आम आदमी पार्टी के व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव संदीप भारद्वाज ने अपने घर में फांसी लगा आत्महत्या कर ली। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी भी प्रकार का आत्महत्या का नोट नहीं मिला है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कुछ दिन पहले भारद्वाज की तबियत खराब हुई थी, लेकिन उपचार के बाद वह स्वस्थ हो चुके थे। कुछ दिनों से वह राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय भी थे, ऐसे में आत्महत्या के कारण का पता करने में पुलिस जुटी है। कीर्तिनगर थाना पुलिस इस मामले में इनके स्वजनों से पूछताछ कर जानकारी प्राप्त कर रही है।
पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त घनश्याम बंसल के अनुसार संदीप भारद्वाज राजौरी गार्डन क्षेत्र में रहते थे। वह तलाकशुदा थे और परिवार में उनकी दो बहनें और एक बेटा है। राजौरी गार्डन में उनका स्वयं का व्यवसाय भी है, वह स्थानीय मार्बल संगठन के अध्यक्ष भी थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस को लगभग 4.40 बजे सूचना मिली कि संदीप भारद्वाज ने अपने कमरे में फांसी लगा ली है। संदीप भोजन करने के पश्चात ऊपरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में चले गए थे, जब वह बहुत समय तक नीचे नहीं आये तो उनके परिवारजनों को संदेह हुआ।
परिजन जब ऊपर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि संदीप ने फांसी लगा ली थी।उन्हें फंदे से उतार कर पास के अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना की सूचना मिलने के पश्चात पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए डीडीयू अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया है। संदीप के जुड़े लोगों ने बताया कि वह आम आदमी पार्टी के स्थापना के समय से पार्टी से जुड़े हुए थे और अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रहा करते थे।
संदीप की आत्महत्या के कारणों पर लगाए जा रहे हैं कयास
संदीप भारद्वाज के कुछ निकट सम्बन्धियों और मित्रों का कहना है कि वही पिछले कुछ समय से बहुत परेशान थे। वहीं राजनीतिक गलियारों में इस आत्महत्या से सम्बंधित कई तरह की बातें की जा रही हैं। ऐसा बताया जा रहा है दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी भी की थी, लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, जिससे क्षुब्ध हो कर उन्होंने आत्महत्या कर ली।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जताया शोक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “आप के कार्यकर्ता संदीप भारद्वाज की आकस्मिक मृत्यु बेहद दुुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति संवेदना है। पूरी पार्टी उसके परिजनों के साथ खड़ी है।”
भाजपा ने लगाया वसूली का आरोप, मनोज तिवारी ने घटना को कहा ‘हत्या’
दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने के कारण राजनीतिक वातावरण गर्म है, ऐसे में इस आत्महत्या ने विपक्ष को आम आदमी पार्टी पर आक्रमण करने का अवसर दे दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि संदीप के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं ने टिकट देने के बदले लाखों रूपए देने का समझौता किया था।
इसके अनुसार संदीप को 82 लाख रुपये देने के लिए कहा गया था, जिसमे से संदीप ने 21 लाख रुपये की पहली किस्त, 40 लाख रुपये की दूसरी किस्त और 21 लाख रुपये की तीसरी किस्त दे कर पूरी रकम का भुगतान भी कर दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि इतना रुपया देने के पश्चात भी उन्हें टिकट ना दे कर किसी और को दे दिया गया। इस कारण से संदीप बड़े ही दुखी थे, और हो सकता है इसी अवसाद में उन्होंने आत्महत्या जैसा जघन्य कदम उठा लिया।
