इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक हिन्दू महिला के अंतिम संस्कार के बाद ‘अज्ञात’ लोगों ने उसकी अस्थियों के साथ बेअदबी किए जाने माहौल बिगड़ गया है। इस घिनौनी घटना से गुस्साए हिंदू समुदाय के सदस्यों ने घटनास्थल पर धरना भी दिया। हिंदुओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अन्य धर्मों के गुरुओं और कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया और प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले एक हिंदू महिला की मृत्यु के पश्चात उसके शव का दाह संस्कार एक श्मशान घाट में किया गया था। कुछ अज्ञात लोगों ने मृतका की अस्थियों के साथ बेअदबी करते हुए उन्हें इधर-उधर फेंक दिया। इससे यह साफ़ हो जाता है कि इस्लामिक मुल्क में हिन्दुओं को अब अंतिम संस्कार भी सुलभ नहीं है, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है?
पाकिस्तान में नहीं थम रहा हिन्दुओं के प्रति अत्याचार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरुद्ध क्रूरता और अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले ही दिनों सिंध प्रांत में एक हिंदू युवक को जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया था। वहीं पंजाब प्रांत में एक खेतिहर हिंदू महिला को बुरी तरह से पीटा गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। स्थानीय मीडिया के अनुसार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना सिंध स्थित जामिया इस्लामिया मस्जिद में अजय कुमार को जबरदस्ती इस्लाम कुबूल कराया गया है, यह युवक मतांतरण के समारोह में दुखी नजर आ रहा था।
नौ अक्टूबर को हुए इस अवैध मतांतरण को मौलाना राशिद महमूद सूमरू ने अंजाम दिया उस समय जमीयत उलेमा-ए-सिंध के महासचिव भी उपलब्ध थे। इससे पहले, बहावलपुर में पिछले साल अगस्त में अनीता का अपहरण कर उसे भी इस्लाम कुबूलने को विवश कर दिया गया था। इस तरह की घटनाएं वहां लगातार बढ़ रही हैं और सरकार व प्रशासन से हिन्दुओं को किसी भी प्रकार का न्याय नहीं मिल पा रहा है।
10 अक्टूबर को सिंध प्रांत के हैदराबाद नगर में एक हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया है। लड़की के माता-पिता के अनुसार, उनकी बेटी चंद्र मेहराज का अपहरण हैदराबाद के फतेह चौक इलाके से उस समय किया गया था, जब वह घर लौट रही थी। माता पिता की शिकायत के बाद भी लड़की अभी तक नहीं मिली है। दूसरी ओर, पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर में पगार लेने पहुंची खेतिहर हिंदू महिला कुसुम बाई को उसके मुस्लिम नियोक्ता ने बुरी तरह से पीटा और उसकी अगली सुबह अपने छह साथियों के साथ उसके घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म किया।
इसी प्रकार 24 सितंबर को नसरपुर इलाके से मीना मेघवार नाम की 14 वर्षीय लड़की का अपहरण कर लिया गया था । वहीं मीरपुरखास कस्बे में भी घर लौटते समय एक अन्य हिन्दू लड़की का अपहरण कर लिया गया था, जो अभी तक नहीं मिल पायी है। उसी शहर में, रवि कुर्मी नाम के एक हिंदू व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी राखी का अपहरण कर लिया गया था । राखी कुछ दिनों बाद वापस आयी, लेकिन तब तक उसका निकाह एक मुस्लिम के साथ हो चुका था, और उसका भी जबरन धर्मांतरण करवा दिया गया था। वहीं स्थानीय पुलिस ने दावा किया कि राखी ने अपनी मर्जी से अहमद से निकाह किया और इस्लाम धर्म अपना लिया।
वहीं एक अन्य घटना में सिंध प्रांत के लरकाना के घासपीढ़ी इलाके में 70-80 वर्ष पुराने वाल्मीकि मंदिर का मरम्मत कार्य रोक दिया गया। इससे आक्रोशित वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया और पाकिस्तान सरकार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए गए। दूसरी ओर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरुद्वारों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि कई गुरुद्वारों पर जिहादी तत्वों ने अवैध अतिक्रमण किया हुआ है।
पाकिस्तान में हिन्दुओं का नस्लीय संहार किया जा रहा है
पाकिस्तान की कुल 17 करोड़ आबादी में से हिंदुओं की आबादी मात्र 2.7 लाख के लगभग है। पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या स्वतंत्रता के समय दस फीसदी के आस पास हुआ करती थी, लेकिन पिछले 75 वर्षों में हिन्दुओं के विरुद्ध नस्लीय संहार हुआ और आज उनकी संख्या अत्यधिक घट गयी है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार देश में अल्पसंख्यक आबादी छह फीसदी है, इसमें हिंदुओं के साथ बौद्ध, इसाई और पारसी भी सम्मिलित हैं।
वर्ष 2010 में मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। जिहादी तत्व हिन्दू लड़कियों का अपहरण करते हैं, बलात्कार करते हैं, और उसके पश्चात उन्हें इस्लाम कुबूलने पर विवश कर दिया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में हर दिन ३ हिन्दू लड़कियों का अपहरण और बलात्कार हो रहा है। यह आंकड़ें भयावह हैं, और हैरानी की बात है कि इन घटनाओं में स्थानीय प्रशासन और इस्लामिक संस्थाओं की मिलीभगत रहती है।
आंदोलन संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, पाक के सिंध प्रांत में हर वर्ष लगभग एक हजार हिंदू लड़कियों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया जाता है। वहीं पाकिस्तान के कई मुस्लिम संगठन हिंदू समुदाय के गाय की पूजा करने को भी द्वेष भरी नजरों से देखते हैं और उन पर अपमानजनक टिप्पणियां भी करते हैं। पाक सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार कठोर शरिया कानून के कारण हर वर्ष पांच हजार हिंदू परिवार को पाक से मजबूरन पलायन करना पड़ता है।
पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की सबसे बड़ी चिंता अपनी बेटियों और जमीन को सुरक्षित रखने की है। घर की लड़कियों की तरह वहां हिंदुओं की जमीन जायदाद भी सुरक्षित नहीं है, जिस पर जिहादी लोग कब्जा कर लेते हैं। वहीं दूसरी ओर मंदिरों को गिराने और जलाने की घटनाएं भी पाकिस्तान में बहुतायत में होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 से लेकर 2015 तक पाकिस्तान में एक हजार से ज्यादा मंदिरों पर अवैध कब्जा किया जा चुका है।
It’s a curse to be a Hindu (or minority Christian, Sikhs) in Pakistan. It’s a ruthless country where law and order is a far cry for these minority segments. Justice is openly denied. Police and adminsitration stay inactive while the majority of Muslims wage violence on these minority groups, particularly the Hindus. Every day we read about Hindu girls being kidnapped, forcibly converted to Islam, married to Muslims or killed. Menfolk of minority communities meet with same disastrous treatment. Most of them are locked as bonded laborers. Many affluent Pakistani goons do maintain their own prison cells where they keep these hapless people as captives, torture them. Malnourished and badly ill-treated, many of them die in the ‘darkness’ and the same bonded labor is clamped on their offspring till they payoff their fathers’ debt which is never accomplished.