बीते दिनों पीएफआई पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबन्ध से पहले पीएफआई पर एनआईए के ताबड़तोड़ छापों और इनके काडर और सभी प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के बाद इस्लामिक जेहादियों और उनके समर्थक सकते में थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। परन्तु इस किंकर्तव्यविमूढ़ता के वातावरण में पीएफआई के सामने मात्र एक ही विकल्प बचा था, आरएसएस और भाजपा के लोगों पर हमले करना, और वही उन्होंने किया भी।
प्रतिबन्ध के बाद न्यायालय से भी पीएफआई को झटका लगा है
पीएफआइ पर केंद्र सरकार द्वारा 5 साल का प्रतिबन्ध लगाए जाने के पश्चात अब संगठन को एक और झटका लगा है। केरल उच्च न्यायालय ने आज पापुलर फ्रंट आफ इंडिया को केरल बंद के दौरान हुए नुकसान को लेकर 5 करोड़ से अधिक का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। पीएफआइ ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में 23 सितंबर को केरल बंद बुलाया था जिसमें कई जगह तोड़फोड़ की गई थी।
कहाँ की गयी थी तोड़फोड़?
प्राप्त सूचना के अनुसार जिहादी तत्वों ने तमिलनाडु में आरएसएस और भाजपा के कार्यालयों और उनके सदस्यों की संपत्तियों पर पेट्रोल बम से हमले किए। हिंदू संगठनों के सदस्यों को भी इस्लामवादियों ने निशाना बनाया और उनके वाहनों को भी आग लगा दी। राज्य भर में इस प्रकार की लगभग 20 घटनाएं दर्ज की गई हैं, वहीं पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर 2 एसडीपीआई सदस्यों सहित 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पीएफआई पर एनआईए के छापों के पश्चात केरल से भी व्यापक हिंसा की खबरें आईं, वहीं आरएसएस, भाजपा और अन्य हिंदू संगठन के सदस्यों को 24 सितंबर से कट्टर इस्लामवादियों के हमलों का सामना करना पड़ा। पुलिस के अनुसार मोलोटोव कॉकटेल, पेट्रोल और डीजल से भरे पैकेट भाजपा, आरएसएस सदस्यों और हिंदू कार्यकर्ताओं के आवासों, संपत्तियों और वाहनों पर फेंके गए थे। ‘द कम्यून’ समाचार पत्र ने कोयंबटूर, इरोड, सलेम, रामनाथपुरम, डिंडीगुल, कन्याकुमारी और चेन्नई में ऐसे 13 हमलों की खबर दी है।
एक घटना में इरोड में भाजपा के एक पदाधिकारी की फर्नीचर की दुकान पर पेट्रोल और डीजल से भरे पैकेट फेंके गए, लेकिन सौभाग्य से उनमें आग नहीं लगी और किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई। वहीं रामनाथपुरम में इस्लामवादियों ने अस्पताल के अंदर खड़ी भाजपा समर्थक डॉक्टर की कार में आग लगा दी थी।
तिरुप्पुर में जिहादियों ने मोलोटोव कॉकटेल को एक व्यापारी के घर के अंदर फेंक दिया गया था, क्योंकि उन्हें लगा यह एक भाजपा के पदाधिकारी का घर था। ऐसा बताया जा रहा है कि इस घर में कुछ समय पहले तक भाजपा का एक पदाधिकारी किराए पर रहता था, और इसी कारण जिहादियों ने बदला लेने के लिए घर पर हमला कर दिया।
एक अन्य घटना में तूतीकोरिन में भाजपा के एक पदाधिकारी की बस पर पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी गईं थी। सौभाग्य से यह बोतल किसी यात्री को नहीं लगी और किसी भी प्रकार की जान माल की हानि नहीं हुई थी। कोयंबटूर में भाजपा पदाधिकारियों की एक कपडे की दुकान सहित 2 दुकानों पर हमला किया गया थी। ऐसा देखने में आया है कि आरएसएस/भाजपा सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की उत्सुकता में, यह लोग अस्पतालों, दुकानों और परिवहन वाहनों जैसे स्थानों पर हमले कर रहे थे और जनता की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे थे।
लेकिन कहीं न अखीं तमिलनाडु में भाजपा/आरएसएस विरोधी द्रमुक सरकार कानून व्यवस्था और जनता की सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित नहीं दिख रही था क्योंकि भाजपा द्वारा बार-बार कार्यवाही करने का निवेदन करने के पश्चात भी सरकार ने अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए उचित उपाय नहीं किये हैं। सबसे अधिक हमलों का सामना करने वाले कोयंबटूर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और ऐसी और घटनाओं को रोकने के लिए चौकियों की संख्या को भी बढ़ा दिया गया।
पुलिस ने पेट्रोल पंप स्वामियों ने यह भी कहा है वह बोतलों में भरने के लिए कहने वालों को ईंधन न बेचें। हालांकि इस निर्देश को आलोचना का सामना भी करना पड़ा था, क्योंकि जिहादी तत्व अपने दोपहिया वाहनों से ईंधन निकाल कर भी उसका उपयोग बम की तरह कर सकते था। पुलिस ने राज्य में अब तक 15 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
एसडीपीआई के सलेम जिला अध्यक्ष सैयद अली (42) को आरएसएस सलेम शहर के पदाधिकारी वीके राजन के आवास पर हमले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की, जिसमें आरोपियों को रविवार देर रात 1.40 बजे राजन के घर पर मिट्टी के तेल से भरी बोतल फेंकते हुए दिखाया गया था। सलेम में एसडीपीआई के वार्ड अध्यक्ष के. खादिर हुसैन को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों अपराधियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।