spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.3 C
Sringeri
Saturday, April 20, 2024

पंजाब सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के प्रति संदिग्ध व्यवहार पर भारतीय सेना ने उठाई आपत्ति, क्या भर्ती-प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहती है आम आदमी पार्टी?

केंद्र सरकार ने जब से अग्निपथ भर्ती योजना प्रस्तावित की है, तब से ही इसे विभिन्न प्रकार के आरोप प्रत्यारोप का सामना करना पड़ रहा है। पहले इस पर राजनीतिक दलों ने ढेरों प्रश्न उठाये, बाद में इसके विरोध में कुछ राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी किये गए। हालांकि सेना और सरकार ने समय समय पर इस योजना के विरुद्ध फैलाई गयी भ्रांतियों को हल करने का प्रयास किया, साथ ही हिंसक प्रदर्शन करने वाले लोगो के प्रति कानूनी कार्यवाही करने निर्णय किया, जिसके पश्चात यह आंदोलन शांत हुआ।

हालांकि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अभी भी कुछ राजनीतिक दल हैं जो इस योजना के प्रति युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं कुछ राज्य सरकारें ऐसी भी हैं जिन्होंने इस योजना के विरोध में प्रस्ताव तक पास कर दिए हैं, और भर्ती के लिए सेना कोई यथोचित सहयोग भी नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पंजाब में सामने आया है, जहां सेना ने जालंधर के स्थानीय प्रशासन का सहयोग न देने का आरोप लगाया है, जिससे अग्निपथ भर्ती रैली रद्द भी की जा सकती है।

भारतीय सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन का सहयोग न मिलने का हवाला देते हुए पंजाब सरकार के मुख्यसचिव को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में सेना ने कहा है कि भर्ती रैलियों को या तो स्थगित किया जा सकता है या पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है।

जालंधर के जोनल भर्ती अधिकारी, मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने 8 सितंबर को यह पत्र पंजाब के मुख्य सचिव वी के जंजुआ और कुमार राहुल, प्रमुख सचिव, रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण को लिखा है। यहाँ आपको बता दें कि सेना की भर्ती रैली आयोजित करने के लिए सेना को कानून व्यवस्था बनाये रखने, भर्ती परिसर, चिकित्सा सुविधा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन की सहायता की जरूरत होती है।

सेना के ऐसे सीधे सीधे आक्रमण से आम आदमी पार्टी हक्कीबक्की रह गयी और स्वयं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निवीरों की भर्ती में पूरा सहयोग करना का भरोसा दिया है। इसके पश्चात सेना ने भी एक प्रेस वार्ता कर के बताया कि लुधियाना और गुरदासपुर में भर्ती रैलियां सफलतापूर्वक आयोजित की गयी हैं, और इन्हे किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर अग्निवीरों की भर्ती में सहयोग करने की बात कही है । उन्होंने कहा है कि अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही हुई तो उचित कार्यवाही की जायेगी। सभी उपायुक्तों को सेना के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया गया और राज्य से सेना में अधिक से अधिक उम्मीदवारों की भर्ती के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा, करते रहेंगे अग्निपथ योजना का विरोध

सेना की आपत्ति के बाद जहां एक ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निपथ भर्ती में सहयोग करने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर उनके सहयोगी और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा है कि उनकी सरकार अग्निपथ योजना का विरोध करते आये हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। जब प्रदेश के वित्त मंत्री के ऐसे विचार हों, ऐसे में पंजाब सरकार पर किस प्रकार विश्वास किया जा सकता है?

पंजाब सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था

पंजाब सरकार ने बेशक आश्वासन दे दिया हो, लेकिन उन्होंने ही अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वयं यह प्रस्ताव सदन में रखा था और इसे पास करवाया था। भगवंत मान ने कहा था कि भाजपा सरकार की अग्निपथ योजना एक तर्कहीन कदम है, जो भारतीय सेना के ताने-बाने को बुरी तरह से छिन्न भिन्न कर देगी। भाजपा के दो विधायकों अश्विनी शर्मा और जांगी लाल महाजन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था।

इस प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भगवंत मान ने कहा था कि वह जल्द ही अग्निपथ योजना के मुद्दे को प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे । वहीं विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की थी कि अग्निपथ योजना वापस ले ली जानी चाहिए। अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया था और योजना को वापस लिए जाने की मांग की थी। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि राज्य में समूचा राजनीतिक नेतृत्व ही जब इस योजना के विरोध में है, ऐसे में स्थानीय प्रशासन का समर्थन मिलेगा भी तो कैसे?

क्या पंजाब सरकार सेना की भर्ती में व्यावधान डालकर पूरी प्रक्रिया को बाधित करना चाहती है ?

पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के खालिस्तानी तत्वों से संबंधो पर काफी कुछ लिखा जा चुका है। यह तो सभी को ज्ञात है कैसे विदेशो में रहने वाले खालिस्तानी तत्वों ने आम आदमी पार्टी की चुनावों में सहायता की थी, यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आते ही प्रदेश में खालिस्तानी तत्वों का प्रभुत्व बढ़ गया है।

जहां तक सेना में भर्ती की बात है, तो पंजाब से हमारी सेना में हर वर्ष हजारों युवक भर्ती होते हैं। पंजाब तो देश को ढेरों जांबाज जवान और बहादुर अफसर देने के लिए विख्यात भी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इस तरह से भर्ती प्रक्रिया में व्यावधान डाल कर कहीं युवाओं को सेना से विमुख तो नहीं करना चाहती? यदि इस बात ध्यान दिया जाएगा तो पता चलेगा कि खालिस्तानी तत्व हमेशा से यही चाहते आये हैं कि आम पंजाबी युवक सेना से दूर हो जाए। ऐसे में आम आदमी पार्टी की भूमिका अत्यंत संदिग्ध हो जाती है।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

1 COMMENT

  1. Mr Cheema is against Agnipath scheme despite assurances from CM Mr Bhgwant Maan, as he has recently he has a dinner with his supremo at the home of a auto-driver in Gujrat! It can have serious affect in Punjab politics.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.