कथित वोक लिबरल संघ या भाजपा या कहें उनके बहाने से उन सभी लड़कियों से नफरत करते हैं, को हिन्दू धर्म को मानती हैं या फिर अपने धर्म के लिए समर्पित हैं। 9 जून को क्लब हाउस का एक ऑडियो सामने आया जिसमें यह कथित लिबरल अपनी असहिष्णुता का परिचय देते हुए संघी लड़कियों के साथ टाइम पास डेटिंग करने की बात कर रहे हैं और हेट सेक्स, अर्थात ऐसे यौन सम्बन्ध बनाने की बात कर रहे हैं, जिसमें विचारों के आधार पर आप नफरत करते हैं, मगर सेक्स करते हैं।
https://twitter.com/squineon/status/1402550047728758788
हालांकि यह नहीं पता चल पाया है, कि यह कब का ऑडियो है। पर इसमें जो बातें हैं वह डराने वाली हैं। रूम का नाम था “सेक्स विद योर एक्स”! इसमें पूछा गया है कि “डू यू ओनली डेट हॉट पीपल?” माने कया आप केवल हॉट माने सेक्सी लोगों के साथ ही डेट करते हैं? डेट का अर्थ सेक्स करने से ही है। तो इसमें भाग लेने वाले कई लोगों में एक स्पीकर है नीरज कदम्बूर, तो जब उससे पूछा गया कि क्या आप केवल हॉट पीपल के साथ ही डेट करते हैं तो उसका जबाव था “वैसे तो मैं सभी के साथ डेट कर लेता हूँ, पर डेटिंग एप पर मैं संघी टाइप के लोगों के साथ डेट करता हूँ।”
जैसे ही वह यह कहता है वैसे ही सब हंसने लगते हैं और उपहास उड़ाते हुए कहते हैं “संघी?” फिर एक लड़की शायद ऐश्वर्य या जेनिस वह सब हँसते हुए पूछती हैं “संघीज़ आर नॉट हॉट!” तो वहीं नीरज कहता है “यार वह दिखते हॉट हैं।”
उसके बाद वह क्या कहता है, वह अपनी घृणा और घृणा के कारण करें वाले बलात्कार को एन्जॉय करते हुए बताता है “पेपर बैग सेक्स की तरह अगर मैं —————- को कवर कर सकूं तो!” पेपर बैग सेक्स? यह कौन सी अवधारणा है? कई लोगों ने तो यह शब्द सुना ही नहीं होगा? यह बहुत ही डराने वाला शब्द है! क्योंकि यह सेक्स को केवल और केवल शरीर के साथ जोड़ता है और घृणित सम्बन्ध जैसा है।
पेपर बैग सेक्स का अर्थ होता है, साथी का चेहरा न पसंद आने पर उसका चेहरा पेपर बैग से कवर कर दिया जाता है और फिर उसके साथ सेक्स किया जाता है। चेहरा न पसंद आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे साथी का बदसूरत होना, झगड़ा हो जाना या फिर सबसे महत्वपूर्ण उससे घृणा करना!
पर क्या दो लोग आपस में घृणा करने पर सेक्स जैसा पवित्र कर्म कर सकते हैं? यह समझ आना जरा कठिन है! पर जहाँ पर यौन कुंठा जमकर भरी हो और हवस ही सबसे बढ़कर हो तो वह अपने शरीर की प्यास को पूरा करने के लिए सब कुछ कर सकते हैं और पेपर बैग सेक्स भी!
इस पर आगे कोई कहती है कि यह तो हेट सेक्स जैसा है!
जी हाँ, हेट सेक्स! माने आप करते तो हेट माने घृणा है, पर आप सेक्स करेंगे क्योंकि आपको उसका फिगर बहुत अच्छा लग रहा है!
यह सोच इन कथित लिब्रल्स की है, जो उदारता के मसीहा बनकर घुमते हैं! कथित लिब्रल्स “हॉट संघीज़” का रेप करना चाहते हैं। हालांकि बात बढ़ने पर यह कहा गया कि जो व्यक्ति बात कर रहा है, वह गे है! और वह लड़कों के बारे में बात कर रहा है! लड़कियों के बारे में नहीं!
अब फिर से इन कथित लिब्रल्स के लिए प्रश्न है कि क्या किसी संघी पुरुष के साथ कोई लिबरल पुरुष दुराचार करने के लिए आज़ाद है? क्या यह कह देने से कि यह लड़कियों के लिए नहीं था, वह बच जाएंगे?
जो भी है, पर यह सोच समाज के लिए बहुत खतरनाक है क्योंकि यही सोच है जिसके कारण पश्चिम बंगाल में अभी तक हिन्दुओं के कत्लेआम को संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है और यही वह सोच है जिसके कारण पत्रकार भी यह लिख देते हैं कि “संघी ही तो मर रहे हैं!” यही वह सोच है जिसके कारण केरल आदि में हिन्दुओं के मरने पर चुप्पी छा जाती है!
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