उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार आज किसान नेताओं ने अराजकता फैलाई है और हिंसा की है, वह विचलित करने वाली है. कई वीडियो हिंसा के सामने आ रहे हैं जिनमें कथित किसान नेता निर्दोष लोगों पर लाठियां बरसाते हुए नज़र आ रहे हैं. पर वह मार किसे रहे हैं?
इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे कथित किसान एक व्यक्ति को लाठियों से मार रहे हैं.
एक और वीडियो में अपने शब्द डलवाकर लहूलुहान व्यक्ति से केन्द्रीय मंत्री का नाम दिलवाया जा रहा है:
यह अचानक से लखीमपुर खीरी में क्या हो गया है?
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल अब उग्रता की ओर बढ़ने लगा है. ऐसा लग रहा है जैसे विपक्ष के पास अब अंतिम मौक़ा शेष है और अब वह हिंसा के माध्यम से ही चुनाव को दिशा देने की योजना बना रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार अब सच्चाई सामने आने लगी है. पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के हवाले से कहा है कि तथाकथित किसान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को आज मारने की तैयारी से थे। टोनी और उनका बेटा उस रास्ते से गया ही नहीं। उनकी कुछ गाड़ियों में भाजपा कार्यकर्ता थे, जिनमें से 4 को तथाकथित किसानों ने पीटकर मार डाला।
उन्होंने ट्वीट किया कि टेनी के क़ाफ़िले की कुछ गाड़ियाँ ही उसी रास्ते पर फंसीं थीं। बाहर से आए तथाकथित किसानों ने पत्थरबाज़ी करके गाड़ियाँ रोकने की कोशिश की, जिसमें गाड़ी भगाने के चक्कर में दो लोग गाड़ी के नीचे आ गए। इसके बाद जिस तरह से पीटकर मारा गया, हृदय विदारक है। बाहरी लोग वहाँ क्या कर रहे थे ?
और अब यह भी सामने आया है कि भिंडरावाला की तस्वीर की टीशर्ट पहनकर किसान आए थे. भिंडरावाला का किसानों के साथ क्या सम्बन्ध है? क्या वास्तव में विपक्ष अब खुलकर देश विरोधी ताकतों का सहारा मात्र इसलिए ले रहा है कि वह चुनाव जीत जाएँ?
आज तक से बात करते हुए उन आशीष मिश्रा ने कहा कि वह तो वहां पर उपस्थित ही ही नहीं थे और वह सब दंगल के आयोजन में व्यस्त थे. और वह उस गाड़ी में थे ही नहीं, जिस गाड़ी के साथ यह हादसा हुआ, उसमें उनके कार्यकर्ता थे और भाजपा के कई कार्यकर्ता न केवल मारे गए हैं बल्कि कुछ अभी गायब हैं,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट करके कहा है कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना के कारणों की तह में जाएगी और घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी तथा साथ ही दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवही करेगी.
उन्होंने जनता से शान्ति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वह किसी के बहकावे में न आएं और मौके पर शान्ति व्यवस्था कायम रखने में अपना योगदान दें. किसे प्रकार के निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले मौके पर हो रही जांच और कार्यवाही का इंतज़ार करें!
जो भी हो रहा है वह कहीं न कहीं सरकार की उस छवि पर बट्टा लगाने की कोशिश है, जो जनता की निगाहों में बनी थी कि क़ानून व्यवस्था इस सरकार में बेहतर हुई है. और इस घटना के वीडियो देखने में यही समझ में आ रहा है कि यह मॉब लिंचिंग की घटना है, जैसा केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का भी कहना है कि यदि उनका बेटा उस गाडी में होता तो वह भी मार दिया जाता.
जहां इसमें ट्विटर पर लोग टूलकिट 2 भी कह रहे हैं ऐसा इसलिए क्योंकि पत्रकारों ने झूठे ट्वीट भी किये:
राकेश टिकैत ने हालांकि यह धमकी भी दे दी है कि भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा:
यह कैसी शांति है? यह कैसा आन्दोलन है? यह वीडियो भयावह हैं!
यह देखना होगा कि किसानों के नाम पर खालिस्तानी समर्थक और विपक्ष क्या कदम उठाता है क्योंकि उत्तरप्रदेश में चुनावों तक यही हिंसा अब देखने को मिलेगे!