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Monday, November 11, 2024

विदेशी दूतावासों को बिनमांगी कांग्रेसी ऑक्सीजन?

रविवार को न्यूजीलैंड दूतावास से एक अजीब सा ट्वीट आया, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। दरअसल यह ट्वीट था भी अत्यंत अजीब, जिसमें न्यूजीलैंड दूतावास की ओर से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग करते हुए माफी माँगी गयी थी। माफी किसलिए? उसमें लिखा था “हमने सभी तरफ से ऑक्सीजन सिलिंडर की कोशिश की, पर हमारी अपील को गलत समझा गया, जिसके लिए हमें खेद है।” पर वह यह नहीं उत्तर दे रहे कि आखिर उन्होंने एक उचित प्रोटोकॉल के अंतर्गत सरकार से सहायता क्यों नहीं माँगी?

यह समझना होगा कि आखिर वह ट्वीट था क्या और मांग क्या थी? जो ट्वीट डिलीट किया गया था उसमें क्या लिखा था?  दरअसल ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग करते हुए उन्होंने एक ट्वीट किया था कि क्या आप हमारे लिए एक ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कर देंगे? और इसमें उन्होंने यूथ कांग्रेस के नेता को टैग किया था।  इससे पहले फिलिपिन्स दूतावास की तरफ से भी ऐसी ही मांग की गयी थी, जैसा कुछ पत्रकारों ने दावा किया। जिसमें वह सभी पत्रकार शामिल हैं जो दिन भर इस ऑक्सीजन आपूर्ती के मुद्दे पर सरकार को घेरते रहते हैं। जैसे अजित अंजुम!  उन्होंने लिखा कि विदेशी दूतावासों को भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, या विदेश मंत्रालय पर भरोसा नहीं रहा, जो न्यूजीलैंड हाई कमीशन ने सरकार की बजाय यूथ कांग्रेस के नेता से मदद की गुहार लगाई है।

इसे लेकर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके डॉ. जय शंकर से प्रश्न किया था कि हम यूथ कांग्रेस के शानदार प्रयासों को सलाम करते हैं, और एक भारतीय के रूप में मैं यह देखकर हतप्रभ हूँ कि विपक्षी दलों की यूथ विंग के पास विदेशी दूतावासों से एसओएस कॉल आ रहे हैं। क्या विदेश मंत्रालय सो रहा है?

इस पर डॉ. जयशंकर ने ट्वीट किया कि उन्होंने फिलिपिन्स दूतावास से बात की जहां से पता चला कि ऐसी कोई मांग उन्होंने नहीं की थी, और यह पूरी तरह से झूठ खबर थी।  जयराम रमेश ने श्रीनिवास बी वी की ओर से ट्वीट किया गया वीडियो फॉरवर्ड किया था, जिसमें श्रीनिवास ने लिखा था कि नई दिल्ली में फिलिपिन्स दूतावास में युवा कांग्रेस के नेता। मगर इस वीडियो में कहीं पर भी सिलिंडर लगाते हुए नहीं कोई दृश्य नहीं था और न ही यह नज़र आया कि फिलिपिन्स दूतावास की ओर से ऐसी कोई मांग की गयी थी, जैसा बाद में स्पष्ट भी हुआ।

इस झूठे वीडियो पर ट्विटर पर भी खासी प्रतिक्रिया हुई, जिसमें यूज़र्स ने लिखा कि यह बहुत ही शर्मनाक हरकत है क्योंकि जहां एक ओर दिल्ली में जनता ऑक्सीजन की कमी से मर रही है वहीं पर युवा कांग्रेस द्वारा सिलिंडर की कालाबाजारी करके इस तरह से दिया जा रहा है।  कई ट्विटर यूजर्स ने यह भी आशंका व्यक्त की कि कहीं यह कांग्रेस के नेताओं को उनके आकाओं की तरफ से मिला हुआ कोई नया आदेश तो नहीं है? क्योंकि फिलिपिन्स दूतावास की ओर से सिलिंडर मांगे ही नहीं गए थे। क्या विदेशी दूतावास में मदद के बहाने फिर से कोई प्रोपोगैंडा बनाया जा रहा है, जो बनाने में अजित अंजुम, अभिसार शर्मा जैसे पत्रकार माहिर हैं और यह स्पष्ट होता जा रहा है कि मदद के बहाने न केवल कालाबाजारी की जा रही है बल्कि साथ ही भारत को बदनाम भी किया जा रहा है।

नहीं तो ऐसा क्या कारण है कि जो इंजेक्शन और दवाईयां कहीं उपलब्ध नहीं हैं, वह अजित अंजुम, आभिसार शर्मा, विनोद कापड़ी, साक्षी जोशी, और तमाम सेक्युलर गैंग जैसे पत्रकारों द्वारा बताए गए मामलों के लिए तुरंत कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा उपलब्ध हो जाता है।

अभी तक तो यह षड्यंत्र केवल भारत के लोगों के साथ ही हो रहा था, पर अब तो यह झूठ का जाल विदेशी दूतावासों के साथ भी खेला जाने लगा है। क्या वाकई ऑक्सीजन की कृत्रिम कमी पैदा की जा रही है? यह प्रश्न अब और विकट रूप में सामने आ रहा है क्योंकि ऐसा क्या कारण है कि कांग्रेस के नेताओं के पास ऑक्सीजन सिलिंडर हैं, गुरुद्वारों के पास ऑक्सीजन लंगर चलाने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर हैं, केवल ऑक्सीजन सिलिंडर मौजूद नहीं हैं तो अस्पताल में और वह भी वहां पर जहाँ पर कोविड के मरीज भर्ती हैं?

एक यूजर ने यह  भी शंका व्यक्त की कि क्या यह नरेंद्र मोदी सरकार की छवि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खराब करने का षड्यंत्र हो सकता है? जिनके विज़नरी नेतृत्व में भारत भविष्य के मार्ग पर तेजी से चल रहा था।

जो भी हो, परन्तु एक विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस का यह आचरण जिसमें अपने देश की सरकार को बदनाम करने का भाव हो, तनिक भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है और वह भी तब जब विदेशी दूतावास इसका खंडन कर रहा है। न्यूजीलैंड दूतावास ने ऐसा क्यों किया, जबकि ट्विटर पर केवल श्रीनिवास ही नहीं बल्कि तजिंदर पाल बग्गा, कपिल मिश्रा जैसे कई भाजपा नेता जो दिल्ली में निवास करते हैं, मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं। क्यों विपक्षी दल के नेता को ही टैग किया गया और जैसे ही टैग किया गया, उसे तुरंत ही डिलीट तो कर दिया गया, पर वह ट्वीट कैसे तुरंत ही उन प्रोपोगैंडा पत्रकारों के पास पहुँच गया, यह भी जांच का विषय है। इसीके साथ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता इसमें भी केवल सिलिंडर रखते हुए दिखाई दे रहे हैं, पर सिलिंडर किसके लिए है, और कौन बीमार है इसका कोई उल्लेख नहीं है।

तो क्या यह कहा जा सकता है कि यह अब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने का एक प्रयास है, जिसमें उसे दरबारी पत्रकारों का साथ मिल रहा है।


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