वहीं दिल्ली भाजपा के प्रमुख नेता और पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसे एक हत्या का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि, “मेरा मानना है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। संदीप भारद्वाज को टिकट का आश्वासन दिया गया था। जो साक्ष्य मिले हैं, उससे यह आत्महत्या जैसा नहीं लग रहा है। यह भी पता चल रहा है कि उस सीट का टिकट किसी और उम्मीदवार को बेच दिया गया है। आत्महत्या के लिए उकसाना भी हत्या जैसा ही अपराध है, आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने पाप किया है।”
कथित ‘कट्टर ईमानदार’ आम आदमी पार्टी के टिकट बंटवारे पर उठ रहे हैं प्रश्नचिन्ह
आम आदमी पार्टी का टिकट बंटवारा पहले ही संदिग्ध माना जा रहा है। पिछले ही दिनों एक स्टिंग ऑपरेशन भी आया था , जिसमे आम आदमी पार्टी के नेता एमसीडी टिकट के बदले पैसे मांगते दिखाई दे रहे थे। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक गुलाब सिंह यादव की भी कुछ ही दिनों पहले पार्टी सदस्यों ने पिटाई कर दी थी। उन पर भी उम्मीदवारों से लाखों रूपए लेने का आरोप लगाया जा रहा था।
मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया था कि कैसे गुलाब सिंह यादव ने उनसे पैसे ले लिए और बाद में टिकट किसी और को दे दिया, जिसने ज्यादा पैसा दिया था। इसके पश्चात स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी और उन्हें वहां से भागना पड़ा। हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल ने इसके पीछे भाजपा का हाथ बताया। लेकिन वह इस विषय पर कोई सफाई नहीं दे पाए कि उन्ही की पार्टी के कार्यकर्त्ता उन्हें के विधायक को क्यों मार रहे थे।
टिकट नहीं मिलने पर टावर पर चढ़ गया था आप का पूर्व पार्षद, कहा- ‘मुझसे 3 करोड़ मांगे’
13 नवम्बर को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद हसीब उल हसन शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के सामने एक हाईटेंशन वायर टावर पर चढ़ गए थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि पार्टी ने उन्हें एमसीडी चुनाव का टिकट ना दे कर किसी और प्रत्याशी को पैसे ले कर दे दिया। हसन ने कहा कि, अगर मुझे कुछ होता है या अगर मैं मर जाता हूं तो आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक और आतिशी उत्तरदायी होंगे। उनके पास मेरे सारे दस्तावेज हैं, सोमवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है और वो मुझे मेरे दस्तावेज नहीं दे रहे हैं।
हसन ने पार्टी के नेताओं द्वारा उनसे 3 करोड़ रूपए मांगे जाने का आरोप भी लगाया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने इस विषय पर सफाई देते हुए कहा, “हसीब उल हसन एक समर्पित और मेहनती पार्टी कार्यकर्ता हैं। टिकट न मिलने से उनका परेशान होना स्वाभाविक है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, उनके प्रति पार्टी की सहानुभूति है।
इससे पहले पंजाब चुनावों के समय भी आम आदमी पार्टी पर पैसे ले कर टिकट बेचने का आरोप लगा था। एक वीडियो भी आया था जिसमे पंजाब में आप के चुनाव संयोजक राघव चड्ढा से कुछ लोगों ने बहस और हाथापाई कर ली थी, उन पर भी टिकट बेचने का आरोप लगाया गया था। ऐसे ही राज्य सभा के टिकट बेचने का आरोप भी आम आदमी पार्टी पर लगाया जा चुका है।
आम आदमी पार्टी ने सुशील गुप्ता और एन डी गुप्ता को राज्यसभा भेजा था, जिन्हे पार्टी में अधिकांश लोग जानते भी नहीं थे। ऐसा आरोप लगाया गया था कि इन दोनों व्यवसाइयों से करोड़ों रूपए ले कर उन्हें राज्यसभा सीट दी गयी थी।
ऐसे में संदीप भारद्वाज की आत्महत्या के पश्चात आम आदमी पार्टी पर प्रश्न तो उठेंगे ही कि आखिर यह हो क्या रहा है? क्या यही कट्टर ईमानदार राजनीति है?