ट्रांस के मामलों में अब कथित लिबरल समाज की पोल खुलती दिखाई दे रही है। अमेरिका में डेली वायर के मैट वाल्स के ट्विटर हैंडल को इसलिए सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि उन्होंने जैविक वास्तविकताओं को पहचाना और उन्होंने कथित “जेंडर पहचान” पर टिप्पणी की।
उन्होंने ट्वीट किया था
“महिलाओं की जेओपारडी चैम्पियन एक आदमी है। फीमेल कॉलेज की टॉप महिला तैराक एक आदमी है। पब्लिक हेल्थ सर्विस में पहली फोर स्तर एडमिरल एक आदमी है और आदमियों ने अब लड़कियों के हाई स्कूल ट्रैक से लेकर एमएमए सर्किट तक कब्ज़ा कर लिया है। अंत में पितृसत्ता ही जीतती है!”

दरअसल मैट वाल्श उन मामलों को लेकर बोल रहे थे, जिनमें आदमी अपना लिंग बदलकर या हारमोंस लेकर स्वयं को महिला बताते हैं और ऐसा हाल ही में कई मामलों में देखा गया जैसे एमी शीनेडर, जिसने हाल ही में Jeopardy (एक कार्यक्रम) में एक मिलियन से अधिक अमेरिकी डॉलर जीते हैं, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में शीर्ष तैराक लिया थॉमस (जिनके विषय में हमने भी लिखा था) आदि।
यद्यपि एक और सेंसर किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि वह किसी व्यक्ति के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं।

परन्तु twitter ने उनका हैंडल संस्पेंड कर दिया और कहा कि जब तक वह इन ट्वीट्स को हटाते नहीं हैं, तब तक उनका हैंडल सस्पेंड रहेगा। मैट ने अपना वह ट्वीट हटाया और फिर एक और ट्वीट किया
“मैं उन फालतू टिप्पणियों के लिए दिल से माफी मांगना चाहता हूँ, जिनके कारण मैं सस्पेंड हुआ। मैं अब मान गया हूँ कि बायोलॉजी कुछ होती नहीं है, विज्ञान एक मिथक है, जो पुरुष है वह पुरुष न होकर महिला है और जो महिला है वह महिला न होकर पुरुष है!”
उसके बाद उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए गए अपने इंटरव्यू में लेफ्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ट्विटर से सस्पेंड कराया गया क्योंकि उन्होंने पुरुष को पुरुष और महिला को महिला कहा था, उन्होंने कहा था कि दो ही जेंडर होते हैं। पर इस बात पर विमर्श के स्थान पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। क्योंकि “यह सब गेम का हिस्सा है” और उनके आलोचक उनके साथ बौद्धिक विमर्श न करके मुंह बंद करने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लेफ्ट यही करता है। यही वामपंथ है, अगर आप उनकी आलोचना करते हैं तो वह आपके साथ बात नहीं करना चाहते हैं, बल्कि वह आपको चुप कराएंगे क्योंकि वह आपके साथ बौद्धिक रूप से विमर्श नहीं कर सकते हैं।
वामपंथी हर प्रकार के विमर्श से भागते हैं। उनके लिए विमर्श का अर्थ मात्र वही है जो उन्होंने सोच रखा है, जो उनका एजेंडा है। अपने एजेंडे से परे हर विमर्श उनके लिए ऐसा विमर्श होता है, जिन्हें वह शांत कराना चाहते हैं।
हैरी पॉटर की लेखिका भी हुई थीं वामपंथियों के इस बहिष्कार का शिकार
ऐसा नहीं है कि मैट वाल्श को ही वामपंथियों का यह गुस्सा झेलना पड़ा है। हाल ही में हैरी पॉटर की लेखिका जे के रोव्लिंग को भी ऐसा ही बहिष्कार झेलना पड़ा था जब उन्होंने ट्रांस महिलाओं पर प्रश्न उठाए थे। उनका विरोध सोशल मीडिया पर ही नहीं हुआ था, बल्कि हैरी पॉटर की रीयूनियन पार्टी में उन्हें ही नहीं बुलाया गया है। हैरी पॉटर जैसा चरित्र गढ़ने वाली लेखिका को हैरी पॉटर फिल्म के बनने के बीस वर्ष उपरान्त आयोजित होने वाली पार्टी में नहीं आमंत्रित किया गया था। इसका आयोजन एचबीओ द्वारा किया जा गया था और इसमें इस फिल्म से जुड़े सभी लोगों को बुलाया गया था। मगर इसमें से जे के रोव्लिंग ही गायब थीं।
कहा गया था कि उनकी इस बात से लोग नाराज थे कि उन्होंने ट्रांस महिलाओं का विरोध किया था। जबकि मजे की बात यही है कि जे के रोव्लिंग ने कभी ट्रांस लाइव्स मैटर और ट्रांस राइट्स आर ह्यूमेन राइट्स अर्थात ट्रांस की ज़िन्दगी भी मायने रखती है और ट्रांस अधिकार मानवाधिकार हैं, जैसी बातें लिखी थीं। उनका कहना था कि मैंने कभी यह नहीं कहा कि दो ही जेंडर होते हैं, मैंने यह कहा था कि अपने गलत कामों को छिपाने के लिए कोई इस पहचान को कवच न बनाए!
क्यों बढ़ रहा है विरोध
ट्रांस महिलाओं का विरोध क्यों बढ़ रहा है, यह एक विचारणीय प्रश्न है। यद्यपि इन ट्रांस महिलाओं अर्थात शरीर से आदमी और मन से महिला, का विरोध करने वालों को वही लेफ्ट और वोक पिछड़ा ठहरा रहे हैं, जो इतने समय से कथित पितृसत्ता से लड़ने का दावा कर रहे थे। जबकि महिलाओं की स्पर्धा में आकर ऐसे पुरुष जीत रहे हैं और महिलाओं के लिए उनके ही खेल के दरवाजे बंद कर रहे हैं।
ऐसे में कथित पितृसत्ता का वाहक या आदमियों की वर्चस्वता का वाहक कौन हो रहा है? जो वास्तविक महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं उन्हें लेफ्ट वर्ग पिछड़ा और पितृसत्ता का वाहक बता रहा है। जबकि यह कुछ ट्रांस महिलाएं असली महिलाओं का बलात्कार कर रही हैं, और उनके अधिकारों का हनन कर रही हैं।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ऐसा पाया गया है कि ट्रांसमहिलाओं या ट्रांसवुमन के आड़ में कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के पुरुष कुछ हार्मोनल उपचार के बाद महिलाओं का यौन शोषण कर रहे हैं, उनके अधिकारों पर डाका डाल रहे हैं!
यही वामपंथ और वोकिज्म लड़कियों को देता है, पीड़ा और शोषण के नए रूप! एक भ्रम, वह उनके समक्ष पहचान के इतने भ्रम उत्पन्न कर देता है कि वह सहज अपनी लैंगिक पहचान के प्रति ही भ्रमित हो जाती हैं। यही कारण है कि लेफ्ट हमेशा परिवार को तोड़ने पर जोर देता है, क्योंकि परिवार ही वह संस्था है जहाँ पर आकर बच्चा अपनी समस्याओं को साझा करना चाहता है, परन्तु वामपंथ का प्रथम प्रहार परिवार पर ही होता है, जिससे टूटी और भावनात्मक रूप से अकेली नई पीढी को अपने विष का शिकार बनाया जा सके।