आज कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का जन्मदिन है। और कांग्रेस पार्टी इन दिनों शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हालांकि अभी उसकी राजनीति की रणनीति थोड़ी बदल गयी है। मगर एक बात नहीं बदली है वह है परिवार का वर्चस्व एवं हिन्दू विरोध। राहुल गांधी स्वयं को वैसे तो दत्तात्रेय ब्राह्मण कहते हैं, परन्तु उन्हीं की पार्टी के नेता केरल में गौ मांस खाकर अपना विरोध प्रदर्शन करते हैं। यहाँ तक कि गाय को सड़क पर काटा था, परन्तु वर्ष 2017 में राहुल गांधी ने हालांकि आलोचना की थी, परन्तु अभी फरवरी में केरल के कार्यकर्ताओं ने राज्य पुलिस ट्रेनी के मेन्यु से बीफ के हटाए जाने पर बीफ करी का वितरण किया था।
Kerala: Congress workers yesterday distributed beef curry & bread in front of Mukkam police station in Kozhikode district, over reports of beef dropped from menu for state police trainees. pic.twitter.com/os3NVBEwTV
— ANI (@ANI) February 18, 2020
राहुल गांधी आज 51 वर्ष के हो गए हैं और वह अभी भी लिबरल मीडिया की निगाहों में युवा हैं। और उनका अगले चुनावों में प्रधानमंत्री बनना तय है, ऐसा कई पत्रकार दावा करने लगे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने कथित रूप से हुए अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर पर प्रहार करते हुए झूठ फैलाया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के साथ मिलकर ट्रस्ट पर प्रश्न उठाए और कहा कि प्रभु श्री राम के नाम पर धोखा हो रहा है।
यह बहुत हैरानी की बात है कि राहुल गांधी ने इस बात पर बिना किसी सुबूत के घोटाला देख लिया, और प्रभु श्री राम पर विश्वास कर लिया, मगर आइये आज राहुल गांधी के जन्मदिन पर कांग्रेस द्वारा प्रभु श्री राम और हिन्दुओं के साथ किये गए छल को याद करते हैं।
- सबसे पहले तो राहुल गांधी ने मंदिर जाने वाले लोगों को लड़की छेड़ने वाला बताया और यह भी याद रखना चाहिए कि राम मंदिर के विरोध में बाबरी मस्जिद का मामला लड़ने वाले राजीव धवन कांग्रेस के थे।
- विकिपीडिया के अनुसार राहुल गांधी भारत के लिए कट्टरपंथी हिन्दू समूहों की वृद्धि को देश के लिए बड़ा खतरा बता चुके हैं।
- वर्ष 2007 में देश को याद होगा कि यह कांग्रेस की सरकार का आधिकारिक वक्तव्य था कि रामायण एक मिथकीय कथा है, जिसका आधार वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस है।
- एएसआई ने अपने हलफनामे में कहा था “ऐसा कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है जिससे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुप से इस कथा के प्रामाणिक होने और इस कथा के पात्रों के होने का प्रमाण मिलता हो।”
- हिन्दू आतंकवाद का झूठा जाल रचने वाली कांग्रेस ही थी
- राम मंदिर का इतने वर्षों तक विरोध करने वाली कांग्रेस ही थी।
- चुनावों से पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने यह पूरा प्रयास किया था कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में निर्णय 2019 चुनावों से पहले न हो पाए।
- कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि राजा दशरथ बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, तो ऐसे में कैसे कहा जाए कि भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए थे।’
- और राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि वह किसी भी प्रकार के हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते हैं
- और राम को मानने वाले राहुल गांधी की कांग्रेस ने एनएसयूआई के सात कार्यकर्ताओं को जमशेदपुर में अपने ही व्हाट्सएप ग्रुप में जय श्री राम का नारा लगाने के कारण निष्कासित कर दिया गया है और यह दो दिन पूर्व की ही बात है
ऐसे एक नहीं कई वक्तव्य हैं, हालांकि कुछ लोग कह सकते हैं कि राहुल गांधी उस समय निर्णय नहीं ले सकते थे आदि आदि, परन्तु कांग्रेस में ऐसा कोई समय नहीं रहा जब गांधी परिवार का वर्चस्व कांग्रेस पर नहीं रहा। जब उन्होंने यह कहा था तब 2009 का वर्ष था, जब जुलाई 2009 में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के सम्मान में प्रधानमंत्री मनमोहन द्वारा भोज दिया गया था।
जब हिन्दू आतंकवाद का शोर मचाया जा रहा था उस समय एक तरफ कांग्रेस के उत्तराधिकारी के तौर पर राहुल गांधी को प्रस्तुत किया जा रहा था। मुम्बई में जब सबसे भयानक आतंकी हमला हुआ था, उसके बाद हम सभी ने देखा था कि कैसे दिग्विजय सिंह उसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की साजिश बता रहे थे, और राहुल गांधी ने विरोध नहीं किया था।
कांग्रेस के नेताओं ने जब केरल में गाय को मारकर खाया तब भी राहुल गांधी ने विरोध नहीं किया। जब राहुल गांधी अमेरिका से नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए समर्थन मांगते हैं तो वह हिन्दू धर्म के, प्रभु श्री राम द्वारा प्रदत्त मूल्य का अपमान करते हैं, जो जननी और जन्मभूमि को सबसे ऊपर बताते हैं।
जब राहुल गांधी भगवान श्री राम की बात करते हैं, तो क्या वह पालघर में मारे गए साधुओं की बात करते हैं? राहुल गांधी ने पालघर में हुई लिंचिंग की घटना के विषय में कुछ भी नहीं कहा है। जबकि प्रभु श्री राम ने तो साधुओं की रक्षा के लिए ही जन्म लिया था।
प्रभु श्री राम के न्याय के विषय में बात करते हुए राहुल गांधी हिन्दुओं पर लगे हुए हिन्दू आतंकवाद के आरोप के विषय में क्षमा नहीं मांगते हैं, या फिर बात ही नहीं करते हैं। वह इस विषय में कोई क्षमा याचना नहीं करते कि क्यों आखिर उनकी पार्टी की सरकार में विश्व के सबसे प्राचीन धर्म को आतंक का पर्याय बना दिया गया था? और न ही वह यह बताते हैं कि क्यों उनकी पार्टी की सरकार में एक शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को आधी रात को गिरफ्तार कर लिया जाता है और फिर चुपके से रिहा कर दिया जाता है।
सूची बहुत लम्बी है और हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी अभी भी नित प्रयासरत हैं फिर चाहे वह रूप कोई भी धर लें!
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