HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.2 C
Sringeri
Wednesday, May 31, 2023

राम मंदिर की राह में अडंगा या फिर उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर गंदी राजनीति,  या हिन्दुओं की अस्मिता के प्रतीक से भय?

उत्तर प्रदेश में चुनाव अगले वर्ष हैं, परन्तु राजनीति आरम्भ हो गयी है। इस वर्ष आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ने वाली है, यही कारण है कि आरोपों का दौर आरम्भ हो गया है। परन्तु आरोपों की इस भीड़ में राम मंदिर के प्रति अपनी घृणा छिपाने में नाकाम रही है यह पार्टी। समाजवादी पार्टी का तो प्रभु श्री राम के प्रति द्वेष जग विख्यात है ही, जब उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं। सपा के पवन पाण्डेय तब कुछ नहीं बोल पाए होंगे जब अयोध्या में वर्ष 2013 में चौरासी कोसी परिक्रमा पर रोक लगा दी गयी थी। जब संतों को कारागार में भेज दिया था।

और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल तो मंदिर को गैर जरूरी बता ही चुके हैं:

अरविन्द केजरीवाल की पार्टी किस हद तक हिन्दुओं की विरोधी है यह अंकित लाल के गौमूत्र वाले ट्वीट से बार बार दिखाई देता है:

राम मंदिर, गौ माता और हिन्दुओं से नफरत करने वाली पार्टी आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कारसेवकों पर गोली चलाने वाली समाजवादी पार्टी के नेता पवन पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए नीचे गिरने की हर सीमा पार करते हुए एक प्रेस कांफ्रेस कर आरोप लगाए कि अयोध्या में जमीन की गाटा संख्या 243, 244, 246, जिसकी कीमत 5 करोड़ 80 लाख रुपए है, उसे 2 करोड़ रुपये में पहले खरीदा गया, इसके बाद सुल्तान अंसारी ने इस जमीन खरीदारी में करोड़ों का हेरफेर किया। संजय सिंह ने कहा कि अयोध्या के मेयर भी इस घोटाले के गवाह बने!

उसके बाद संजय सिंह ने कहा कि इस जमीन को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर खरीदा गया था, और फिर पांच ही मिनट बाद दो करोड़  2 करोड़ में खरीदी गई जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा जिसमें 17 करोड़ रुपये 5 मिनट में RTGS किए गए। एक सेकंड में साढ़े 5 लाख रुपये का गबन किया गया।

संजय सिंह ने इस की जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग की और उन्होंने कई और गंभीर आरोप लगाए। उनका प्रश्न यही था कि 18 मार्च को जिस जमीन को पहले दो करोड़ में खरीदा तो बाद में वही अनुबंध दस मिनट में ही साढ़े अट्ठारह करोड़ रूपए में क्यों हुआ?

संजय सिंह की पार्टी ने हर कदम पर राम मंदिर का विरोध किया है, और समय समय पर हिन्दू विरोधी भावनाओं का प्रदर्शन किया है। इसका उत्तर हालांकि चम्पत राय ने स्वयं दे दिया है, फिर भी ट्विटर पर वकील अभिषेक द्विवेदी ने उत्तर देते हुए इस पूरे प्रकरण को समझाया है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले एग्रीमेंट टू सैल (Agreement to Sell), और एग्रीमेंट टू सेल Agreement to Sale मने सेल डीड का अंतर समझना होगा।

https://www.youtube.com/watch?v=oItUJEXtZQ8

Agreement to Sell का मतलब होता है कि जमीन को बाद की किसी तारीख में बेचने का वादा करना और एग्रीमेंट टू सेल Agreement to Sale मने सेल डीड का अर्थ हुआ बिक्री का पूरा होना, अर्थात सारी शर्तों को पूरा करने के बाद जमीन को अंतत: बेच देना।

अयोध्या में निर्णय आने से पहले श्रीमती कुसुम पाठक ने उस समय की बाज़ार दर के अनुसार दिनांक 17.09.19 (हालांकि समय को लेकर अभी मतभेद हैं क्योंकि अयोध्या के डीएम उसे चार साल पहले का अनुबंध बता रहे हैं. परन्तु यह स्पष्ट होता है कि अनुबंध पहले ही हो चुका था, उस समय की बाज़ार दर के अनुसार) को श्री सुलतान अंसारी सहित कई लोगों के साथ Agreement to Sell किया। माने बेचने का वादा किया। और वह भी उस बाज़ार दर पर जो उस समय प्रचलित थी।

 

https://twitter.com/Rezang_La/status/1404143106916700163

फिर 18 मार्च 2021 को निर्णय के बाद अंसारी ने उस Agreement to Sell के आधार पर एक और Agreement to Sell किया और वह किया राम मंदिर ट्रस्ट के साथ और वह था उस समय अर्थात न्यायालय के निर्णय के आने के बाद और उस समय तक उस भूमि की बाज़ार दर बढ़ चुकी थी। इसी कारण 18 करोड़ हुई।

उसी दिन श्रीमती पाठक ने अपने वर्ष 2019 के Agreement to Sell के आधार पर एक सेल डीड की। और चूंकि उस Agreement to Sell में दो करोड़ रूपए लिखा था, तो वह उसी के अनुसार रही।

राम मंदिर पर आए न्यायालय ने निर्णय के उपरान्त और उसके बाद हुई कई विकास परियोजनाओं के परिणामस्वरूप अयोध्या में भूमि के मूल्यों में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। और अब अयोध्या के डीएम ने भी यह कहा है कि जिस भूमि को लेकर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है वह व्यावसायिक दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी है। दो करोड़ की रजिस्ट्री 4 साल पहले हुए एग्रीमेंट पर आधारित थी तब राम नगरी में साल के 6 महीने संगीनों के साए में गुजरते थे पर अब इस जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ये भूखंड ठीक उस स्थान पर है, जहां नए प्लान में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मॉडल जैसा बन रहे अयोध्या रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार प्रस्तावित है। ट्रस्ट ने यह भी एलान किया है कि राम मंदिर के विस्तार में चाहे जितनी महंगी जमीन मिलेगी, उसे खरीदने से पीछे नहीं हटेगें।

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष इस भूमि के मूल्य दर में नौ वर्ष का अंतर बता रहे हैं.

