spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.6 C
Sringeri
Wednesday, May 8, 2024

कट्टर मुस्लिमों का नया ‘गंगा-जमुनी’ पैंतरा – हिन्दुओ को झूठ बोल कर बदनाम करो, विक्टिम कार्ड खेलो और सांप्रदायिक दंगे कराओ

उदयपुर में कन्हैयालाल जी और अमरावती में उमेश कोल्हे जी की हत्या के बाद भारत में सामाजिक समीकरण बदल रहे हैं। इस घटना ने हिन्दू समाज को झकझोर कर रख दिया है, राज्य सरकार और पुलिस की अकर्मण्यता ने जनता को उद्वेलित कर दिया है। नूपुर शर्मा के कथित भड़काऊ वक्तव्य के पश्चात एकाएक कट्टर मुस्लिमों की ओर से हिन्दुओ को धमकियां दी जाने लगी हैं, ऐसी ही धमकियों की परिणीति कन्हैयालाल और उमेश जी की नृशंस हत्या के रूप में देखने को मिली है।

लेकिन इतना होने के बाद भी कट्टर मुस्लिम वर्ग शान्ति से नहीं बैठा है, उन्हें येन केन प्रकारेण समाज में द्वेष और वैमनस्य की भावना फैलानी ही है। इतना कुछ होने के बाद भी उनकी षड्यंत्र करने की प्रवृत्ति काम नहीं हुई है, अभी भी हिन्दुओं को धमकियां दी जा रही हैं, जहाँ कोई विवाद नहीं, वहां विवाद बनाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला भीलवाड़ा में देखने को मिला है, जहां एक 23 साल के हिन्दू युवक को कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा धमकी भरे फोन आ रहे हैं, और उसे जान से मार देने की बात की जा रही है।

भीलवाड़ा में दो मुस्लिम युवकों ने एक हिन्दू युवक विशाल खटीक के सोशल आईडी से झूठी सांप्रदायिक पोस्ट कर उसे फंसा दिया। जिसके कारण ना सिर्फ उसे सात दिन जेल में भी रहना पड़ा, बल्कि उसे कट्टर मुस्लिम तत्वों द्वारा जान से मार देने की धमकियां भी मिल रही हैं। पुलिस के अनुसार यह मामला झूठा था, और इस युवक को एक षड्यंत्र के अंतर्गत फंसाया गया था।

जेल से बाहर आने के बाद विशाल ने कहा कि, “मुझ पर जेल का ठप्पा लगा है। वह कभी मिट नहीं पाएगा। मैं सात दिन ऐसे अपराध में जेल काटकर आया हूं, जो मैंने किया ही नहीं। जेल में सात दिन किस तरह से निकले, यह सिर्फ मैं जानता हूं। जेल से बाहर आने के बाद भी मेरी समस्या समाप्त नहीं हुई है। अब भी धमकी भरे फोन मुझे आ रहे है, मैं फोन पर समझा रहा हूं कि यह मैंने नहीं किया। अब मिलने वाले हर दूसरे परिचित को भी इस बात की सफाई देनी पड़ रही है कि, मैंने कोई अपराध नहीं किया है”।

विशाल के अनुसार उसकी सोशल मीडिया की आईडी को बदल कर, एक ख़ास मजहब के विरुद्ध टिप्पणियां फैलाई गयी। जिसके कारण उसके पास कट्टर मुस्लिमों के धमकी भरे फोन भी आ रहे है। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद वह काफी डरा हुआ है। विशाल के अनुसार 20 जून की रात को जहाजपुर पुलिस उसे थाने लेकर आई थी। उसने पुलिस से विनती की, कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है, लेकिन, पुलिस दूसरे पक्ष के दबाव में आ गयी और विशाल को 7 दिन के लिए जेल भेज दिया।

Picture Source – Dainik Bhaskar

इस मामले में पुलिस ने जहाजपुर के गोल हथाई मोहल्ला निवासी तौफ़ीक़ उर्फ गुड्डू पुत्र अब्दुल मजीद पठान और देशवाली मोहल्ला निवासी दानिश पुत्र जहांगीर पठान को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया हैं। आरोपी तौफीक की विशाल से पुरानी दुश्मनी थी और उसे सबक सिखाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विशाल खटीक के सोशल मीडिया अकाउंट का स्क्रीनशॉट लेकर उसे एडिट किया था। इसके बाद धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी कर पोस्ट अपलोड कर दी थी, जिससे कस्बे में तनाव हो गया था। पुलिस ने इस मामले में 15 अन्य मुस्लिम युवकों के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया है।

कर्नाटक में नाबालिग मुस्लिम लड़के ने हिन्दुओं पर हमला करने का झूठा आरोप लगाया

पिछले ही सप्ताह कर्नाटक में ऐसी ही घटना हुई, जहां एक मदरसे में पढ़ने वाले नाबालिग मुस्लिम बच्चे ने आरोप लगाया कि उस पर हिन्दुओं ने हमला किया, उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके कपड़े फाड़ दिए। इसकी खबर मिलते ही मीडिया द्वारा इसे सांप्रदायिक अपराध की तरह प्रचरित्य किया गया और हिन्दुओं की गलत छवि बनाने का प्रयत्न किया गया।

हालांकि जांच के बाद पता लगा कि इस लड़के ने यह कहानी हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए गढ़ी थी, उसके साथ कभी कोई मारपीट नहीं की गई। मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार के अनुसार मुस्लिम लड़के ने अपनी कलम से अपनी शर्ट फाड़ दी, और उसने यह कहानी बनायी, क्योंकि उस पर घर और विद्यालय में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था।

Picture Source – Times Of India

पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए इसकी त्वरित जांच की। अधिकारीयों ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्र किये और वहां लगे हुए सीसीटीवी के फुटेज देखने के बाद पता लगा कि यह झूठी शिकायत थी। दरअसल, मुस्लिम लड़का पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाता था, उसे सीखने में समस्या होतीथी, इसके अतिरिक्त अपने घर और कक्षा में भी उसे उपेक्षा सहन करनी पड़ती थी।

इस कारण उसने यह झूठी कहानी बनायी और बिना कारण हिन्दुओं पर आरोप लगा दिए। लड़के ने पहले कहा था कि सोमवार को चक्रवर्ती मैदान के पास रात लगभग साढ़े नौ बजे उसके साथ मारपीट की गई। उनकी शिकायत पर सूरथकल पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 320 के अंतर्गत एक पुलिस मामला दर्ज किया गया था।

इन दोनों मामलों को देख कर लगता है कि आयु कुछ भी हो, कट्टर मुस्लिम युवक और मदरसे में पढ़ने वाले छोटे बच्चे भी अपने मजहब में बतायी गयी कुरीतियों का दुरूपयोग करते हैं, ताकि काफिरों को परेशान जा सके, उन पर वर्चस्व स्थापित किया जा सके। यह दोनों ही घटनाएं इस दृष्टिकोण से घातक एवं खतरनाक हैं कि पहले से ही विभाजित समाज में यह घटनाएं कहीं पूरी तरह से विश्वास न हटवा दें, और बच्चे वाली घटना तो और भी खतरनाक है क्योंकि यह समुदाय के बच्चों को भी कठघरे में खड़ा कर रही है।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.