spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
20.4 C
Sringeri
Tuesday, July 1, 2025

पारंपरिक औषधि का वैश्विक-केंद्र बनता भारत

‘दुनिया की फार्मेसी’ के बाद भारत ‘वैश्विक आरोग्य’ का केंद्र भी बनकर दिखा सकता है, ये कल्पना मात्र नहीं, बल्कि अब ये घोषित सत्य बन चुका है l पारंपरिक औषधि का वैश्विक-केंद्र के रूप में भारत के चुनाव की ये घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेडरोज़ ऐडहानाम ने भारत को विडियो के माध्यम से भेजे अपने सन्देश में उस समय की जब ५वें आयुर्वेदिक दिवस के उपलक्ष्य में श्री नरेंद्र मोदी नें भविष्य में तैयार होने वाले जयपुर और जामनगर में स्थित दो आयुर्वेदिक संस्थानों का विडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा उद्घाटन किया l

पिछले साल की तुलना में इस साल सितम्बर में आयुर्वेदिक-उत्पादों का निर्यात ४५% बढ़ा है, जो ये समझने के लिए काफी है कि आयुर्वेद पर दुनिया के देशों नें कितना भरोसा दिखाया है l और यही कारण है  कि जिसका परिणाम डब्लू एच ओ की इस घोषणा के रूप में सामने आया है l

दुनिया भर में पायी जाने वाली जड़ी-बूटीयों में आधे से अधिक भारत में पैदा होतीं हैं l लेकिन इसकी सही मायने में सुध तभी जाकर ली गयी, जब सन २००० में अटल बिहारी की एनडीऐ सरकार नें पहली बार भारतीय चिकत्सा पद्धतियों के लिए अलग से राष्ट्रीय नीति बनायी l जिसके अंतर्गत आयुर्वेद तथा यूनानी चिकत्सा पद्धति को हरित उद्धोग की श्रेणी में लाने का अभूतपूर्व कार्य किया गया l

और तभी जाकर आंवला, अश्वगंधा, चन्दन आदि आयुर्वेद में उपयोग होने वाली जड़ी-बूटीयों को नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड नें पहली बार उनके संरक्षण-संवर्धन को लेकर योजना बनाने पर ध्यान देना शुरू किया l और अटलजी की सरकार के दौरान ही कोच्ची [केरल] में प्रथम ‘विश्व आयुर्वेदिक सम्मेलन व हर्बल मेला’ आयोजित कर दुनिया को बताया कि उसके पास उसे देने को उसकी अपनी क्या बेमिसाल निधि है l इस आयोजन में अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क, केनेडा समेत दुनिया के ५० देशों के २५०० प्रतिनिधियों नें बढ़चढ़कर भाग लिया था l

कोरोना के इस काल में निराश मानव जाति के लिए आयुर्वेद नयी आशा की किरण लेकर आया है l यहाँ तक कि देश की सीमा लांघ विदेश तक में अब इसने सुर्खियाँ बटोरना शुरू कर दिया है-

‘कोरोना वायरस टोंसिल से फेफड़े में पहुंचकर शरीर में तेजी से फैलता है l हल्दी और चूना मिलकर विषनाशक बन जाते हैं l शरीर में फ्री रेडिकल्स और यूरिक एसिड नहीं बन पता, जिससे लंग्स समेत अन्य अंगों में सूजन नहीं आती l

दोनों औषधि[हल्दी-चूना] प्रतिरोधक-क्षमता बढ़ाती हैं, जो कोरोना मरीज़ को देने से सिद्ध भी हुआ है l अमेरिका के मेडिकल जर्नल में इस पर शोध छपा है l यह शुगर समेत कई अन्य बीमारियों का भी इलाज है l” – डॉ देवदत्त भाद्लीकर,आयुर्वेद प्रोफेसरऔर हल्दी-चूने से रोगों के उपचार की विधि के विशेषज्ञ l

पंचभौतिक [धरती,अग्नि,जल,वायु और आकाश ] अवधारणा पर आधारित आयुर्वेद में मनुष्य जीवन के भौतिक व अध्यात्मिक दोनों ही पक्षों का संतुलित विचार होता है l इसलिए इसके अंतर्गत होने वाले उपचार में स्वास्थ शरीर के साथ-साथ मन के निग्रह व आत्मा के उत्थान को भी ध्यान रखा जाता है l और, इसी कारण से योगासन को आयुर्वेद से जोड़ा गया है l

महर्षि सूश्रूत नें स्वस्थ व्यक्ति की व्याख्या ऐसे व्यक्ति से की है जिसके शरीर त्रिदोष वात, पित, कफ़ संतुलित अवस्था में हों, प्राणभूत द्रव पदार्थ सामान्य अवस्था में हों और साथ ही आत्मा, मन, और इन्द्रिय शांत अवस्था में हों l यही आयुर्वेद का एकात्म दृष्टिकोण है l सम्पूर्ण रोग-प्रतिरोधक क्षमता [आरोग्य] को प्राप्त करने में शाकाहार की बड़ी भूमिका है, जिसे आयुर्वेद नें प्रधानता से स्वीकारा है l

दूसरी ओर  गिलोय, शतावरी, अश्वगंधा, तुलसी, काली मिर्च में निहित इम्युनिटी बढ़ाने के गुणों से दुनिया अब अनजान नहीं, इसी के कारण से आज आयुर्वेदिक औषधियां  के निर्यात में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है l आज लगभग ९० देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने वालों की अच्छी-खासी संख्या है l

आयुर्वेद के द्वारा देश को प्राप्त इस गौरव के पीछे एनडीए सरकार की भूमिका को सदेव स्मरण किया जाता रहेगा l जब केंद्र में नरेंद्र मोदी नें सत्ता संभाली तो आयुर्वेद को पृथक आयुष मंत्रालय मिला l प्रधान मंत्री विदेश में जहां भी गए उन्होंनें नें भारतीय पारंपरिक ओषधियों को प्रोत्साहित करने के लिए करार किये l साथ ही भारतीय दूतावासों में आयुष सूचना केंद्र भी स्थापित किये l


क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगा? हम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट  अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए  Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।

Subscribe to our channels on WhatsAppTelegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

Rajesh Pathak
Rajesh Pathak
Writing articles for the last 25 years. Hitvada, Free Press Journal, Organiser, Hans India, Central Chronicle, Uday India, Swadesh, Navbharat and now HinduPost are the news outlets where my articles have been published.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.