पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक अवयस्क कन्या की नृशंस हत्या का मामला अब तूल पकड़ रहा है। इस निकृष्ट घटना से समाज उद्वेलित है, वहीं जनमानस में जिहादी मानसिकता के लोगो के प्रति आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। सोमवार को सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा इलाके में एक सुनसान जगह पर अवयस्क लड़की की हत्या कर दी गई, जब वह अपने स्कूल से घर लौट रही थी।
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी अभिषेक गुप्ता ने बताया कि हत्याकांड के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार किये गए मोहम्मद अब्बास ने अवयस्क लड़की का यौन शोषण करने का प्रयास किया और असफल रहने पर उसकी निर्दयता से हत्या कर दी थी।
लड़की का शव माटीगाड़ा के जंगली इलाके में स्थानीय निवासियों को मिला। पुलिस ने कहा कि घटनास्थल से एक ईंट भी बरामद की गई है, जिसका इस्तेमाल मृतक का सिर कुचलकर हत्या करने के लिए किया गया था।
इस घटना के पश्चात पूरे शहर में आक्रोश की लहर फ़ैल गयी है। शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, वहीं सभी दुकानें बंद कर दी गयी हैं और सड़कों पर केवल कुछ सरकारी और निजी वाहन ही चल रहे हैं।
इस जघन्य घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने गुरुवार को 12 घंटे की आम हड़ताल का आह्वान किया है। विहिप ने की जिहादी हत्यारे को अविलम्ब फांसी देने और परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग भी की है।
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री श्री अमिया सरकार ने आज कहा है कि तीन दिन पूर्व सिलीगुड़ी में एक हिंदू दलित नाबालिग लड़की की नृशंस हत्या के तीन-चार दिनों के बाद भी सभी दोषियों की गिरफ्तारी न होने और प्रशासन द्वारा मामले में निष्क्रिय रहने का विरोध करने वालों पर क्रूर लाठीचार्ज कर वह अपने दोषों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर फर्जी आपराधिक मामले दर्ज किए। इसके उपरांत भी जब वे जमानत लेकर वापस लौट रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया और उन पर लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा अपना विरोध कार्यक्रम बंद करने का दबाव डाला। आज सिलीगुड़ी में वीएचपी ने जो बंद बुलाया, उसका सभी स्तरों के लोगो ने व्यापक समर्थन किया।
विश्व हिन्दू परिषद् ने यह भी कहा कि, उपरोक्त घटना से पता चलता है कि जब जेहादियों द्वारा हिंदुओं पर हमला किया गया, तो टीएमसी और उसके सहयोगी सेक्युलर ब्रिगेड के नेता और राजनीतिक समूह अंधेरी गुफाओं में छिप गए । ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार शब्द का कोई मूल्य नहीं है। विश्व हिंदू परिषद की उपरोक्त मांगों के अनुरूप यदि सरकार एवं प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाया तो हिंदू समाज में पनप रहा असंतोष अत्यंत गंभीर रूप ले सकता है।