spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22.3 C
Sringeri
Tuesday, June 24, 2025

दिल्ली दंगो के षड्यंत्रकारी उमर खालिद को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया झटका, जमानत याचिका हुई रद्द

दिल्ली दंगो के मुख्य षड्यंत्रकारी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली दंगा षड्यंत्र में लिप्त होने के कारण यूऐपीऐ कानून के अंतर्गत गिरफ्तार हुए उमर खालिद की जमानत याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। बता दें कि फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए मजहबी दंगों में लिप्त उमर खालिद की जमानत अर्जी पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा था।

उमर खालिद ने निचले न्यायालय में अपनी जमानत याचिका रद्द होने के निर्णय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी। उच्च न्यायालय में न्यायाधीश सिदार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की बेंच ने इस विषय पर अपना निर्णय सुनाया है।

अमर खालिद ने अपने बचाव का असफल प्रयास किया

उमर खालिद ने अपने बचाव में कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में उनकी कोई आपराधिक भूमिका नहीं है, और न ही वह दंगों की कथित षड्यंत्र के अन्य आरोपियों से किसी प्रकार से जुड़े हुए हैं। उमर खालिद ने कहा कि अभियोजन पक्ष के पास उनके विरुद्ध षड्यंत्र के आरोप साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं हैं। खालिद ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी 2020 को अमरावती में दिए गए भाषण में वह साफ तौर पर अहिंसा का आह्वान कर रहा था, और उसने कहीं भी हिंसक दलों का नेतृत्व भी नहीं किया।

हालांकि उमर खालिद के भाषण को देख कर तो कुछ और ही प्रतीत हो रहा है। यह वीडियो देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि उमर खालिद का मंतव्य क्या था, और वह इस षड्यंत्र में कितना लिप्त हो सकता है। उमर खालिद ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के समय मुसलमानों से देश भर में हिंसक आंदोलन करने और सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था।

दिल्ली पुलिस जमानत याचिका का किया कड़ा विरोध

दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि, उसका भाषण बहुत ही नपा तुला था, और बहुत सोच समझ कर दिया गया था। पुलिस के अनुसार खालिद ने अपने भाषण में बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों का कथित उत्पीड़न, संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसे विषयों पर बात की थी और मुसलमानों को भड़काने का प्रयत्न किया था।

जानिये क्या है यह पूरा मामला

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में जिहादी और कट्टर इस्लामिक तत्वों ने शाहीन बाग़ में कई महीनों तक धरना दिया था । इसके अतिरिक्त इन लोगो ने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे संस्थानों में जा कर लोगो को भड़काया और देश और हिंदुत्व के विरोध में आक्रामक नारेबाजी भी की। जिस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत में आने वाले थे, तब इन जिहादियों ने देश भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था।

इन जिहादी गुटों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे कराये, जिसमे खालिद के अतिरिक्त शर्जील इमाम, आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी की सदस्य सफूरा जरगर, आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों के विरुद्ध यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

दिल्ली पुलिस के अनुसार यह दंगे दो चरणों में हुए थे। पहले 2019 में और फिर फरवरी 2020 में, जहां पहले चरण में झूठी जानकारी फैलाई गई और मुसलमानों को भड़काया गया, सड़कों को बाधित किया गया, पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर हमले किए गए तथा गैर मुस्लिम इलाकों में हिंसा की गई। वहीं दूसरे चरण में हिन्दुओं पर लक्षित हमले किये गए और उनकी ह्त्या की गयी।

Subscribe to our channels on WhatsAppTelegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.