नुपुर शर्मा के मामले ने कई ऐसे तत्वों की पोल खोल कर रख दी है, जो स्वयं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पैरोकार या स्त्री अधिकारों की बात करने वाले मानते हैं। शुक्रवार को जिस प्रकार नुपुर शर्मा का पुतला टांगा गया और जिस प्रकार एक महिला को लेकर हिंसा की सीमाओं को लांघा गया, वह तो शर्मनाक है ही, उस पर चुप्पी अत्यधिक लज्जाजनक है! बल्कि स्वयं को हर प्रकार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का चैम्पियन बताने वाले लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर नुपुर की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है?
ऐसी ही एक ऐसी महिला जिनके ट्वीट अधिकाँश मोदी सरकार के विरोध में होते थे, उन्होंने भी विरोध की सीमा पार कर दी है। यह वही साईमा हैं जिन्होनें दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर लोगों के इकट्ठा होने की अपील की थी और फिर जब लोगों ने रेडियो मिर्ची से पूछा था कि क्या यह आधिकारिक वक्तव्य है तो साइमा ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया था।
तो सरकार का विरोध करने के लिए इस हद तक जाने वाली साइमा, जो स्वयं लोगों को भड़का रहीं थी, अब उन्होंने फिर से ऐसा ही एक प्रश्न पूछा है कि क्या नुपुर शर्मा हर क़ानून से बढ़कर हैं, जो उन्हें हिरासत में नहीं लिया जा रहा है?
लेकिन यही साइमा उस सबा नकवी के पक्ष में आकर खड़ी हो गयी हैं, जिन्होनें महादेव का अपमान करने वाला ट्वीट किया था। उन्होंने सबा नकवी का पक्ष रखते हुए जो लेख एनडीटीवी ने लिखा है, उसे रीट्वीट किया है! यही नहीं उन्हें महादेव का अपमान करने वाले प्रोफ़ेसर रतनलाल भी निर्दोष दिखते हैं और उन्होंने रतनलाल की गिरफ्तारी की निंदा करने वाले ट्वीट को भी रीट्वीट किया है।
अब प्रश्न यह है कि क्या महादेव के अपमान को इस देश में सहन किया जाए? क्या जिन लोगों ने इस देश के बहुसंख्यकों के महादेव के विषय में इस सीमा तक अश्लील ट्वीट किये, उन पर संवैधानिक कदम भी न उठाया जाए?

रतनलाल ने क्या पोस्ट किया था, वह भी देखना चाहिए:

सबा नकवी ने कुछ दिन पहले यह कहते हुए ट्वीट किया था कि अब इस मामले को छोड़ देना चाहिए और उन देशों पर अधिक नहीं इतराना चाहिए जिनके खुद के मानवाधिकार रिकॉर्ड खराब हैं। ब्लेसफेमी का मामला हमें बहुत ही अजीब स्थिति में लेकर चला गया है, और एक बहु-सांस्कृतिक देश के लिए आवश्यक है कि अब इसे भुला दिया जाए
अर्थात जो कुछ भी महादेव के विषय में अपशब्द कहे गए, उन्हें यह देश भुला दे! उन्हें हिन्दू भुला दें और कट्टरपंथी इस्लामिस्ट को खुला मार्ग दे दें, जिससे वह जो चाहें वह करते रहें।
मगर इस ट्वीट पर लोगों ने कहा कि महादेव के अपमान के लिए भी सजा दी जानी चाहिए और ऐसा कैसे चलेगा कि आप हिन्दू धर्म का अपमान करें और करती ही रहें:
नुपुर शर्मा की तस्वीर पर पेशाब करते हुए वीडियो
यही नहीं अब छोटे छोटे बच्चों के दिल में भी कट्टरपंथी जहर भर रहे हैं और नुपुर शर्मा की तस्वीर पर पेशाब करते हुए दिखाई दे रहे हैं:
क्या यह प्रश्न नहीं पूछा जाना चाहिए कि इन बच्चों के दिल में इतना विष क्यों घोला जा रहा है? यह वीडियो कहाँ का है, यह अभी तक सामने नहीं आया है, परन्तु यह हमने देखा था कि जब महाराष्ट्र में बुर्काधारी औरतों ने नुपुर शर्मा का विरोध करते हुए रैली निकाली थी तो कई बच्चियां भी सम्मिलित थीं!
यही नहीं यह भी प्रयागराज पुलिस ने बताया था कि बच्चों का प्रयोग शुक्रवार को हुई हिंसा में किया गया। पुलिस के अनुसार नाबालिग बच्चों को आगे करके हिंसा की!
