HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22.1 C
Sringeri
Saturday, June 3, 2023

नए संसद भवन के अशोक स्तंभ पर विवाद क्यों?

विवाद संख्या -1:- अशोक स्तंभ का उद्घाटन लोकसभा के स्पीकर को करना चाहिए था न कि प्रधानमंत्री को। क्योंकि संसद का सर्वेसर्वा स्पीकर होता है , प्रधानमंत्री नहीं।

स्पष्टीकरण:- यह बिल्कुल सत्य है कि किसी भी सदन के अंदर उस सदन का अध्यक्ष ही सभा का सर्वेसर्वा होता है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान स्पीकर और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सभापति (उपराष्ट्रपति) सर्वेसर्वा होते हैं ।संसद के सभी सदस्य, यहां तक कि प्रधानमंत्री भी स्पीकर और सभापति के अधीन होते हैं और उन्हें अध्यक्ष महोदय या सभापति महोदय कहकर ही संबोधित करते हैं।

लेकिन नया संसद भवन अभी निर्माणाधीन है और संसद भवन का निर्माण कार्य भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है । इसलिए जब तक संसद भवन स्पीकर को सौंप नहीं दिया जाता है, तब तक उसका उद्घाटन सरकार के प्रतिनिधि (प्रधानमंत्री) द्वारा करने में कोई संवैधानिक बुराई नहीं है।

विवाद संख्या -2:- संसद भवन में उद्घाटन किए गए अशोक स्तंभ के शेर आक्रामक हैं , वे डराते हैं। जबकि वास्तविक अशोक स्तंभ के शेर सौम्य और शालीन हैं ।

स्पष्टीकरण: पहली बात तो यह कि दोनों की तुलना करना ही ठीक नहीं है क्योंकि 1905 में सारनाथ की खुदाई के दौरान सिविल इंजीनियर ऑस्कर को प्राप्त हुए अशोक स्तंभ की ऊंचाई महज 7 फीट है और संसद भवन के अशोक स्तंभ की ऊंचाई लगभग 20 फीट, वजन लगभग 9500 किलो है यानि कि उससे लंबाई में लगभग तीन गुना बड़ा और काफी विशाल है।जब आकृति लंबी और विशाल होगी तो उसके शरीर के सभी अंग भी उसी अनुपात में बड़े होंगे और जाहिर सी बात है , मुंह भी बड़ा ही होगा।

दूसरी बात यह कि वाराणसी के सारनाथ में रखा हुआ अशोक स्तंभ जमीन पर रखा है। उसे हम समानांतर देखते हैं जबकि नए संसद भवन में स्थापित किया गया अशोक स्तंभ भूमि तल से लगभग 108 फीट की ऊंचाई पर है।

तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि सारनाथ के संग्रहालय में रखे हुए अशोक स्तंभ के शेर भी आक्रामक और दहाड़ते हुए ही दिखते हैं।


शांत और सौम्य शेर वाला अशोक स्तंभ सेकुलर विचारधारा के लोगों के दिमाग की उपज लगती है।

तथा
मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि शेर साहस और शौर्य के प्रतीक माने जाते हैं इसलिए नए और दबंग भारत के प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर आक्रामक और दहाड़ते हुए ही अच्छे लगते हैं । शांत और सौम्य तो बकरियां भी होती हैं।

(विनय सिंह बैस)

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

1 COMMENT

  1. शेर तो शेर होता है !! आक्रमकता उसका नैसर्गिक स्वभाव होता है !! जैसे वामपंथी जन्मतः हिन्दु द्वेष से भरें हुए होते हैं !! वह वामपंथीयोंका नैसर्गिक स्वभाव है !! हर हर महादेव !!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.