उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए ऐसी संस्था का पर्दाफाश किया, जो हिन्दुओं का धर्मांतरण कर रही थी। पुलिस के अनुसार पुलिस को यह सूचना मिली थी कि कुछ असामाजिक तत्व, मजहबी संगठन या सिंडिकेट, आईएसआई और विदेशी संस्थाओं के निर्देश पर या उनसे फंडिंग लेकर उनका धर्म बदलकर उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष और नफरत फैलाकर उनके और कट्टर बनाकर देश के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्यता फैलाना चाह रहे हैं। इस कारण उन्होंने अभियान चलाया और फिर जांच अभियान चलाकर दो लोगों को हिरासत में लिया है।
Explosive finding by Uttar Pradesh’s anti-terrorism squad (ATS): Poor girls from weak communities targeted and trapped using Muslim boys for conversion to Islam. Racket run from Delhi’s Jamia Nagar. Even physical challenged children targeted pic.twitter.com/K8H8ntQYVt
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) June 21, 2021
पुलिस ने जामिया नगर नई दिल्ली के निवासी मुफ्ती काजी जहाँगीर आलम कासमी, और जामिया नगर, बाटला हाउस के निवासी मोहम्मद उम्र गौतम पुत्र श्री धनराज सिंह गौतम को हिरासत में लिया है।
कर चुके हैं हज़ार से अधिक धर्मांतरण
- पुलिस ने बताया कि पूछताछ में गौतम ने बताया कि वह लोग उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के विभिन्न गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओं, बच्चों और अन्य कमज़ोर वर्ग के लोगों का वृहद स्तर पर सामूहिक धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। गौर तलब है कि उमर भी हिन्दू से ही मुसलमान बना है।
- उमर का कहना था कि उसने अभी तक लगभग एक हजार लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है। और उसने बड़ी संख्या में मुस्लिमों की शादी कराई हैं
- उमर और उसके साथियों ने सामूहिक धर्म परिवर्तन के लिए एक संस्था बनाई थी, जिसका नाम था आईडीसी अर्थात इस्लामिक दावाह सेंटर, और जिसे जामिया नगर में पंजीकृत किया गया था। इस संस्था का उद्देश्य केवल और केवल हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करना था।
- सबसे खतरनाक बात यह निकल कर आई कि नॉएडा डीफ सोसाइटी, जो कि नॉएडा में मूक बधिरों का आवासीय स्कूल है, वहां पर विभिन्न प्रकार के ऐसे बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं, जो किसी भी तरह से बहकावे में आ सकते हैं।उन्हें कई तरह के प्रलोभन देते हैं, जैसे नौकरी, शादी, पैसे आदि का। और फिर उन्हें इस्लाम में शामिल किया जाता है। और यह सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह पाया गया कि इसमें परिजनों को पता भी नहीं होता था।
- पुलिस के अनुसार डेफ सोसाइटी के मूक बधिर छात्र आदित्य गुप्ता, जो कि कानपुर के निवासी थे, उनके मातापिता से पूछताछ की गयी तो पता चला कि उनका बच्चा गुम हो गया है और उन्होंने बताया कि उसका धर्म परिवर्तन करके कहीं दक्षिण के राज्य में ले जाया गया, जिसके बारे में मूक बधिर बच्चे ने वीडियो कॉल द्वारा बताया गया था।
- और इसी प्रकार यहाँ पढने वाले मन्नू यादव का भी धर्म परिवर्तन बिना उसके परिजनों की सहमति/जानकारी के कर दिया था।
- उसके साथ उमर ने बताया कि धर्म परिवर्तन के लिए पैसे दिए जाते हैं, या फिर नौकरी का लालच या फिर शादी कराई जाती है।
- और यह भी पता चला कि दूसरे प्रान्तों से लाकर भी लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाकर उनकी शादी मुस्लिम युवाओं से कर रहे थे।
दावा क्या होता है?
इस संस्था का नाम है दावाह! दावाह का अर्थ इस्लाम में होता है इस्लाम में आने की दावत देना! दरअसल दावत का भी अर्थ यही है। दावत शब्द का अर्थ होता है, इस्लाम में शामिल करने का निमंत्रण देना। दरअसल इस्लाम की दावत देना उस सोच से जुड़ा है, जो कुत्सित सोच उन्हें यह प्रेरित करती है कि हर काफिर दोजख में जाएगा और इसकी आड़ में यह लोग धर्म परिवर्तन का पूरा रैकेट चलाते हैं। कुछ वर्ष पूर्व जकात फाउंडेशन शरिया काउंसिल के सदस्य कलीम सिद्दीकी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने कहा था कि वह सभी हिन्दुओं को इस्लाम में मतांतरित करना चाहता है जिससे उन्हें नरक की आग में न जलना पड़े। और वह उन सभी हिन्दुओं का मज़ाक उड़ा रहा था जो अपने दिवंगत परिवार वालों को स्वर्गीय लिख रहे थे।
This is Zakat Foundation Shariah Council member Kalim Siddiqui.
Is he not a psychopath that he wants to convert all Hindus to Islam so that they don't burn in Hell forever? Mocks that H call their Jahannumi dead Swargeeya!
Imagine he trains those who get selected in UPSC! pic.twitter.com/ExNLs3XT5V— Sanjeev Newar संजीव नेवर (@SanjeevSanskrit) August 30, 2020
इनका यह मनोरोग अब बढ़ते बढ़ते उमर गौतम जैसे लोग बनाने पर पहुँच गया है, कि केवल इस्लाम मानने वाले ही जन्नत जाएंगे और इस जन्नत जाने के खेल में यह इस प्रकार के अमानवीय कृत्य करते हैं।
और इसका निशाना वह हिन्दू होते हैं जिनके घर परिवार में कोई परेशानी होती हैं।
खतरा हिन्दुओं पर है क्योंकि जैसे ही जनसांख्यकी में परिवर्तन होता है, वैसे ही क्या होता है, यह कश्मीर में पूरा विश्व देख चुका है।
यह भी ध्यान रखना होगा कि उत्तर प्रदेश में यह चुनावी वर्ष है और रोहिंग्याओं को बसाने की रणनीति के बाद, यह दूसरा षड्यंत्र जनता के सामने आया है!
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