौजूद था, भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए वहाँ कोई व्यवस्था नहीं थीI कई औरतें और छोटे बच्चे वहाँ पर घायल हो गए थेI बहुत मुश्किल से लोग जान बचाकर निकले वहाँ सेI
हालांकि इस दुर्घटना के बाद अब यात्रा सुचारू रूप से चलने लगी है।
हर बार भीड़ के कारण होने वाली भगदड़ के मध्य यह भी घटना कहीं खो जाएगी, परन्तु यह बहुत आवश्यक है कि हिन्दू धार्मिक स्थानों पर भक्तों का प्रबंधन उचित तरीके से हो, नियंत्रण की व्यवस्था हो एवं पुलिस में भक्तों के प्रति संवेदनशीलता हो!