हम सूचना युग में रहते हैं, जहां सूचना को एक हथियार बना कर अपने प्रतिद्वंदी को भ्रमित किया जा सकता है, हराया जा सकता है। सोशल मीडिया एक ऐसा ही माध्यम है, जिसके द्वारा जनमानस की मनोस्थिति को बदला जा सकता है, उन्हें भड़काया जा सकता है। भारत सरकार की एक सबसे बड़ी कमी यही बताई जाती है वह सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने वाले तत्वों पर कार्यवाही नहीं कर पाती, और इसे लेकर सरकार के समर्थक यदा कदा मुखर भी होते रहते हैं।
हालांकि पिछले कुछ दिनों में यह धारणा टूट रही है, क्योंकि भारत सरकार के एकाएक देश विरोधी और पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकॉउंटस के विरुद्ध कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। भारत सरकार के निर्देश पर ट्विटर ने भारत में पाकिस्तान के 4 दूतावासों के अकाउंट को बंद कर दिया है, इन पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल से झूठी खबरें प्रसारित की जा रही थीं और दुष्प्रचार किया जा रहा था।
ट्विटर ने पाकिस्तान के तुर्की, संयुक्त राष्ट्र, ईरान और मिस्त्र दूतावासों के अकाउंट के विरुद्ध यह कार्रवाई की है, और यह अकाउंट अब भारत में उपलब्ध नहीं हैं। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से 2 ट्वीट किए गए हैं, जिनमें ट्विटर द्वारा उसके ईरान, तुर्की, मिस्त्र और संयुक्त राष्ट्र दूतावासों के अकाउंट को भारत में बंद करने के पर आपत्ति जताई गई है और ट्विटर से इन हैंडल्स को तत्काल बहाल करने का आग्रह किया गया है । हालाँकि इनका बहाल होना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि इन्हे भारतीय कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया है।
इससे पहले ट्विटर ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक रेडियो पाकिस्तान के आधिकारिक हैंडल को भारत में बंद कर दिया है। पाकिस्तानी दूतावासों के ट्विटर अकाउंट भारत के विरुद्ध वैमनस्य फैला रहे थे। नूपुर शर्मा विवाद में भी इन हैंडल्स से भारत के खिलाफ झूठा प्रचार किया और आईएसआई द्वारा प्रायोजित ट्वीट किए गए थे।
इससे पहले ट्विटर भारत सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए कथित पत्रकार राणा अयूब के अकाउंट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। इस विषय पर ट्विटर ने उन्हें सूचित भी किया था, कि भारत के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत दिए गए दायित्वों का पालन करने के लिए भारत में उनके ट्वीट्स पर रोक लगाई गई है। इसके अतिरिक्त सीजे वर्लीमैन के ट्विटर अकाउंट को भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। राणा अयूब और सीजे वर्लीमैन भारत विरोधी प्रचार करने के लिए कुख्यात हैं।
इसके अतिरिक्त पिछले ही दिनों भारत सरकार के निर्देश पर यूट्यूब ने दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के नए गाने एसवाईएल (SYL ) को भी प्रतिबंधित कर दिया है। इस गीत में पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक के विषय पर उग्र विचार रखे गए थे, कई खालिस्तानी आतंकवादीयों का समर्थन किया गया था, साथ ही लोगो को बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गयी थी।

इसके अतिरिक्त एक प्रमुख खालिस्तानी समर्थक अमन बाली का अकाउंट भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह व्यक्ति खालिस्तानी तत्वों का समर्थन करता है और उनकी विचारधारा का प्रचार प्रसार भारत में करता था।

भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षो से सोशल मीडिया द्वारा किये जा रहे सूचना युद्ध के दुष्प्रभावों पर अकर्मण्यता दिखाई थी। लेकिन अब हम कह सकते हैं कि उनकी सोच में थोड़ा बदलाव आ रहा है, और उन्होंने देश विरोधी और पाकिस्तानी सोशल मीडिया चैनलों पर फर्जी और असत्यापित समाचारों के जरिए दहशत फैलाने, सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने के लिए कार्रवाई आरम्भ कर दी है।
अब तक भारत में एक दर्जन से अधिक पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स को ब्लॉक कर दिया गया है। प्रतिबंधित किए गए सोशल मीडिया अकाउंट्स में छह पाकिस्तान-आधारित और 10 भारत-आधारित YouTube समाचार चैनल शामिल हैं, जिनकी कुल दर्शकों की संख्या 68 करोड़ से अधिक है। हालांकि हम यह भी जोड़ना चाहेंगे कि यह कार्यवाही बहुत नहीं है, यह एक सतत और लम्बे समय तक चलने वाली प्रक्रिया होनी चाहिए। हमें किसी भी तरह से इस सूचना युद्ध में अपने प्रतिद्वंदियों को नहीं जीतने देना है, और भारत सरकार का यह उत्तरदायित्व है कि वह ऐसे तत्वों पर त्वरित और लगातार कार्यवाही करती रहे।