HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
21.9 C
Sringeri
Friday, June 2, 2023

भारत में हिजाब मामले को औरतों पर जुल्म बताने वाले पाकिस्तान में पंजाब प्रांत में लगा “बलात्कार आपातकाल!” दैनिक स्तर पर आ रहे हैं 4-5 मामले!

क्या आपने कभी यह कल्पना भी की होगी कि कोई राज्य अपने ही प्रांत में एक ऐसा आपातकाल घोषित कर सकता है, जो लड़कियों के साथ दुष्कर्म को न रोक पाने पर उसकी अपनी ही विवशता को प्रतिबिंबित करता है। वह यह बताता है कि सरकार के स्तर पर अब समस्या हाथ से बाहर निकल चुकी है और अब वह कुछ भी नहीं कर सकता है और अब आपातकाल लगाया जा रहा है!

परन्तु एक देश ऐसा है, जहाँ पर एक प्रांत में हुआ है, एक ऐसा देश, जो भारत में कक्षाओं में हिजाब को लेकर मुस्लिम लड़कियों के अधिकार पर शोर मचाता है तो कभी नुपुर शर्मा के मामले को लेकर यूएन तक जाता है, वही देश पाकिस्तान अपने ही एक प्रान्त में बलात्कार आपातकाल लगाने के लिए विवश है।

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत में बलात्कार के इतने मामले सामने आ रहे हैं, कि अब सरकार ने हार मान ली है। सरकार ने अब अपने पंजाब प्रांत में बलात्कार को लेकर आपातकाल अर्थात रेप इमरजेंसी घोषित कर दी है। यह भी अत्यंत अचरज में डालने वाला तथ्य है कि पाकिस्तान के प्रति अतिशय मोह में पड़ी हिन्दी की लेखिकाओं ने अभी तक इस समाचार पर दृष्टि नहीं डाली है और न ही कोई प्रतिक्रिया दी है।

यदि कुछ भी सकारात्मक समाचार आता है तो यही लोग पाकिस्तान का नाम लेकर भारत को ताना मारती हैं। परन्तु पाकिस्तान में हिन्दुओं, सिखों एवं ईसाइयों पर होने वाले तमाम अत्याचारों पर चुप्पी साधकर बैठ जाती है।

क्या है मामला:

dawn के अनुसार पंजाब के गृह मंत्री अताउल्लाह तरार और क़ानून मंत्री मलिक मुहम्मद अहमद ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि रविवार को क़ानून और व्यवस्था पर एक कमिटी ने मुख्यमंत्री हमजा शेहबाज़ शरीफ से मुलाक़ात की और पिछले तीन वर्षों में जिस प्रकार बलात्कार के मामले बढ़े हैं उसके प्रति चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि कमिटी ने बलात्कारों के लिए कड़े दंड देने के लिए क़ानून बताते हैं और साथ ही पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन भी बनाने की बात की है। उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए एक आपातकाल भी घोषित करना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब फोरेंसिक साइंस एजेंसी की भूमिका को डीएनए की जांच करने के लिए बेहतर किया जाएगा ।

बच्चों को अकेले न छोड़ने का अनुरोध किया

सबसे अधिक हैरान करने वाली बात यही है कि उन्होंने यह कहा कि वह अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वह बच्चों को अकेला न छोड़ें क्योंकि बच्चों के साथ दुष्कर्म करने में सबसे आगे पड़ोसी या नातेदार ही होते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है, परन्तु यह भी सत्य है कि बच्चों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाना होगा।

मीडिया के अनुसार पंजाब सूचना आयोग द्वारा जारी की गयी सूचना के अनुसार परिवार की इज्जत के नाम पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले छ महीनों में कुल 2439 औरतों के साथ बलात्कार हुआ तो वहीं 90 औरतों की हत्या हुई।

इसी अवधि में लाहौर में 400 से अधिक औरतों का बलात्कार हुआ और 2300 औरतों का अपहरण हुआ था।

शोध के अनुसार समाज में पीड़ितों की तुलना में बलात्कार करने वालों को प्रश्रय दिया जाता है और यही कारण है कि मामले तो बढ़ते हैं, परन्तु दोषी नहीं पकडे जाते हैं और यही कारण है कि 1 प्रतिशत से भी दोषी पाए गए।

सोशल मीडिया पर भी आई प्रतिक्रियाएं

इस रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि एक विफल देश पाकिस्तान अब पूरी तरह से विफलता की ओर अग्रसर हो रहा है

लोगों ने कहा कि रेप महामारी, अजीब नहीं लगता सुनने में?

कुछ यूजर्स ने इसके लिए इमरान खान को दोषी ठहराया

लोग कह रहे हैं कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि पाकिस्तान में बढ़ते बलात्कार के मामलों के चलते आपातकाल घोषित किया गया है, और लोग पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी ठहरा रहे हैं,

पूरी दुनिया में इस्लामिक जगत का सिरमौर बनने वाला पाकिस्तान, अपने ही देश में औरतों की स्थितियों के सामने हार माने बैठा है। यह जानकारी स्वयं में स्तब्ध करने वाली है कि सरकार इस हद तक पंगु हो जाए। सरकार अल्पसंख्यकों के मामलों में भी निष्प्रभावी ही प्रतीत होती है क्योंकि दिनों दिन वहां से हिन्दू लड़कियों के अपहरण के समाचार आते रहते हैं।

इसके साथ ही बेअदबी के मामलों का आना भी जारी ही रहता है। इसी बीच मानवाधिकार मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार देश में वर्ष 2018 में कार्यस्थल पर औरतों के उत्पीड़न के 5,048 मामले दर्ज किए गए थे और वर्ष 2019 में 4751 तो वहीं वर्ष 2020 में 4,276 मामले दर्ज किए गए थे एवं वर्ष 2021 में 2078 मामले दर्ज किए गए थे।

भारत का वामपंथी फेमिनिज्म पाकिस्तान को लेकर एक अजीब से खुमार में डूबा रहता है, उसने अभी तक इस घटना पर अपने विचार नहीं दिए हैं, क्या यह उस वर्ग के रूमानी सपनों को तोड़ने वाला समाचार है? प्रश्न तो कई उठते ही हैं!

और साथ ही यह भी प्रश्न उठता है कि भारत में लड़कियों के हिजाब पर शोर मचाने वाला पाकिस्तान अपने गिरेबान में झांककर कब देखेगा?

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.