हाल ही में हामिद अंसारी ने मुस्लिम खतरे में है का राग गाया और हमने देखा कि कैसे उन्होंने अपने ही देश के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय पटल पर झूठ फैलाया। जब वह भारत के विरुद्ध यह कह रहे थे कि भारत में असहिष्णुता बढ़ गयी है तो उसी दिन एक महिला ने एक वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा व्यक्त की। यह पीड़ा कोई सहज पीड़ा नहीं है, यह व्यथा है। यह व्यथा है कि उसके साथ उसके नियोक्ता ने उसकी धार्मिक स्वतंत्रता छीनने का प्रयास किया।
अपने वायरल वीडियो में उस पीड़िता ने अपनी पीड़ा बताई है और कहा कि
“मैं पेशे से पत्रकार हूँ। मैं यूट्यूब चैनल न्यूज़ एक्शन नेटवर्क के लिए काम करती थी। उस चैनल का एमडी शान चौधरी मुझ पर लगातार धर्म परिवर्तन का प्रेशर बनाता था। यह चीज मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं थी। वह कहता था कि मैं दिखने में बिलकुल मुस्लिम लड़की जैसे दिखती हूँ। वह कहता था कि अगर मैं इस्लाम क़ुबूल कर लेती हूँ तो वह मेरी सैलरी 25000 रुपए से बढ़ा कर 100000 रुपए कर देगा। मेरी पढ़ाई चल रही थी तो मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। मेरी 45 दिनों की सैलरी कम्पनी ने रोक दी।”
फिर उसके बाद वह कहती हैं
“47 दिनों बाद मुझे ऑफिस बुलाया गया। और एक षड्यंत्र के चलते मुझे शाम को चार बजे बुलाया गया। और वहां पर सब प्री-प्लांड होता है। ऑफिस में शान चौधरी के केबिन में पहले से ही रोशनी, बुशरा और शान चौधरी मौजूद होते हैं। वहाँ शान मेरे साथ बदतमीजी करता है और यहाँ तक कि मुझे जान से मारने की भी धमकी भी देता है। मैं किसी तरह से अपने साथियों की मदद से वहां से भागने में कामयाब रही।“
फिर वह कहती हैं कि वह प्रीत विहार थाने गई और उन्होंने शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया। लेकिन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) सोहनगीर ने उसका मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया।
महिला पत्रकार का कहना है कि आखिर दो दिनों के बाद उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई। उसके बाद से उनके तीन आईओ बदल चुके हैं और इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई कार्यवाही करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया है। हिन्दू महिला पत्रकार के अनुसार जब उन्होंने हिन्दू सामाजिक कार्यकर्ता राजेश भसीन और आस्था से संपर्क किया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर आवाज उठाई और उसके बाद ही जिला मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के अंतर्गत बयान दर्ज हो सका।
न्यूज़ एक्शन नेटवर्क के मालिक शान चौधरी के हैं राजनीतिक सपने
जब न्यूज़ एक्शन नेटवर्क को देखा तो यह पाया गया कि यह चैनल शान चौधरी को प्रमोट करने के वीडियो बनाता है। और उसे कभी समाजवादी पार्टी तो कभी बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा हुआ बताता है। ऐसा ही एक वीडियो फेसबुक पर है, जिसमें शान चौधरी को सपा का भावी प्रतिनिधि बताया

इसके साथ ही एक और वीडियो है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि चूंकि शान चौधरी को हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा का प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो वह बसपा से इस्तीफा दे रहे हैं।
अत: यह भी समझा जा रहा है कि शान की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं और वह सपा, बसपा सभी के दरवाजे खटखटा चुके हैं।
परन्तु एक बात समझ नहीं आती है कि दिल्ली में दिल्ली की महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, जो उत्तर प्रदेश के भी मामलों पर सक्रिय हो जाती हैं और कुछ न कुछ कहती रहती हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित न जाने किसे किसे महिलाओं पर ध्यान देने की बात करती हैं, परन्तु वह अपनी ही दिल्ली की एक महिला पत्रकार के लिए कुछ नहीं कह पा रही हैं। वह अपना मुंह नहीं खोल पा रही हैं और यह कहीं न कहीं हैरानी में डालता है। या फिर ऐसा लगता है कि दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल का क्रोध मात्र यति नरसिम्हानन्द सरस्वती के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने तक ही है।
वीडियो में महिला पत्रकार बहुत ही निराश दिख रही है और वह पुलिस आदि सभी से निराश है। परन्तु यह भी इस देश की विडंबना ही है कि जहाँ पर कथित बहुसंख्यक लडकियां हर प्रकार से इस्लामी कट्टरता का निशाना बन रही हैं, कभी उन्हें नाम बदलकर शादी के जाल में फंसाया जाता है तो अब नौकरी के नाम पर भी इस प्रताड़ना को किया जाने लगा है।
और एक धारणा यह बनी हुई है कि हिन्दू लड़कियों के साथ आप कुछ भी करते रहें, पर हिन्दू लड़कियों की आवाज न उठाई जाए। क्योंकि यदि आप आवाज उठाते हैं तो आपको इस्लामोफोबिया से पीड़ित बताया जाता है, आपको बार बार यह अहसास कराया जाता है कि “उन्होंने, भारत में टिककर बहुत अहसान किया है, आप उन्हें कुछ न कहें”
फिर चाहे वह ऐसी लड़कियों को शिकार बनाएं, या फिर रोड रेज के मामले में सुधीर सैनी को मार डालें या फिर कोई वीडियो साझा करने पर कृष्ण धरवाड़ की हत्या कर दें, पर “गंगा-जमुनी” तहजीब की रक्षा के लिए हिन्दुओं को चुप रहना ही है, ऐसी अपेक्षा हिन्दुओं से की जाती है!
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