spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
28.9 C
Sringeri
Saturday, April 27, 2024

कथित सेक्युलर और हिन्दू पर्वों से उनकी घृणा

हिन्दुओं का सबसे बड़ा पर्व दीपावली माना जाता है। इस दिन हिन्दू अपने आराध्य प्रभु श्री राम के वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या वापस आने का उत्सव मनाते हैं। जब से अयोध्या में राम मंदिर का निर्णय आया है, तब से हिन्दू समाज प्रसन्न है, एवं वह एक भव्य मंदिर निर्माण का स्वप्न देख रहा है। पिछले कुछ वर्षों से अयोध्या में दीपावली मनाई जा रही है। दीप जलाने का रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। परन्तु एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसे हिन्दुओं के इस पर्व से चिढ है, हर पर्व से घृणा है।

यहाँ तक कि राजनेता तक हिन्दुओं के इस पर्व से चिढ गए हैं। उत्तर प्रदेश में किसान आन्दोलन के माध्यम से अपनी राजनीतिक मंजिल की तलाश करने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने छोटी दीपावली के दिन लखीमपुर स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की।

इस मामले पर यूजर्स ने कहा भी कि यह सभी ज्ञान आपको हिन्दुओं के त्योहारों पर ही क्यों याद आते हैं?

ऐसे ही राहुल गांधी ने धनतेरस के दिन पर महंगाई का रोना रोया

और लिखा कि

दिवाली है।

महंगाई चरम पर है।

व्यंग्य की बात नहीं है।

काश मोदी सरकार के पास जनता के लिए एक संवेदनशील दिल होता।

इस पर जनता ने भी कई प्रश्न किए।

कथित रूप से धर्मनिरपेक्ष रेडियो जॉकी साइमा ने भी दीपावली पर जो ट्वीट किया था, वह भी पर्व का अपमान था जबकि ईद पर साइमा की बधाई देखने लायक होती है।

इसी प्रकार जब राहुल गांधी द्वारा दीपावली पर बधाई देने की बात आई तो राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि

दीपक का उजाला बिना किसी भेदभाव के सबको रौशनी देता है- यही दीपावली का संदेश है।

अपनों के बीच दिवाली हो,

सबके दिलों को जोड़ने वाली हो!

राहुल गांधी किस भेदभाव की बात कर रहे थे? हिन्दू तो भेदभाव करता ही नहीं है। हिन्दुओं के समस्त पर्व स्वाभाविक पर्व हैं, प्रभु श्री राम का स्वागत सभी मिलकर ही करते हैं। परन्तु राहुल गांधी को शायद पता नहीं था कि दीपावली का पर्व अंधकार तो मिटाता ही है, पर वह किस कारण मनाया जाता है। जो प्रभु श्री राम को मानते हैं, वह भेदभाव कर ही नहीं सकते। पर राहुल गांधी को हिन्दू समाज को भेदभाव से भरा हुआ बताते हैं।

वह कितना उजाला फैलाते हैं, वह उनके 28 अक्टूबर के ट्वीट से पता चलता है जब उन्होंने हिन्दुओं को हिंसा और नफरत फैलाने वाला बताते हुए लिखा था कि

त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं।

सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी? 

जबकि त्रिपुरा पुलिस के अनुसार ऐसा कुछ नहीं था, और झूठी खबरें फैलाई जा रही थीं। यदि राहुल गांधी भेदभाव की बात करते हैं, तो वह हिन्दुओं के प्रति किस हद तक नफरत से भरे हुए हैं कि बिना सच जाने उन्होंने हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए यह लिख दिया था:

इसके बाद जब अयोध्या में दीपोत्सव हो रहा था तो एक ओर समूचा विश्व यह देखकर रोमांचित हो रहा था, परन्तु जब तक उसमें सेक्युलर रोना न हो जाए, तब तक उसका प्रभाव क्या होगा? ndtv ने इस विषय में लेख लिखा कि

“अयोध्या में ‘दीपोत्‍सव’ के बाद दीयों के जलकर बचे तेल पीने को लोग मजबूर”। और एक वीडियो साझा किया है।

https://ndtv.in/india-news/darkness-was-seen-in-ayodhya-under-the-light-of-lamps-2600610

इसी पर एक “प्रगतिशील” लेखिका की कविता भी वायरल हो रही है, जिसमें अयोध्या के दीपोत्सव की आलोचना है।

https://www.facebook.com/photo/?fbid=5015045081858246&set=pcb.5015048701857884 (अरुण माहेश्वरी की वाल से यह कविता ली गयी है)

दीपावली के दूसरे दिन, जब हिन्दू गोवर्धन पूजा मना रहे थे, उसी समय राहुल गांधी ने ट्वीट किया:

भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी को सुरक्षा दी थी।

आज भी बिना भेदभाव सभी की सुरक्षा करनी होगी।

धर्म-मज़हब-जाति के नाम पर भारत को बाँटना बंद करो!

यहाँ पर भी राहुल गांधी ने हिन्दुओं को अपमानित करने का कार्य किया,

क्या राहुल गांधी यह भूल गए कि भगवान श्री कृष्ण ने बिना भेदभाव के कंस, शिशुपाल और खुद को मारने आए सभी राक्षसों को बिना भेदभाव के मारा था? भारत में बिना भेदभाव के ही सुरक्षा दी जा रही है और यह भी कहना बेकार है कि कथित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा नहीं दी जा रही है क्योंकि यदि पीड़ित है तो हिन्दू ही है, किसी न किसी विमर्श के माध्मय से।

किसान आन्दोलन के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों और सीएए के नाम पर दंगा करने वाले सभी सुरक्षित ही है।

मजे की बात है कि किसी भी मुस्लिम या ईसाई त्यौहार पर उसी समुदाय को कठघरे में खड़े करने वाले ट्वीट नहीं आते हैं, पर हिन्दुओं को उनके त्योहारों पर ही इस प्रकार प्रताड़ित किया जाता है।

और इसमें नेताओं से लेकर कलाकार, लेखक और कथित बुद्धिजीवी भी शामिल हैं। कांग्रेस के सभी नेताओं ने जैसे यही परम्परा रखी और इसी तरीके से शुभकामनाएँ दीं:

जैसे अशोक गहलोत का यह ट्वीट!

और इसके साथ ही बीबीसी, द प्रिंट आदि के वह लेख भी हिन्दुओं के घाव कुरेदते हैं जिसमें मुगलों के दीपावली आदि मनाने का उल्लेख होता है!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.