भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक रूप से द्वेष रहा है, और यह आपको हर क्षेत्र में देखने को मिलता ही है। यही व्यवहार क्रिकेट के मैदान में भी देखने को मिलता रहा है। जहां दोनों ही देशों के खिलाडियों के मध्य गर्मागर्मी होती ही रहती थी। हालांकि आज कल यह व्यवहार कुछ कम हो गया है, अब दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच एक कृत्रिम भाईचारा दिखाई देता है।
भारत और पाकिस्तान के खिलाडियों के बीच तीखी नोंक-झोंक भारत के गौतम गंभीर और पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी की मध्य भी रही है। 2007 में सबसे पहले कानपुर में खेले गये वनडे मैच के समय पहली बार दोनों खिलाड़ियों के मध्य नोंक झोंक दिखाई दी थी, उसके पश्चात अनेकों अवसरों पर दोनों खिलाड़ियों के बीच इस तरह की आक्रामक अनबन देखी गयी है।
यह कहा जाता है कि मैदान पर हुए इस तरह के आक्रामक व्यवहार को भुला दिया जाता है, और मैदान के बाहर खिलाड़ी सामान्य व्यवहार करते हैं। हालांकि गौतम गंभीर और शाहिद अफरीदी के मामले में स्थिति अलग है, क्योंकि दोनों ही समय समय पर क्रिकेट और राजनीतिक विषयों पर एक दूसरे पर आक्रमण करते ही रहते हैं।
28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का मैच हुआ, जहां शाहिद अफरीदी और हरभजन सिंह एक भारतीय समाचार चैनल पर बातचीत करने के लिए आये थे। मैच के बारे में बात करते करते अफरीदी गौतम गंभीर के बारे में अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी करने से बाज नहीं आये।अफरीदी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मेरी किसी भारतीय खिलाड़ी से लड़ाई रही है। हां, कुछ मौकों पर गौतम गंभीर के साथ मेरी बहस हुई है सोशल मीडिया पर। और मुझे ऐसा लगता है कि गौतम गंभीर ऐसा कैरेक्टर है, जिसे इंडियन टीम में भी कोई पसंद नहीं करता है।’
अफरीदी इस कार्यक्रम पर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के द्वारा जुड़े हुए थे, जबकि हरभजन सिंह और खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता एक साथ बैठे हुए थे। जैसे ही अफरीदी ने यह वाक्य बोला, हरभजन और विक्रांत गुप्ता ठहाके लगा कर हंसने लगे। अफरीदी का यह वक्तव्य ही क्रिकेट प्रशंसकों को भड़काने के लिए बहुत था, ऊपर से इन दोनों का आपत्तिजनक व्यवहार देख कर लोगों के क्रोध का कोई पारावार नहीं रहा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और प्रशंसकों ने दोनों को जमकर लताड़ लगाई।
सोशल मीडिया पर विरोध देख हरभजन ने रखा अपना पक्ष
भारतीय प्रशंसकों ने इस आपत्तिजनक व्यवहार के लिए हरभजन को गंभीर से क्षमा मांगने को कहा, वहीं शाहिद अफरीदी को भी भारतीय प्रशासकों के क्रोध का सामना करना पड़ा। जब मामला ज्यादा बड़ गया तो हरभजन ने अपना पक्ष सामने रखने का प्रयास किया। आज तक के स्पोर्ट्स तक कार्यक्रम पर हरभजन सिंह ने कहा कि, ‘लोगों ने जाबूझकर इन बातों को उठाया, वो वही लोग हैं जो बातों का बतंगड़ बनाते हैं’।
हरभजन ने कहा कि, ‘उस समय जब अफरीदी ने गंभीर को लेकर बातें की थी तो उसी दौरान मेरे पैर पर पूरा का पूरा दही गिर गया था, जिसके कारण ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई थी । हरभजन से कहा कि, ‘मैं यहां सफाई देने लिए नहीं हूं, मुझे पता है कि मेरी और गंभीर में कितनी दोस्ती है’।
पूर्व क्रिकेटर ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि, ‘हर एक भारतीय खिलाड़ी मेरा दोस्त है और मैं एक सच्चा हिन्दुस्तानी हूं। मैं भारत के हर एक खिलाड़ी के साथ हूं, ‘गौतम मेरा भाई है, मैं दिल जान से हिन्दुस्तानी हूं। पूर्व स्पिनर ने कहा कि, सोशल मीडिया पर लोग क्या बातें करते हैं, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अफरीदी का कट्टर भारत विरोधी व्यवहार होने के बाद भी हरभजन के उनसे नजदीकी रिश्ते क्यों हैं?
सोशल मीडिया पर अफरीदी के प्रति यह गुस्सा आकस्मिक नहीं है । शाहिद अफरीदी एक कट्टर इस्लामिक व्यक्ति हैं, उनके दादा ने कश्मीर में जिहादियों के आक्रमण का नेतृत्व भी किया था। यही नहीं, उनके कई रिश्तेदार कश्मीर में आतंकवादी के रूप में घुसपैठ कर चुके हैं, और भारतीय सेना द्वारा मारे भी जा चुके हैं।
शाहिद अफरीदी भारत और हिन्दुओं के प्रति अपनी घृणा को व्यक्त करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते , लेकिन हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी अफरीदी का समर्थन करने से पीछे नहीं हटते। 2020 में जब कोरोना का प्रकोप था तब शाहिद अफरीदी ने गरीब लोगों की सहायता के लिए एक अभियान चलाया था। उस अभियान में भारत के हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने उनके समर्थन में वीडियो बना कर डाले। भारत में इन दोनों ही खिलाड़ियों का कड़ा विरोध हुआ था, क्योंकि उन्होंने एक देशद्रोही व्यक्ति की सहायता के लिए अपील की थी।
अफरीदी एक जिहादी मानसिकता के व्यक्ति हैं, और ऐसा व्यक्ति कहीं भी रहे, वह घृणा ही फैलता है। ऐसे तत्वों का विरोध होना ही चाहिए, और यही कारण है कि शाहिद अफरीदी द्वारा गौतम गंभीर पर की गयी टिप्पणी पर हरभजन सिंह के हंसने पर देश भर में लोगों ने क्रोध प्रकट किया। यही कारण था कि झूठी ही सही, परन्तु सफाई आई!