HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
21.8 C
Sringeri
Monday, June 5, 2023

कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’, क्या यह देश को एकजुट करने का प्रयास है या राहुल गांधी की एक बार से री-लॉन्चिंग?

पिछले 8 वर्षों से मोदी सरकार को घेरने के ढेरों असफल जतन करने के बाद, अपने प्रयासों की अगली कड़ी में कांग्रेस ने एक और राजनीतिक दांव चल दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कथित रूप से देश को एकजुट करने और पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ शुरू कर दी है। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर में समाप्त होगी। 150 दिनों तक चलने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ देश के 12 राज्यों से होते हुए गुजरेगी और 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

कांग्रेस ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ को भारतीय राजनीति का एक निर्णायक मोड़ बताया है, और यह कहा जा रहा है कि अब घृणा पर प्रेम की विजय होगी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबुदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में सम्मिलित हुए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में तीन दशक पहले एक चुनावी रैली के समय आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। राहुल गाँधी ने ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने नफरत और विभाजन की राजनीति के कारण अपने पिता को खो दिया। मैं अब अपने देश को नहीं खो सकता। घृणा पर प्रेम की विजय होगी। हम सब मिलकर जीतेंगे।’’

राहुल गांधी के साथ अनेकों कांग्रेस नेता, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य सहित लगभग 300 लोग इस पदयात्रा में सम्मिलित होंगे। कांग्रेस ने यह बताया है कि राहुल गाँधी इस यात्रा के दौरान आम जनता से मिलना चाहेंगे, इसीलिए वह किसी भी होटल में नहीं रुकेंगे। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि राहुल गांधी अपनी पांच महीने लम्बी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहां और कैसे रहेंगे, वह कहां खाना खाएंगे और कहां पर रात में सोएंगे। ऐसे ही उनके साथ चलने वाले यात्रियों का खाना, पीना, रहना, सोना कहाँ होगा, कैसे होगा, इन्हीं सभी प्रश्नो पर इस समय सभी लोगों की नजरें टिकी हुई है।

पद यात्रा के लिए बनाये गए हैं पंच-सितारा कंटेनर्स

कांग्रेस कहने को तो इसे एक पद यात्रा की तरह प्रचारित कर रही है, लेकिन वह हरसंभव प्रयास कर रही है कि उनके नेतृत्व की सुख सुविधाओं में कोई कमी ना रहे। कांग्रेस ने इसलिए बड़े ही उच्च कोटि के पंचसितारा कंटेनर्स तैयार करवाए हैं, जो कि सफेद रंग के हैं। यह बाहर से आयताकार हैं और इनमें कांग्रेस और भारत के झंडे की थीम वाले स्टिकर, भारत जोड़ो यात्रा का लोगो और नारा, खिड़कियां, पाइप आदि लगाए गए हैं।

3570 किलोमीटर लम्बी इस कथित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी को एक चलता फिरता पंचसितारा घर रहने को मिलेगा, जो चलता फिरता होगा। राहुल गाँधी और उनके सहयोगी अगले 150 दिनों तक इन्ही कंटेनर में रहेंगे। यह कंटेनर पूरी तरह से वातानुकूलित हैं, इनमे सोने और बैठने की सुविधाएं, मनोरंजन के सभी साधन, फोन और टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी होंगी। ऐसा बताया जा रहा है कि इस कथित पद यात्रा के दौरान कांग्रेस के नेता भारत के विभिन्न इलाकों में जाएंगे, जहां भीषण गर्मी और उमस होगी।

यह एक राजनीतिक पद यात्रा ना हो कर एक पिकनिक यात्रा ज्यादा लग रही है, जिसमे यात्रियों की हर सुख सुविधा का इंतज़ाम किया गया है।

भाजपा ने कांग्रेस नेतृत्व पर साधा निशाना

भाजपा ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ी यात्रा’ को खोखला बताया है, उन्होंने कहा कि यह यात्रा एक छलावा है और दल पर गांधी परिवार का नियंत्रण बनाए रखने का एक प्रयास है। यह राहुल गांधी को एक नेता के रूप में स्थापित करने के अनगिनत प्रयासों में से एक है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी अपनी पार्टी को एकजुट नहीं कर सके। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह एक परिवार बचाने वाला अभियान है। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करते हुए परिवार और पार्टी का राजनीतिक विस्तार सिकुड़ रहा है। यह देश को एकजुट करने के बारे में नहीं है, बल्कि राहुल को फिर से एक नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश है।

क्या यह राहुल गाँधी का गंभीर प्रयास है या एक छलावा है?

भारतीय राजनीति में इस तरह की पदयात्राओं का बड़ा इतिहास रहा है। स्वतंत्रता से पहले महात्मा गांधी की दांडी यात्रा बहुत प्रसिद्द रही थी। उस यात्रा से महात्मा गाँधी ने हर आम व्यक्ति को जोड़ा था, जिस कारण उन्हें अपार जनसमर्थन भी मिला था, और अंग्रेजो पर दबाव भी पड़ा था। इसी प्रकार एन टी रामा राव ने आंध्र प्रदेश के स्वाभिमान के लिए एक नया राजनीतिक दल बना कर राज्य में पद यात्रा की थी, वह आम लोगो के बीच गए, उनके साथ काम किया, जिसका परिणाम यह हुआ था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने का अवसर जल्दी ही मिल गया था।

इसी प्रकार भाजपा के प्रमुख नेता लाल कृष्ण अडवाणी के नेतृत्व में राम मंदिर के निर्माण के लिए रथ यात्रा का आयोजन किया गया था। यह यात्रा भारत के कई राज्यों से हो कर गुजरी, आडवाणी और अन्य भाजपा नेताओं ने इस यात्रा के बहाने लोगो से संपर्क किया, उनके मन को टटोला, उनके बीच ही रहे, जिस कारण उनका जनसमर्थन भी मिला। आज भाजपा की सफलता के पीछे इस रथ यात्रा का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है। ठीक ऐसी ही यात्रा जगनमोहन रेड्डी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद की थी, उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बनाई और पूरे आंधप्रदेश में पद यात्रा की, और अगले ही चुनाव में उन्हें अपार समर्थन मिला और वह मुख्यमंत्री बने।

राहुल गाँधी और कांग्रेस को यह समझना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा नाम रख देने से कुछ नहीं होगा। उन्हें आम जनता तक पहुंच बनानी होगी, उन्हें जनता के बीच जा कर रहना होगा। पंच-सितारा कंटेनर में सब सुख सुविधाओं के साथ रह कर वो आम जनता से कटे ही रहेंगे। आज सोशल मीडिया का जमाना है, इस तरह की बातें जनता को पता लग जाती हैं, और उनके बीच यही सन्देश जाता है नेता उनसे संपर्क करने के बजाये अपनी सुख सुविधा पर ज्यादा केंद्रित है । अगर कांग्रेस की इस यात्रा से भी यही सन्देश जनता को गया, तो जनता समझ जाएगी कि यह एक छलावे से अधिक कुछ नहीं है।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.