और आलोक कुमार का यह भी कहना है कि उन्होंने ट्रस्ट से कहा है कि मानहानि का मुकदमा दायर करें, एवं पहले की तरह क्षमा न मान लें!

इससे पूर्व चम्पत राय ने भी इस मामले पर उत्तर दिया है। उन्होंने लिखा है कि

ट्रस्ट ने श्री रामजन्मभूमि मंदिर का परकोटा और रिटेनिंग दीवार को वास्तु के अनुसार सुधारने के लिए, मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रियों के आवागमन मार्ग को सुलभ बनाने के लिए, खुला मैदान रखने के लिए और साथ ही मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए पास-पड़ोस के कुछ छोटे बड़े मंदिर, गृहस्थों के मकान खरीदे हैं। और जिनसे भी खरीदा जाएगा तो उनके पुनर्वास के लिए भी भूमि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए भूमि की खरीददारी की जा रही है।

और फिर उन्होंने कहा कि खरीदने और बेचने का कार्य सहमति के आधार पर किया जाता है और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी होते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रकार की कोर्ट फीस और स्टैम्प पेपर की खरीददारी ऑनलाइन की जा रही है। सहमति पत्र के आधार पर ही भूमि की खरीददारी हो रही है और उसी के अनुसार सम्पूर्ण मूल्य विक्रेता के खाते में रुपए भी ऑनलाइन जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे ही उच्चतम न्यायालय का निर्णय आया वैसे ही अयोध्या में लोग भूमि खरीदने के लिए आने लगे। और इसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार भी भूमि खरीद रही है। इस कारण से भूमि के मूल्य अचानक बढ़ गए। जिस भूखंड को लेकर अखबारी चर्चा हो रही है वह भूखंड रेलवे स्टेशन के पास बहुत प्रमुख स्थान है।

फिर उन्होंने कहा कि जो कतिपय राजनीतिक लोग इस सम्बन्ध में प्रचार करा रहे हैं, वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है, अत: राजनीतिक विद्वेष से यह सारे आरोप लगाए गए हैं।

अब सोचिये आरोप कौन लगा रहा है, ऑक्सीजन चोरी करने वाले, जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन के ऑडिट का आदेश दिया, वैसे ही दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी समाप्त हो गयी। आम आदमी पार्टी जिसके नेता दिल्ली में हिन्दुओं को मारते हुए नज़र आए, वह कांग्रेस जिसकी सरकार प्रभु श्री राम के अस्तित्व को नकारने के लिए एफिडेविट दे आई थी, वह लोग आज राम मंदिर के विरोध में उतर आए हैं। वही कांग्रेस जिसके युवराज मंदिर में लड़की छेड़ने की बात करते हैं, वह लोग आज राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं।

चूंकि यह लोग यह मानकर बैठ गए हैं कि राम मंदिर हिन्दुओं की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक उभर कर आएगा और उसके बाद हिन्दू जनमानस के मन में यह विश्वास उत्पन्न होगा कि हम अपने कृष्ण और शिव को भी स्वतंत्र करा सकते हैं, तो उस प्रतीक को ही ढहा दीजिए! राम मंदिर उस चौदह सौ साल के इतिहास की हार का प्रतीक है, जो इनके जीवन में पहली बार आने वाली है! यह भगवा ध्वज उनके उस विश्वास की हार का प्रतीक होगा जो यह मानकर बैठे हैं कि सारी धरती इन्ही की है. और अपनी इस हार को जीत में बदलने के लिए इस्लामी कट्टरपंथी कुछ भी करेंगे, आम आदमी पार्टी जैसे अपने जासूसों से काम लेंगे, प्रशांत भूषण जैसे लोगों से जनहित याचिका दायर कराएंगे और हर कीमत पर इस मंदिर को रोकने की नीच हरकत करेंगे!

समाजवादी पार्टी के नेता पवन पाण्डेय सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बहुत नजदीकी माने जाते हैं और यह लोग अपने हरे वोट बैंक को यह विश्वास दिलाने के लिए, कि वह राम मंदिर रुकवाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे! वह किसी भी हद तक जाएंगे पर मंदिर नहीं बनने देंगे, वह यह विश्वास अपने हरे वोटबैंक को दिला रहे हैं. इधर कांग्रेस पहले ही इमरान मसूद के बहाने अपने मंसूबे जाहिर कर चुकी है! आम आदमी पार्टी का दिल्ली दंगा तो अपने आप में ही उनका यकीन है कि वह हरे वोटबैंक के साथ हैं!

यह लोग बार बार मंदिर पर नीच राजनीति करेंगे और हिन्दुओं को मानसिक प्रताड़ित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे!

अब सोशल मीडिया पर प्रोपर्टी डीलर अंसारी की सपा के अखिलेश यादव के साथ की तस्वीर वायरल हो रही है, जबकि वह इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद से ही गायब है:

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर

क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगाहम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए  Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.