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Saturday, April 27, 2024

पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तराखंड तक हिन्दू विरोधी एजेंडे के चलते उन्हें ईसाई विरोधी प्रमाणित करने के लिए रचे गए झूठ

27 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत सरकार पर यह आरोप लगाते हुए सनसनी फैला दी कि मदर टेरेसा की मिशनरी ऑफ इंडिया के खातों को भारत सरकार द्वारा फ्रीज़ कर दिया गया है। और देखते ही देखते यह खबर वायरल हो गयी।

उन्होंने कहा कि आखिर उनके 22000 मरीज और कर्मचारी बिना दवाई और खाने के कैसे रहेंगे?

हालांकि मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी पर समय समय पर कई आरोपों में घिरी है, और यह मांग भी उठती रही है कि सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जाएं। आज राजीव तुली ने एक वीडियो ट्वीट किया:

वैसे तो ममता बनर्जी के आरोपों का खंडन स्वयं मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी ने ही कर दिया था और कहा था कि हमारा एफ़सीआरए नवीनीकरण आवेदन स्वीकार नहीं किया गया है। इसलिए, किसी तरह की चूक ना हो ये सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने केंद्रों से मामला सुलझने तक विदेशी अंशदान (एफसी) खाते संचालित ना करने के लिए कहा है

परन्तु गोवा के चुनावों में ईसाई वोटों को ध्यान में रखकर राजनीतिक दांव खेलने की जल्दी में या तो ममता बनर्जी ने यह कहा या फिर राजनीतिक बढ़त बनाने के लिए यह झूठ फैलाया। परन्तु यह झूठ बहुत तेजी से फैला और देखते ही देखते सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस से लेकर सभी विपक्षी दल आ गए। बाद में चिदम्बरम ने ने एफसीआरए में देरी देने से इंकार करने पर केंद्र सरकार को घेर लिया था:

एक यूजर ने अखबार के कुछ समाचारों को भी ट्विट्टर पर साझा किया था:

राना अयूब जैसी जहरीली पत्रकारों को भी अवसर मिल गया और उन्होंने भी एजेंडा फ़ैलाने में देर नहीं की:

परन्तु जब यह बात स्पष्ट हुई कि ममता बनर्जी ने केवल और केवल झूठ फैलाया था, तो भी उन्होंने और एजेंडा फैलाने वालों ने खेद तक व्यक्त नहीं किया और एजेंडा चलाना जारी रखा!

उत्तराखंड में भी भारत और हिन्दू विरोधी एनजीओ संचालिका फैला रही थी, हिन्दुओं के विरुद्ध एजेंडा

क्रिसमस को खुशी का त्यौहार माना जाता है और भारत में हिन्दुओं का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो इसे मनाता है। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो त्योहारों पर भी अपना एजेंडा चलाते हैं।

ऐसा ही एक हिन्दू विरोधी एजेंडा उत्तराखंड में चलाया गया। एजेंडा चलाया एक एनजीओ संचालक जो चोपड़ा (Jo Chopra McGowan) ने, जो लतिका फाउंडेशन चलाती हैं।

राहुल गांधी के हिन्दू और हिंदुत्व की कड़ी को और आगे बढाते हुए उन्होंने लिखा कि

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डिलीट किया गया ट्वीट

“देहरादून में शौपिंग कर रही थी। यह वह राज्य है जहाँ पर क्रिसमस पर प्रतिबन्ध है। हर दुकान, हर व्यक्ति जिसका मैंने अभिवादन किया, वह मुस्कराकर मेरी क्रिसमस कहता हुआ मिला! सॉरी हिंदुत्व, तुम जीत नहीं सकते! भारतीय बहुत खुले हैं, कूल हैं और तुम्हारे एजेंडे के पीछे वह नहीं आएँगे!”

ऐसा ट्वीट उन्होंने किया। हालांकि उनकी इस नफरत का उत्तर देने में उत्तराखंड पुलिस ने जरा भी देर नहीं लगाई और स्पष्ट किया कि

प्रदेश में कहीं भी क्रिसमस पर्व पर बैन नहीं था। पूरे प्रदेश में सभी ईसाई बंधुओं ने बड़े हर्षोल्लास से इस पर्व को मनाया है। आप सभी से अपील है कि इस तरह की धार्मिक दुर्भावनाओं से ग्रसित अफ़वाहों पर ध्यान न दें। यहाँ सभी धर्मों का सम्मान है, जैसा भारत का संविधान कहता है।

हालांकि जब बात खुलकर सामने आने लगी तो इस एनजीओ का और भी कच्चा चिट्ठा निकल कर आया और साथ ही यह भी सामने आया कि यह भी हिंदुत्व कोसो गैंग का ही हिस्सा है, जो नरेंद्र मोदी के बहाने हिन्दुओं और हिंदुत्व को अपना निशाना बना रहा है। इतना ही नहीं यह अकेले ही इस एजेंडे का हिस्सा नहीं थी, बल्कि साथ ही उनके पति भी उसी वामपंथी एनजीओ गैंग का हिस्सा है, जो हर मूल्य पर भारत को रोकना चाहते हैं।

उनके विषय में एक twitter हैंडल विजय पटेल ने एक थ्रेड में यह बताया कि कैसे जो चोपड़ा के पति रवि चोपड़ा, जो खुद एक वामपंथी पर्यावरणविद है और वह दो उच्च समितियों के प्रमुख भी हैं, जिनमें से एक है चीन के साथ सीमा साझा करने वाली सड़क का निर्माण करने वाली। और यह भी मीडिया में है कि कैसे रवि चोपड़ा ने चारधाम को चौड़ा करने की योजना का विरोध किया था और उच्चतम न्यायालय ने जो समिति उनके नेतृत्व में बनाई थी उसमें उन्होंने ही सड़क के चौड़ीकरण का विरोध किया था।

इस पूरे twitter थ्रेड को नीचे दिया गया है

हालांकि जो चोपड़ा खुद भारत की नहीं हैं, परन्तु भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करना उनकी आदत है और नरेंद्र मोदी की कट्टर विरोधी हैं। और वह भारत के लोगों को नागरिकता कानून के खिलाफ भड़का चुकी हैं, और लोगों से अनुरोध कर चुकी हैं कि वह इस कानून का विरोध करे।

जबकि बार बार यह कहा गया कि यह कानून केवल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, जिन्हें पड़ोसी देशों, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।

जब जो चोपड़ा की नागरिकता को लेकर लोगों ने प्रश्न किये और कहा कि कैसे वह अमेरिकी नागरिक होकर इस तरह के कृत्य कर सकती हैं

इस पर उन्होंने वह ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा कि, उन्होंने हिंदुत्व और कट्टरता पर बात कही थी।

यह नया नहीं है, परन्तु अब हिन्दू विरोधी नया नैरेटिव गढ़ा जाने लगा है कि हिन्दू ईसाई विरोधी हैं, जबकि मिशनरी और हिन्दू विरोधी एनजीओ हिन्दुओं के विरुद्ध कितना विषवमन करते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है!

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