पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद जिस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी, अंतत: वह होना आरम्भ हो गया है। लगभग तीन दशकों तक आतंकवाद का दंश झेलने वाले पंजाब को अभी शान्ति के कुछ वर्ष ही देखने को मिले थे कि अब खालिस्तानी आतंकवाद ने फिर से फन उठाना शुरू कर दिया है। कल देर शाम पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित खुफिया विभाग के मुख्यालय पर हमला किया गया है। पंजाब पुलिस के अनुसार ये हमला रॉकेट ग्रेनेड जैसे किसी हथियार से किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मोहाली स्थित ख़ुफ़िया विभाग के मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर यह हमला शाम लगभग 7.45 बजे किया गया, इसका उद्देश्य वहां अफरातफरी फैलाना और जान माल की हानि पहुँचाना था। हमले से भवन की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे, हालाँकि राहत की बात यह है कि किसी को चोट नहीं आयी है। खुफिया विभाग के इतने सुरक्षित मुख्यालय पर हुए इस हमले से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि कहीं न कहीं आतंकवादियों ने फिर से पंजाब को अस्थिर करने की ठान ली है, और अपने उद्देश्य में वे आगे बढ़ रहे हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार मुख्यालय पर हमला करने के लिए दो संदिग्ध एक कार से आए थे, इन लोगो ने लगभग 80 मीटर दूर से फायरिंग की है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कहा है कि उनका एक दल पंजाब खुफिया मुख्यालय जाकर घटना पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा। खुफिया विभाग भी इस आतंकवादी हमले की विस्तृत पड़ताल में जुटा है। वहीं कुछ वरिष्ठ अधिकारी यह भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि कहीं न कहीं यह एक ड्रोन हमला हो सकता है। पंजाब में पिछले दिनों ड्रोन सम्बन्धी घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसे में अधिकारियों की यह चिंता गलत भी नहीं है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने आवास पर पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें इस मामले में अब तक की कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा है कि “मोहाली में हुए ब्लास्ट की जांच पुलिस कर रही है। जिसने भी हमारे पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश की उसे बख़्शा नहीं जाएगा।”
वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह ने इस आतंकी हमले की भर्त्सना की है, और राज्य सरकार से कहा है कि वो इस हमले के उत्तरदायी लोगो पर कड़ी कार्यवाही करें।
इस घटना में चाहे जान माल की अधिक हानि नहीं हुई है, परन्तु पिछले सात दिन में लगातार आतंकी घटनाओं ने केंद्र व पंजाब की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और इससे यह सन्देश भी गया है कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद कहीं ना कहीं फिर से अपना फन उठा रहा है।
पिछले दिनों पंजाब में हुई घटनाएं, जो खालिस्तानी आतंकवाद के उदय को दर्शा रही हैं
पंजाब में एकाएक आतंकवादी घटनाएं होनी शुरू हो गयी हैं, पिछले ही एक पखवाड़े में कई आपत्तिजनक घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे सरकार और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। इन घटनाओं को अगर आप गहनता से देखेंगे तो आपको वह परिदृश्य दिखाई देगा, जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही थी और साथ ही जो पूरे देश के लिए चिंताजनक है।
- पिछले ही दिनों पंजाब में टिफिन विस्फोटक भी मिले थे, जो इंडियन सिख यूथ फेडरेशन नामक आतंकवादी गुट ने ड्रोन का प्रयोग करके भेजे थे। इनमे से चार विस्फोटक अभी तक नहीं मिल पाए हैं।
- पिछले ही दिनों पंजाब पुलिस ने डेढ़ किलो आरडीएक्स के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से एक काले रंग का बॉक्स मिला, जिसमें आईईडी टाइमर, डेटोनेटेर, बैटरी और छर्रे बरामद हुए थे।
- पांच मई को ही करनाल में हरियाणा पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा के पास से एक इनोवा कार में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनसे करीब साढ़े सात किलो विस्फोटक सामग्री, पाकिस्तान निर्मित एक पिस्टल, मैगजीन, 31 कारतूस, छह मोबाइल फोन और 1.30 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
- सोमवार को ही सीमा सुरक्षा बल ने अमृतसर में हेरोइन लेकर आ रहे पाकिस्तान के एक ड्रोन को मार गिराया और नौ पैकेट बरामद किए।
- इसी तरह शनिवार को शिमला विधानसभा के बाहर खालिस्तान के पोस्टर लगाए गए थे, जिसके बाद हिमाचल में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई थी।
- पटियाला की घटना वाले दिन ही मलेरकोटला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर खालिस्तान का झंडा लहराया गया था।
- 6 जून को ही आतंकवादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने खालिस्तान रेफेरेंडम कराने का आह्वान भी किया है।
- चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास बुड़ैल जेल के पीछे भी टिफिन विस्फोटक पाए गए थे।
मोहाली में हुए धमाके बाद ये भी प्रश्न उठ रहा है कि ये विस्फोटक कहां से आया होगा, और पंजाब पुलिस और ख़ुफ़िया बलों की कार्यक्षमता पर भी एक बड़ा प्रश्न इस घटना ने उठा दिया है। आतंकवादियों ने पुलिस के मुख्यालय को ही निशाना बनाकर खुली चुनौती दे दी है, अब सरकार को बिना किसी देरी के राज्य में सघन अभियान चला कर खालिस्तानी आतंकवादियों के तंत्र को नष्ट करना होगा। हालांकि यह बहुत कठिन लग रहा है, क्योंकि जैसा अरविन्द केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने कहा था कि आम आदमी पार्टी तो स्वयं ही खालिस्तान का समर्थन करती है।