दिल्ली में जहांगीर पुरी में आज पुलिस की टीम पर ही हमला हो गया। हिन्दुओं पर हुई हिंसा के सम्बन्ध में एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा था, और पुलिस की टीम जब उसके घर पर उसकी खोज में गयी तो परिवार के सदस्यों ने विरोध में पथराव किया
इसका वीडियो भी सामने आया है
एक यूजर ने मुख्य आरोपी अंसार की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए कहा कि “अंसार गरीबी के कारण आतंकवादी बना और आईआईटी वाला इंसान शिक्षा के अभाव में आतंकवादी बना!”
इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि अंसार सोने से लदा हुआ है और साथ ही महंगी गाड़ी पर अपना पैर रखे हुए है।
एक यूजर ने लिखा कि यह अंसार बांग्लादेश से पाकिस्तानी आईएसआई स्लीपर सेल से है और उन्हें यह तस्वीरें सोशल मीडिया से मिली हैं, और यह कथित रूप से आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है और यह बंगाल से दिल्ली तक देह व्यापार और अन्य गैर कानूनी तस्करी के काम से जुड़ा हुआ है
जहांगीरपुरी का पूरा इलाका बांग्लादेशियों से घिरा है
दैनिक जागरण के अनुसार जहाँगीरपुरी क्षेत्र में जहाँ पर हिंसा हुई है, उसे बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है। उसके अनुसार
“जहांगीरपुरी में 12 ब्लाक हैं। छोटी-छोटी गलियों में संकरे मकानों में लाखों लोग रहते हैं। उत्तर-पश्चिमी जिले में स्थित इस इलाके में बड़ी संख्या में बांग्लादेश के मुस्लिम रहते हैं। यह इलाका आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। साथ ही नशे के लिए भी यह क्षेत्र काफी बदनाम रहा है। प्रमुख रूप से इलाके के सी ब्लाक, एच ब्लाक, जी ब्लाक में बांग्लादेश के मुस्लिमों की संख्या अधिक है।“
जागरण के अनुसार यहाँ पर न ही किसी की कोई जांच पड़ताल होती है और न ही इन्हें किराए पर रखने वाले पुलिस सत्यापन आदि भी करते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार एक लाख से अधिक बांग्लादेशी मुस्लिम यहाँ पर रहते हैं। और यहाँ पर चोरी के सामान की खरीद फरोख्त जैसी घटनाएं होती हैं।
इस विषय में कई यूजर्स ने गृह मंत्री श्री अमित शाह से भी यह प्रश्न किये हैं कि रोहिंग्या कब वापस भेजे जाएंगे, क्योंकि अधिकतर पत्थर फेंकने वाले रोहिंग्या हैं:
वहीं दंगों के आरोपित सोनू चिकना और सलीम चिकना की अम्मी ने “रोते-रोते” इस बात को स्वीकार किया है कि जहांगीरपुरी में हुए दंगों में उसके बेटों ने गोलियां चलाई थीं। उसने “इंडिया टुडे” से बात करते हुए कहा कि उसके बेटे को फालतू में ही गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उसने तो केवल अपने “समुदाय का साथ देने के लिए ही गोली चलाई थी!
मीडिया एक प्रकार से यही साबित करने में लगी हुई है कि इस हिंसा में केवल हिन्दुओं का ही योगदान है! कोई भी यह नहीं पूछता और प्रश्न नहीं उठा रहा है कि आखिर भारत में आकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या आकर क्यों भारत के हिन्दुओं को ही शोभायात्रा नहीं निकालने दे रहे हैं?
इस दिशा में कोई भी प्रश्न नहीं कर रहा है?
अब अंसार के विषय में पता चल रहा है कि अंसार ने ही सीलमपुर और जाफराबाद में सीएए विरोधी आन्दोलन के दौरान सड़क जाम करने के लिए औरतों और बच्चों की व्यवस्था करता था।
वहीं यह भी कहा जा रहा था कि मस्जिद पर भगवा झंडा लहराया गया, इससे लोग भड़क गए। परन्तु पुलिस के अनुसार यह पूरी तरह से झूठ था, अफवाह थी, और सबसे गजब यही है कि यही प्रोपोगैंडा चलाया गया
यही प्रोपोगैंडा चलाया जाता रहेगा! एक प्रश्न यह भी उठता है कि क्यों इतने वर्षों से बांग्लादेशी और रोहिंग्या आकर बस ही नहीं रहे हैं, बल्कि सत्यापन भी होता जा रहा है? क्यों सरकार की ओर से ऐसे कदम नहीं उठाए जा रहे हैं? क्यों दिल्ली ही नहीं पूरे देश को ऐसे लोगों की दया पर छोड़ा जा रहा है, जिनके दिल में न ही भारत के लिए प्यार है और न ही भारत को अपना मनाने का भाव?