जब इस्लामिक देश भारत को लगातार अपमानित कर रहे थे, उस समय सबा नकवी, साइमा और ऐसे ही कई लोग खुशी मना रहे थे, क्योंकि यह सरकार वह है जिसके गठन का उन्होंने अंतिम समय तक विरोध किया था, और वह लोग नहीं चाहते थे कि यह सरकार आए। परन्तु सरकार और देश और सरकार और बहुसंख्यकों की आस्था और धर्म में बहुत अंतर होता है। सरकारी नीतियों का विरोध अलग बात है और हिन्दुओं के आराध्यों का अपमान करना एकदम अलग बात! ऐसा कैसे हो सकता है कि आपको विरोध सरकार का करना है और आप बच्चों को हिन्दू धर्म के विरुद्ध भड़का रहे हैं?
आपको प्रश्न सरकार से हैं और आप पूछ हिन्दू धर्म से रहे हैं?
कश्मीर के यूट्यूबर फैजल वानी ने नुपुर की गर्दन उड़ाता हुआ वीडियो पोस्ट किया, बवाल होने पर माफी माँगी और अब गिरफ्तारी हो चुकी है
खैर, नुपुर शर्मा ने माफी मांग ली है, जैसे सबा नकवी ने मांग ली थी, परन्तु सबा को समर्थन प्राप्त है और नुपुर शर्मा की गर्दन यूट्यूबर बैठकर उड़ा रहे हैं, जिससे और हिंसा फैले और नुपुर के बहाने हिन्दू लड़कियों का शिकार हो। जम्मू कश्मीर के फैजल वानी ने एक वीडियो बनाया जिसमें वह नुपुर शर्मा की गर्दन उड़ा रहा है। जब इस बात पर विवाद हुआ और गिरफ्तारी की मांग की जाने लगी तो उसने कथित रूप से माफी मांग ली!
हालांकि उसे अब गिरफ्तार किया जा चुका है!
प्रश्न यही है कि यदि नुपुर शर्मा ने कुछ ऐसा गलत कहा है जो आपकी किताब में नहीं लिखा है तो निर्णय क़ानून के अनुसार होगा या शरिया के अनुसार? सबा नकवी, साइमा, फैसल वानी सहित पूरा इस्लामिक जगत एक महिला की जान के पीछे पडा हुआ है, बिना यह बताए कि अंतत: उसने क्या गलत कहा था?
सभ्य शब्दों में नुपुर शर्मा को हिंसा का कारण बताते हुए साइमा प्रश्न कर सकती हैं कि क्यों नुपुर को गिरफ्तार नहीं किया गया, सबा अपने लिए लेख लिखवा सकती हैं और फैसल यूट्यूब पर वीडियो बनाकर नुपुर का गला कैसे काटा जाए बता सकता है, कर्नाटक में नुपुर का पुतला टांगा जा सकता है, परन्तु यह कोई भी नहीं बता सकता है कि आपके नबी और हिन्दुओं के महादेव के अपमान में अंतर क्यों?
आप लोग महादेव का अपमान करके उकसाएँगे और यदि आवेश में सत्य ही किसी ने जोर से बोल दिया तो आप अरब देशों से अपने देश का अपमान कराएंगे, देश जलाएंगे, परन्तु उस तथ्य की पुष्टि या विरोध नहीं करेगा जो नुपुर ने कहे थे!
आज पूरे विश्व से नुपुर शर्मा के पक्ष में आवाजें उठ रही हैं कि सभ्य जगत को नुपुर शर्मा के समर्थन में आना चाहिए, नहीं तो कोई भी सभ्यता शेष नहीं रहेगी:
ग्रीट विल्डर्स ने भी कहा कि केवल अपराधी और आतंकवादी ही अपनी मजहबी असहिष्णुता और नफरत दिखाने के लिए ही सड़क पर हिंसा फैलाते हैं
यह तो निश्चित है कि पूरा विश्व उस पागलपन को देख रहा है, जो नुपुर शर्मा के नाम पर भारत में हो रहा है और कैसे भारत का विपक्ष सरकार का विरोध करने के नाम पर इस पागलपन का समर्थन कर रहा है और कैसे इस उन्माद को किसी न किसी बहाने से दोहराया जा रहा है!
Liberalism has turned this world into a clown world show.
Left is right, up is down, right is wrong, men are women,abusers are victims,green is white,Violence is Peace etc.