उत्तर प्रदेश में गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में प्रवेश करने का जिस युवक ने प्रयास किया था और “अल्लाह-हू-अकबर” कहकर सुरक्षा कर्मियों पर हमला बोलने वाला मुर्तजा अनपढ़ नहीं है। वह उस समुदाय से है, जहां से पहले जो आतंकी आते थे, उनके लिए कहा जाता था कि शिक्षा के अभाव में लोग आतंकी बन जाते हैं। और यही कारण है कि पहले के हर आतंकी हमले के बाद बार बार यही कहा जाने लगता था कि अनपढ़ हैं, किसी के बहकावे में आ गए।
परन्तु गोरखपुर में मुर्तजा नामक जिस इंसान ने हमला किया, उसने केमिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई की है, और वह भी किसी छोटे मोटे संस्थान से नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े एवं प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी से। कल गोरखपुर के साथ साथ पूरा देश यह देखकर स्तब्ध रह गया था कि कैसे कोई इंसान हाथ में दरान्ति लेकर गोरखनाथ मंदिर के बाहर खड़े सुरक्षा कर्मियों पर अल्लाहू अकबर कहकर हमला कर सकता है? इस हमले में दो सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं। जिनका उपचार अभी चल रहा है।
ऐसा भी नहीं है कि मुर्तजा के घरवाले अनपढ़ हों या पिछड़े हों, जिससे उसके दिल में यह नफरत आई। मुर्तजा के अब्बा मुनीर अहमद भी इंजीनियर हैं। हालांकि उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मुर्तजा की दिमागी हालत ठीक नहीं है और वह खुदकुशी करना चाहता था।
बताया जा रहा है कि उसकी बीवी छोडकर चली गयी है, नौकरी छूट गयी है और इसके कारण वह डिप्रेशन में था। दैनिक जागरण के अनुसार उसने कहा कि वह कई रातों से सो नहीं पाया था और परेशान चल रहा था, इसलिए वह चाहता था कि कोई उसे गोली मार दे। यही कारण है कि उसने पुलिस वालों पर हमला किया था।
वही, उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस हमले को आतंकी घटना कहा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार यह एक बड़ी साजिश की तैयारी थी। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा था कि “एक व्यक्ति ने जबरन मंदिर परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया तथा एक नुकीले हथियार से वहां पर तैनात पुलिसकर्मी पर हमला किया।”
उन्होंने ही आगे कहा कि इस मामले को एटीएस को हस्तांतरित कर दिया गया है, क्योंकि इस मामले में हम आतंकी पहलू को भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं एवं इस विषय में जाँच आरम्भ कर दी गयी है!”
यह घटना उस सोच पर कई प्रश्न उठाई है जिसमें यह कहा जाता है कि पढ़ाई लिखाई से आतंकी सोच कम होती है। परन्तु हाल ही में जो भी आतंकी हमले देखे गए हैं, वह सभी पढ़े लिखे थे, यहाँ तक कि ओसामा बिन लादेन भी इंजीनियर था। इसी को ध्यान में रखते हुए बृजेश कुमार सिंह ने भी ट्वीट किया कि
“खासा पढ़ा लिखा आदमी भी जेहादी सोच रख सकता है। अमेरिका में 911 के हमलों को अंजाम देने वाले ज्यादातर आतंकी इंजीनियर थे और गोरखपुर में पुलिस वालों पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी भी आईआईटी बंबई का छात्र। कल्पना कीजिए अगर पुलिसियों से राइफल छीनने में मुर्तजा कामयाब हो गया होता तो?
यह भी प्रश्न उठता है कि यदि मानसिक रूप से अस्थिर था मुर्तजा, तो भी वह मंदिर में ही हमला क्यों करने आया?
इसी बीच सोशल मीडिया के कुछ यूजर का कहना है कि सरकार के शपथग्रहण के दिन भी गोरखपुर में दंगे भड़काने की साजिश हुई थी:
वहीं इस मामले में कई यूज़र्स ने एनडीटीवी का दोगला व्यवहार भी दिखाया। उन्होंने लिखा कि क्या कारण है कि एनडीटीवी मुस्लिम अपराधी होने पर नाम नहीं लिखता है:
वहीं सबसे खतरनाक बात यह है कि वह मुम्बई से सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचा था। उससे भी यह प्रश्न उठता है कि यदि मानसिक रूप से अस्थिर था और एकमात्र उद्देश्य आत्महत्या करना था, तो वह मुम्बई से सीधे मंदिर ही क्यों पहुंचा?
ऐसे एक नहीं कई प्रश्न हैं, जिनका उत्तर देने में उस वर्ग को पसीना छूट जाता है जो बेचारे अल्पसंख्यक और पिछड़े अल्पसंख्यक का रोना रोते हैं। वहीं इस मामले में सरकार ने हमला नाकाम करने वालों को पांच पांच लाख रूपए के इनाम की घोषणा की है।
जैसे कश्मीर में भटके हुए नौजवान का नैरेटिव चलाया जाता था, तो वहीं यह देखा गया है कि हिन्दुओं के मदिरों पर हमला करने वाले कत्त्त्र इस्लामी लोगों को मानसिक रूप से अस्थिर बताया जाने लगा है, हाल ही में हमने बांग्लादेश में भी दुर्गापूजा के दौरान हिन्दू देवी माँ पंडालों पर हुए हमलों में देखा था कि कैसे पंडाल में कुरआन रखने वाले को मानसिक रूप से अस्थिर बताए जाने का प्रयास आरम्भ हो गया था!
यह जिहादी मानसिकता को कवर फायर देने का प्रयास मात्र है!